एएसपी समर वर्मा ने की गिरफ्तारी की पुष्टि
जबलपुर (जयलोक)। 5 नवंबर की रात 9:40 के करीब उखरी तिराहे के पास से एकता चौक की ओर से आ रहे सौरभ अग्रवाल, उनकी पत्नी सुरभि अग्रवाल और पौने 3 साल के बेटे प्रणीत को जिस सिल्वर रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी ने टक्कर मारी थी और फिर भागने के चक्कर में बेरहमी से बच्चे को कुचलते हुए निकल गया था उसे पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की गिरफ्तारी जबलपुर में ही एक स्थान से की गई है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समर वर्मा ने जय लोक से चर्चा करते हुए गिरफ्तारी की पुष्टि की है । आरोपी पुलिस से बचने के लिए जगह-जगह भाग कर अपने दोस्तों के यहां छुप रहा था। आरोपी विजयंत गंगेले को पुलिस ने उसके एक दोस्त के यहां से गिरफ्तार किया है। सिल्वर कलर की स्कॉर्पियो जिसका नंबर एमपी 20 सीए 4438 श्रुति गंगेले के नाम से रजिस्टर्ड गाड़ी है। श्रुति गंगेले का भाई विजयंत गंगेले घटना के समय इस गाड़ी को चला रहा था।
पुलिस को गोलमोल जवाब देती रही श्रुति
कल रात को भी पुलिस वाहन का पता लगाने के लिए बाद रात को आरोपी को पकडऩे के हिसाब से वाहन के रजिस्ट्रेशन में दर्ज पते पर पहुंची थी। वहां पर भी पुलिस को श्रुति गंगेले मिली थी जिसने बहुत ही बदतमीजी भरे लहजे में पुलिस से बात कर खुद को किसी बड़े परिवार से संबंधित होने का दावा किया था और पुलिस को अपना प्रभाव दिखाने का प्रयास भी किया था। पुलिस ने कल रात ही उक्त वाहन और चालक को पुलिस के समक्ष प्रस्तुत करने की हिदायत दी थी। आज दोपहर बाद तनाव और दबाव बढऩे की स्थिति में पुलिस श्रुति गंगेले को थाने लेकर आई और वहां पर जब उससे पूछताछ की गई तो वह पूरे समय पुलिस को बरगलाने का प्रयास करती रही और गोल-मोल जवाब देती रही।
फरार भाई से हुई कई बार फोन पर बात
श्रुति गंगेले ने घटना के बाद फरार हो चुके अपने भाई से कई बार फोन पर बात की। इस बात के सबूत पुलिस को उसकी कॉल रिकॉर्ड से प्राप्त हुए हैं। दोपहर से लेकर देर शाम तक श्रुति महिला पुलिस को गोल-मोल जवाब देकर भडक़ाने का प्रयास करती रही। इस दौरान पुलिस ने अलग-अलग टीमें बनाकर आरोपी हत्यारे वाहन चालक को गिरफ्तार करने के लिए दबिश देने का काम जारी रखा था। शाम होते-होते तक पुलिस को सफलता मिल गई और आरोपी को पुलिस ने उसके दोस्त के घर छिपे होने की जानकारी मिलने के बाद गिरफ्तार कर लिया है।
साथ में कौन थी महिला
अभी एक सवाल और पुलिस की जांच में सामने आना बाकी है कि दुर्घटना के समय सिल्वर कलर की स्कॉर्पियो में जिसे विजयंत गंगेले चला रहा था उसके साथ सवार महिला कौन थी। क्या वो उसकी बहन श्रुति थी या और कोई महिला थी । हालांकि विभिन्न स्थानों के सीसीटीवी फुटेज से यह बात स्पष्ट हो जाएगी और वाहन में सवार दोनों लोगों के चेहरे भी स्पष्ट हो जाएंगे।
7 घंटे हुआ था प्रदर्शन
आरोपी फरार वाहन चालक ने मानवता छोडक़र हैवानियत का परिचय देते हुए इस घटना को अंजाम दिया। यह बात सीसीटीवी फुटेज में भी साफ नजर आ रही है। वह चाहता तो बच्चे की जान बच सकती थी। आरोपी वाहन चालक के इसी हैवानियत भरे रवैया के कारण परिजनों के साथ-साथ आम लोगों में भी जमकर आक्रोश फूटा और सुबह 9:00 बजे से लेकर 4:00 बजे तक कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत धरना प्रदर्शन नारेबाजी का क्रम चलता रहा।
रात में सक्रिय होती पुलिस तो जल्द हो जाती गिरफ्तारी, शहर भर में चल रही थी चेकिंग
शहर के नये पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने निर्देश देकर कल शहर के विभिन्न चौराहों पर चेकिंग कार्यवाही को प्रभावी ढंग से संचालित करवाने के निर्देश दिए थे। घटना के बाद जो पुलिस वाले मौके पर पहुँचे और उन्हें घायल माता-पिता ने वाहन का नंबर वाहन का हुलिया और प्रकार सब बता दिया और उसके बावजूद भी पुलिस ने वायरलेस सेट के माध्यम से बच्चों की जान लेकर भागे हत्यारे वाहन चालक को पकडऩे की जहमत नहीं उठाई। यह सूचना अगर समय रहते सेट पर चल जाती तो आरोपी किसी भी चेकिंग पॉइंट पर आसानी से पकड़ जाते हैं और उसका मुलाहजा भी हो जाता।
कोई प्रभावी परिवार का जुड़ाव नहीं
इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि आरोपी का किसी भी वरिष्ठ या विशेष प्रभावित परिवार से कोई लेना-देना नहीं है। संभवत: आरोपी पक्ष की ओर से पुलिस पर दबाव बनाने और खुद को बचाने के उद्देश्य से इस प्रकार की अफवाह उड़ाई गई थी कि आरोपियों का न्याय जगत के एक बड़े नाम से नाता है और किसी आईएएस या आईपीएस अधिकारी से भी इनके संबंध हैं लेकिन ऐसी कोई भी बात निकलकर सामने नहीं आई है यह सिर्फ दबाव बनाने की साजिश थी जो काम नहीं आई।