राजस्व अमला किरायेदारों की जानकारी 30 सितम्बर
तक उपलब्ध कराये : निगमायुक्त
जबलपुर (जयलोक)। आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही जबलपुर नगर निगम ने अब खुद अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। महापौर की मंशा के अनुरूप आयुक्त प्रीति यादव ने निगम को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए शहर भर के ऐसे मकानों और भवनों को चिन्हित करने का अभियान प्रारंभ करवाया है जो वेबसाइट गतिविधि में किराए पर चल रहे हैं। लेकिन निगम के रिकॉर्ड में आवासी दर्ज हैं और टैक्स भी आवासीय दरों के अनुरूप भर रहे हैं।
निगम की राजस्व में वृद्धि करने तथा शहरी क्षेत्रों के मकानों का सही माप कर गणना करने तथा उस हिसाब से बकाया करों की वसूली के लिए निगमायुक्त श्रीमती प्रीति यादव के द्वारा लगातार राजस्व विभाग के उपायुक्त पी.एन. सनखेरे एवं राजस्व अमले के साथ समीक्षा कर निर्देश दिये जा रहे हैं। इसके लिए निगमायुक्त द्वारा संभागवार एवं वार्डवार किरायेदारों की जानकारी भी एकत्रित कराई जा रही है, ताकि राजस्व रिकार्ड में सभी चीजें सही तरीके से दर्ज की जा सकें। इसके लिए आज आयुक्त कार्यालय में उपायुक्त पी.एन. सनखेरे के द्वारा राजस्व अमले के साथ समीक्षा बैठक की गई। बैठक के दौरान उपायुक्त श्री सनखेरे ने बताया कि सभी संभागीय अधिकारी, राजस्व निरीक्षक, सहायक राजस्व निरीक्षक, नोटिस सर्वर को 30 सितम्बर 2024 तक थानों से प्राप्त समस्त किरायेदारी की मकान, दुकान की सूची का स्थल पर सत्यापन के उपरांत ही निगम के रिकार्ड में किरायेदारी दर्ज करने की कार्यवाही की जाएगी। 1 अक्टूबर 2024 के बाद निगम मुख्यालय से और संभाग के अतिरिक्त दूसरे संभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की टीम से प्रत्येक वार्ड के 10 से 15 मकानों का सत्यापन करवाया जायेगा, इसमें किसी भी प्रकार की कमी पाई गई तो संबंधित वार्ड के सहायक राजस्व निरीक्षक, नोटिस सर्वर के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। निगमायुक्त श्रीमती प्रीति यादव ने भवन स्वामियों से किरायेदारों की जानकारी मुख्यालय या संभागीय कार्यालयों में देने की अपील की है।
इनका कहना है
नगर निगम की आर्थिक आय बढ़ाने के लिए अभियान के रूप में किराएदारों एवं व्यवसायिक भवनों की जांच करवाई जा रही है। हर संभाग के अंतर्गत यह कार्य किया जा रहा है। व्यवसायिक उपयोग के भवनों पर व्यवसायिक कर लागू होता है, निगम अभी के डाटा में ऐसी संपत्तियों की जानकारी पूर्णत: दर्ज नहीं हैं। इस अभियान में लोग भी आगे आकर अपने किराएदारों एवं व्यवसायिक गतिविधयों की जानकारी दर्ज करवा रहे है।
प्रीति यादव, आईएएस, आयुक्त नगर निगम