कई बड़े होटल बिना अनुमति के संचालित कर रहे हैं बार
शराब दुकानों ने खोल रखे हैं अपने अवैध अहाते
जबलपुर (जयलोक)। मध्य प्रदेश शासन ने प्रदेश में सभी आहातों को बंद कर दिया है। इस निर्णय के पीछे शासन का उद्देश्य यह था कि जगह-जगह खुले आम होने वाली शराबखोरी को रोका जा सके। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी मंशा स्पष्ट करते हुए कहा था कि अधिकांश लोग अपने घरों में शराब पीने से परहेज करेंगे और यह सामाजिक पारिवारिक दबाव शराबखोरी को कम करने में सार्थक साबित हो सकता है। लेकिन शराब माफिया सरकार के हर नियम को तोड़ मरोड़ कर कार्य करना जानता है। शासन के इस नियम का पालन तो कहीं नजर नहीं आ रहा है लेकिन इसके विपरीत जिले भर में शराब के अवैध अहातेे खुले आम सैकड़ों की संख्या में संचालित हो रहे हैं। अवैध शराब परोसने के क्रम में शहर के बड़े नामचीन होटल भी पीछे नहीं है। ऐसी अधिकांश होटल जिनके पास बार का लाइसेंस नहीं है वह अवैध रूप से अपनी होटल में कॉकटेल पार्टी भी आयोजित करवा रहे हैं। साथ ही बहुत ही बड़ी-बड़ी नामचीन होटलों में भी अपनी शराब लाने पर ग्राहकों को अवैध रूप से शराब पीने की सुविधा भी दी जा रही है।
नर्मदा नदी के ५ किलोमीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध
मध्य प्रदेश सरकार पूर्व में यह नियम निकाल चुकी है कि माँ नर्मदा नदी आस्था का बड़ा केंद्र है और इसके ५ किलोमीटर के दायरे में ना तो कोई शराब दुकान खुलेगी, ना कोई अहाता संचालित होगा, ना किसी होटल को बार का लाइसेंस मिलेगा और ना ही शराब का क्रय विक्रय हो पाएगा। लेकिन ऐसी कई बड़ी होटल ढाबे और शराब दुकान हैं जो इस नियम का पालन नहीं कर रही हैं।
एक दिन के लाइसेंस में हो रहा काम
आबकारी के नियमों के अनुसार एक दिन के लिए टेंपरेरी लाइसेंस देकर ऐसी होटलों में कॉकटेल पार्टी आयोजित की जा सकती है। जिसकी फीस आयोजित होने वाली लोगों की संख्या के अनुसार और इस्तेमाल की जाने वाली शराब की गणना के आधार पर तय होती है।
शहर के ढाबों और शराब दुकानों ने खोल रखे हैं अवैध अहाते
वर्तमान में जिले की अधिकांश शराब दुकानों ने अपने आस पास के स्थानों पर अवैध अहाते खुलवा रखे हंै। जहां पर खुलेआम शराब पीने और पिलाने की व्यवस्था है। ओमती, विजय नगर, माढ़ोताल, सिविल लाइन, सदर आधारताल आदि क्षेत्रों में अवैध अहातों के नजारों को रोज देखा जा सकता है। जहां शराबखोरी और लड़ाई झगड़े आये दिन होते हैं।
पुलिस थाना की अतिरिक्त कमाई
शराब दुकानों के द्वारा खोले गए अवैध अहाते और अवैध रूप से पिलाई जा रही शराब का काम अब पुलिस थानों की अतिरिक्त कमाई का जरिया बन चुका है। इसमें वो ढ़ाबे, छोटी मांसाहारी होटल, ठेले से लेकर बड़ी बड़ी होटल तक शामिल हैं वो खुलेआम अवैध रूप से शराब पिलाने और पीने की व्यवस्था उपलब्ध करवाकर अवैध कमाई कर रहे हैं।
यह भी निश्चित है कि स्थानीय थाना पुलिस की अनुमति के यह सब संभव ही नहीं है। अवैध अहाते संचालित करने वालों की इस खुलेआम दिलेरी का कारण पुलिस कर्मियों के साथ हो चुकी सेटिंग ही है।
कई बार दिए जा चुके है ज्ञापन
शहर भर में संचालित हो रहे अवैध अहातों को बंद करने के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा पूर्व में कई बार जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को ज्ञापन देकर साक्ष्यों के साथ भी स्थितियां बताई गई है। लेकिन इसके बावजूद भी एक भी ठोस और बड़ी कार्यवाही इन अवैध अहातों के खिलाफ नहीं की गई है। आबकारी विभाग ने शुरू की सख्ती से कार्यवाही
इन दिनों आबकारी विभाग ने ऐसे अवैध अहातों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई शुरू की है कुछ स्थानों पर दबिश देकर पकड़ा गया है। अभी हाल ही में शहर की कुछ बड़ी होटल में भी आबकारी विभाग ने दस्तक देकर वहां पर परोसी जा रही शराब की अनुमति के बारे में जाँच पड़ताल की है कुछ होटलों के पास टेंपरेरी लाइसेंस पाया गया था और कुछ लोगों के पास नहीं पाए जाने पर कार्रवाई की गई।
इनका कहना है
अवैध शराब के खिलाफ लगातार कार्यवाही की जा रही है। जहां भी टेम्परेरी लाइसेन्स लिया जा रहा है वहाँ टीम भेज कर औचक निरीक्षण भी करवाया जा रहा है। आहाते प्रतिबंधित है। जहां भी ऐसी सूचना मिलेगी तत्काल कार्यवाही की जाएगी।
एस एन दुबे, सहायक आबकारी आयुक्त
जो हंस-हंस कर अपनी बैंड बजवाए उसे ही ‘हस्बैंड ’ कहते हैं …..
