जबलपुर (जयलोक)। 2022 में एक निजी हॉस्पिटल में हुए हादसे को आज भी शहर नहीं भूला है। जिसमें कई जिंदगियाँ जलकर राख हो गईं थीं। इसमें साफ तौर पर लापरवाही अस्पताल प्रबंधन की ओर से सामने आई थी। अस्पताल के पास ना तो फायर एनओसी का लायसेंस था ना ही आग बुझाने के लिए उपकरण थे। इसी प्रकार का एक हादसा दो दिनों पूर्व नेमा हास्पिटल में भी सामने आया था। हालांकि यहां सिर्फ दो मरीज भर्ती होने की वजह से जनहानि होने से बच गई। जिसके बाद जिला प्रशासन फिर हरकत में आया और अस्पतालों के फायर एनओसी लायसेंस की जाँच शुरू कर दी गई है।
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को जाँच में अब तक यह पता चला है कि नेमा हास्पिटल जैसे और भी अस्पताल हैं जो बिना फायर एनओसी के संचालित किए जा रहे हैं। चंद रूपयों के लालच में ये अस्पताल मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। इस जानकारी के बाद नगर निगम, स्वास्थ विभाग हरकत में आया है और ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाही शुरू कर दी गई है।
चार अस्पतालों के पास नहीं फायर एनओसी-कुषाग्र ठाकुर
इस संबंध में फायर अधीक्षक कुषाग्र ठाकुर ने बताया कि शहर के चार अस्पताल पूर्ण आयु हास्पिटल, दो विजयश्री हास्पिटल और एक अन्य के पास फायर एनओसी नहीं हैं। इन्हें एक सप्ताह का समय फायर एनओसी के लिए दिया गया है। इसकी जानकारी नगर निगम को भी दे दी गई है। एक सप्ताह बाद इनके पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाही की जाएगी।
सीएमएचओ ने किए तीन के पंजीयन निरस्त
वहीं दूसरी ओर सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा का कहना है कि नगर निगम की ओर से उन्हें जानकारी दी गई थी कि गैलेक्सी हॉस्पिटल, कोठारी हॉस्पिटल और नेमा हास्पिटल ने फायर एनओसी नहीं ली है। जिन्हें नोटिस भी जारी किया गया था। हालंाकि इस दौरान गैलेक्सी हॉस्पिटल ने फायर एनओसी का लायसेंस ले लिया। वहीं कोठारी और नेमा हास्पिटल ने फायर एनओसी का लायसेंस नहीं लिया जिसके कारण दोनों अस्पताल का पंजीयन निरस्त किया गया है।
चारों अस्पतालों के लिए बचे तीन दिन
फायर अधीक्षक कुषाग्र ठाकुर की ओर से जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार उन्होंने जिन चार अस्पतालों को फायर एनओसी लेने के लिए नोटिस जारी किया है उनके पास अब सिर्फ तीन दिन ही बचे हैं। इस बीच अगर फायर एनओसी ली जाती है तो उन पर कार्रवाही नहीं होगी।
जाँच दल होगा गठित
नेमा हास्पिटल में लगी आग की घटना के बाद जिला प्रशासन एक बार फिर हरकत में आया है। जिसके बाद कलेक्टर ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जाँच दल के गठन करने की बात कही है। सीएमएचओ डॉ मिश्रा का कहना है कि जाँच दल शहर के अस्पतालों का निरीक्षण करेगा। जिसमें फायर एनओसी के अलावा अन्य कमियों को देखा जाएगा। अगर अस्पतालों में कमियाँ पाई गईं तो उन्हें इसे सुधारने का समय दिया जाएगा अन्यथा उनका भी पंजीयन निरस्त किया जाएगा।
और भी अस्पतालों की खुलेगी पोल
शहर में सिर्फ नेमा अस्पताल ही नहीं है जो बिना फायर एनओसी के संचालित हो रहा था। शहर में ऐसे कई अस्पताल है जिसका खुलासा जल्द ही जाँच टीम के द्वारा सामने आएगा। ऐसे में अस्पतालों में भी हडक़ंप मची हुई है।
इनका कहना है
तीन अस्पतालों के फायर एनओसी ना होने की जानकारी उन्हें मिली थी। जिनमें से एक ने एनओसी ले ली थी। दो अस्पताल नेमा और कोठारी के पंजीयन निरस्त किये गए। इसके साथ ही अस्पतालों की जाँच के लिए भी समिति का गठन किया जा रहा है। जिससे अन्य अस्पतालों की सच्चाई भी सामने आएगी।
डॉ. संजय मिश्रा, सीएमएचओ
चार अस्पतालों के पास फायर एनओसी नहीं हैं। उन्हें नियमानुसार समय दिया गया है। उसके बाद इनके पंजीयन निरस्त करने के लिए आवेदन दिया जाएगा।
कुषाग्र ठाकुर, फायर अधीक्षक
