भोपाल (जयलोक)। बहुप्रतिक्षित नई तबादला नीति का खाका तैयार कर लिया गया है। माना जा रहा है कि नई नीति को इस माह कैबिनेट अपनी मंजूरी प्रदान कर देगी। इसके साथ ही अगले दो माह तक कर्मचारियों के तबादले का मौसम रहेगा। इन दो माह में कर्मचारी अपना तबादला करा सकेगें। नई नीति लंबे समय से अटकी थी, इसे लेकर कर्मचारी बेहद परेशान चल रहे हैं। यह बात अलग है कि इस बीच कई विभागों में थोकबंद तबादले होते रहे हैं। नगरीय प्रशासन से लेकर वित्त विभाग और आबकारी से लेकर पुलिस विभाग की बड़ी -बड़ी तबादला सूचियां बगैर नई तबादला नीति के ही जारी हो चुकी हैं। सूत्रों की माने तो एक बार फिर से नई तबादला नीति का खाका खींच लिया गया है। इसके तहत प्राथमिकता के आधार पर तबादले की अर्जी स्वीकार की जाएगी। नई नीति में किए गए प्रावधान के तहत पहले कर्मचारी और उसके परिवार की जरूरत देखी जाएगी। उसके बाद पूर्व में तबादले की जानकारी ली जाएगी। इसमें उस आवेदन को प्राथमिकता दी जाएगी जिस कर्मचारी द्वारा लंबे समय से तबादला नहीं कराया गया था। इसी तरह से यह भी देखा जाएगा कि जहां से तबादला होना है और जहां तबादला होकर जाना है, उन दोनों कार्यालयों की जरूरतें और वहां मौजूद कर्मचारियों की आवश्यकता का भी ध्यान रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि 2021 के बाद राज्य स्तर पर अधिकारियों की तबादला नीति में कोई संशोधन नहीं हुआ है, जिसके कारण कई अधिकारी और कर्मचारी परेशान हैं । अब, राज्य सरकार ने इसे संशोधित करके 2025 के लिए नई नीति लाने का निर्णय लिया है। यह नीति केवल राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों पर लागू होगी, जबकि जिलों के स्तर पर कोई बदलाव नहीं होगा। इस नीति में सीमित तबादलों की व्यवस्था की गई है और विभाग को अतिरिक्त तबादलों के लिए मुख्यमंत्री समन्वय में प्रस्ताव भेजने होंगे।
प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर होंगे तबादले
नई नीति के आने के बाद मंत्रियों का काम बढऩा तय है। इसकी वजह है आवेदनों पर प्रभारी मंत्रियों की अनुशंसा पर ही कार्रवाई होगी। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट मंत्री चाहे तो कुछ संवर्ग के तबादलों से जुड़े काम विभाग के राज्यमंत्रियों को भी दिया जा सकता है, जबकि जिलों में उन्हें यह अधिकार रहेगा।
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