
जबलपुर (जयलोक)। भारतीय जनता पार्टी की कार्यकारिणी में शामिल होना अब आसान बात नहीं रह गया है। कार्यकारिणी चाहे राष्ट्रीय स्तर की हो, प्रदेशिक हो या फिर जिले स्तर की हो इसमें शामिल होना और इसका पदाधिकारी बनना नेताओं के लिए महत्वपूर्ण तो है ही साथ ही सक्रिय राजनीति में प्रभाव के साथ बने रहने का बड़ा माध्यम है। इसके अलावा भाजपा के दिग्गज नेताओं के बीच में भी अंदरूनी खींचतान चरम पर है। यह बात भी बड़ी प्रतिष्ठा की मानी जाने लगी है कि फलां नेता के इतने लोग संगठन में शामिल हुए हैं। इस बात से उस नेता की वजनदारी का आंकलन कार्यकर्ता और उससे जुड़े अन्य लोग करते हैं।
जबलपुर ग्रामीण भाजपा की कार्यकारिणी काफी समय पहले घोषित हो चुकी है लेकिन नगर की कार्यकारिणी घोषित होने में समय लग रहा है। रोज एक तारीख एक शाम चर्चा में आती है। लेकिन कार्यकारिणी की घोषणा प्रतीक्षित ही रह जाती है।
सूत्रों का कहना है कि जिला कार्यकारिणी में महामंत्री पद को लेकर सर्वाधिक खींचतान है। इस बार तीन महामंत्री की संभावना बनती नजर आ रही है। जिनमें से एक आरक्षित वर्ग से होगा। शेष दो पर नेताओं द्वारा अपने लोगों की नियुक्ति के लिए दम लगाई जा रही है। स्थानीय भाजपा की राजनीति के प्रभावी दिग्गज नेता अपने लोगों को महामंत्री पद पर शोभित कराने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं। जिनका प्रभाव सर्वाधिक है उनकी ओर से भी दो नाम आगे बढ़ाए गए हैं इसके अलावा जो वरिष्ठ जनप्रतिनिधि हो चुके हैं वे इन पदों पर अपने लोगों की नियुक्ति चाहते हैं साथ ही कुछ नामों को लेकर तीव्र और तीखा विरोध भी भाजपा संभागीय कार्यालय की दीवारों की कानों तक पहुँच चुका है।
जिसमें जातिगत समीकरण, सामाजिक समीकरण और क्षेत्रीय समीकरण के कारण समर्थन और विरोध की बातें सर्वाधिक हो रही हैं।
संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति नेताओं के आगे के भविष्य का रास्ता मजबूत करती है। उनका संपर्क बढ़ता है उनका दायरा बढ़ता है और निश्चित रूप से उनका राजनैतिक कद भी बढ़ता है। यहीं वजह है कि अपने अपने निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत नए नामों की बढ़ती जयकार आसानी से पाचन क्रिया का हिस्सा नहीं बन पा रही है।
विरोध और समर्थन की इसी खींचतान के कारण भाजपा जिला कार्यकारिणी की घोषणा होना बाकी है। कुछ लोग ऐसे भी है जो कहने को तो ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिनिधि हैं लेकिन जिले की कार्यकारिणी में अपने लोगों को उपकृत कराने के लिए वे भी भरसक हाथ पैर मार रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कार्यकारिणी की घोषणा होने में तकरीबन एक सप्ताह का समय लग सकता है।

Author: Jai Lok







