Download Our App

Home » दुनिया » नए अध्यक्ष के चयन को लेकर संघ का बीजेपी के साथ कोई मतभेद नहीं

नए अध्यक्ष के चयन को लेकर संघ का बीजेपी के साथ कोई मतभेद नहीं

संघ के संयुक्त महासचिव अरुण कुमार ने कहा- फैसला पार्टी पर निर्भर

बेंगलुरु। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने साफ कर दिया है कि बीजपेी के नए अध्यक्ष के चयन को लेकर उसका बीजेपी के साथ कोई मतभेद नहीं है। संघ ने कहा कि यह निर्णय पूरी तरह से बीजेपी पर निर्भर है। हालांकि, इसमें यह भी कहा गया कि बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव जल्द होगा, जिससे इस मामले को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग जाएगा।
बेंगलुरु में आयोजित अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के दौरान संघ के संयुक्त महासचिव अरुण कुमार ने बीजेपी अध्यक्ष के लंबित चुनाव के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि संघ के सदस्य 32 संबद्ध संगठनों में काम करते हैं। हर संगठन स्वतंत्र है और उसकी अपनी फैसले लेने की प्रक्रिया है। उनकी अपनी सदस्यता संरचना और स्थापित प्रक्रियाएं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव के लिए समन्वय समिति की बैठक नहीं होगी। बीजेपी और आरएसएस में कोई अंतर नहीं है। हम समाज और देश के लिए मिलकर काम करते हैं। आज भी हम उसी विश्वास और समझ के साथ काम कर रहे हैं। पार्टी की प्रक्रिया चल रही है, सदस्यता पूरी हो चुकी है और कई स्तरों पर समितियों का गठन हो चुका है. आने वाले दिनों में बीजेपी अध्यक्ष का चुन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पार्टी के ढांचे के अंदर ही पूरी होगी। बस कुछ दिन इंतजार कीजिए, सब कुछ साफ हो जाएगा। वर्तमान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जो केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री भी हैं अपने कार्यकाल को विस्तार देते हुए इस पद पर बने हुए हैं। चर्चा यह भी है कि बीजेपी और आरएसएस किसी उपयुक्त उम्मीदवार पर सहमत नहीं हो पाए हैं, जिससे दोनों संगठनों के बीच टकराव की अटकलें लगाई जा रही हैं।
अरुण कुमार ने आगे कहा कि हमारे राष्ट्रीय जीवन की एक अलग पहचान है और सभी को इसकी रक्षा करनी चाहिए। इस देश में कई भाषाएं हैं, लेकिन भावनाएं एक ही हैं। सभी भाषाओं का सार एक है। महान व्यक्तित्व कभी भी अपने राज्य तक सीमित नहीं रहे, वे पूरे राष्ट्र से जुड़ाव की भावना रखते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में कई धर्म, अलग-अलग खान-पान और अलग-अलग संस्कृतियां हैं, फिर भी मूल्य एक जैसे हैं। हमारी संस्कृति एक है। हमारा विश्वास ‘एक लोग, एक राष्ट्र’ में है। ऐतिहासिक रूप से जबकि देश के भीतर अलग-अलग राज्य थे, लोग हमेशा स्वतंत्र रूप से घूमते रहे हैं, जहां भी वे चाहते थे, बस गए। यह हमारी विशिष्टता है। भाषा या संस्कृति को लेकर कोई मतभेद नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमें ब्रिटिश शासन द्वारा छोड़ी गई कमियों को दूर करना होगा। आखिरकार जैसा कि संविधान की प्रस्तावना में कहा गया है, ‘हम, भारत के लोग’ ‘हम’ शब्द परिभाषित करने वाला तत्व है। धर्म, भाषा और अन्य पहलुओं में मतभेद यहीं खत्म हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पहचान एक है। संघ का मानना ??है कि हम भारत के लोगों को सामाजिक मुद्दों को हल करने के लिए आगे बढऩा चाहिए। हमने इसे स्वीकार किया है और जबकि कोई भी व्यवस्था परिपूर्ण नहीं है, हमने राज्यों और राष्ट्र के साथ एक संरचना बनाई है। मूल विचार हमेशा देश के बारे में सोचना होना चाहिए।
अरुण कुमार ने कहा कि हमारा लक्ष्य एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जो देशभक्ति, एकता, निस्वार्थता, अनुशासन और राष्ट्र प्रथम की मानसिकता को बढ़ावा दे। अगर समाज मजबूत और संगठित है, तो चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान किया जा सकेगा। लोगों की गुणवत्ता देश की नियति तय करती है। कुछ महान व्यक्तियों के कारण कोई राष्ट्र महान नहीं बनता, बल्कि महान नागरिक ही राष्ट्र को महान बनाते हैं। यही हमारा काम है। हम जिस समाज की कल्पना करते हैं, वह संघ को आकार देने के हमारे तरीके में झलकता है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे यह भावना बढ़ेगी, परिवर्तन भी होगा। शताब्दी समारोह के दौरान यह प्रक्रिया और तेज हो जाएगी। उन्होंने कहा कि समाज की ताकत सर्वोपरि है। जब हम कहते हैं कि आरएसएस पूरे देश में फैल रहा है, तो इसका मतलब सिर्फ संख्यात्मक वृद्धि नहीं है।

नगर निगम के हिस्से की 500 सौ करोड़ की जमीन 20 करोड़ में संजय पाठक के परिजनों के नाम!

Jai Lok
Author: Jai Lok

RELATED LATEST NEWS

Home » दुनिया » नए अध्यक्ष के चयन को लेकर संघ का बीजेपी के साथ कोई मतभेद नहीं
best news portal development company in india

Top Headlines

शहर विकास के लिए महापौर अन्नू ने नगरीय प्रशासन आयुक्त से माँगी 4 अरब 60 करोड़ रुपये की राशि

मुख्यमंत्री प्रगति पथ’’ के लिए 26 करोड़ ,नवीन अग्नि शमन वाहनों के क्रय के लिए 12 करोड़ ,पर्यावरण संरक्षण के

Live Cricket