लोगों ने किया चकाजाम, अर्जुन वंशकार ने कल सिविल लाइन में की थी दयाशंकर की हत्या
जबलपुर (जयलोक)। सिविल लाइन थाना अंतर्गत हुई दयाशंकर वंशकर की हत्या की गुत्थी को कुछ घंटों में ही पुलिस ने सुलझा लिया है। इस मामले में पुलिस ने मृतक के भतीजे और उसके दोस्त को हिरासत में लिया है। इस मामले में संपत्ति विवाद को लेकर भतीजे द्वारा चाचा की हत्या किए जाने की बात सामने आ रही है। हत्यारों को पकडऩे में सीसीटीवी फुटेज और मोबाईल की कॉल डिटेल ने आरोपियों को पकडऩे के लिए पुलिस का रास्ता साफ कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने मृतक के पड़ोस में रहने वाले एक युवक को गिरफ्तार किया जिससे पूछताछ में हत्या की पूरी घटना प्याज की परतों की तरह खुल गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी अर्जुन यह जानकारी प्राप्त हुई है कि वह पूर्व हत्या, हत्या के प्रयास, बमबाजी, गोलीकांड जैसे मामलों से भी जुड़ा हुआ है। प्राप्त जानकारी की सत्यता जानने पुलिस आरोपी का पुराना रिकार्ड खंगाल रही है।
पड़ोसी से पूछताछ में खुला राज
हत्या की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और दयाशंकर के मोबाइल नंबरों की जांच शुरू की। एक नंबर ऐसा था जिससे पिछले दो दिनों से लगातार बात हो रही थी। इस नंबर पर घटना के कुछ देर पहले भी लंबी बातचीत हुई थी। जांच में पता चला कि यह नंबर विवेक वंशकार का है, जो मृतक के घर के पास ही रहता है। पुलिस ने विवेक को हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसने खुलासा किया कि उसका नंबर अर्जुन वंशकार, जो मृतक का भतीजा है, इस्तेमाल कर रहा था। विवेक ने यह भी बताया कि अर्जुन ने अपने चाचा की हत्या की है। वारदात के समय अर्जुन के साथ विवेक और दो नाबालिग लडक़े भी मौजूद थे। अर्जुन ने पूछताछ में स्वीकार किया कि संपत्ति विवाद के चलते वह अपने चाचा से लंबे समय से परेशान था। दोनों परिवारों के बीच पहले भी कई बार झगड़े हो चुके थे। चाचा उसके फोन से बात नहीं करते थे, इसलिए उसने अपने दोस्त विवेक के मोबाइल से चाचा को फोन किया।
मृतक के परिवार जनों ने किया चक्का जाम
घमापुर चौक पर दयाशंकर की हत्या को लेकर स्थानीय लोगों और पीडि़त परिवार ने चक्का जाम कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इस हत्याकांड की साजिश अर्जुन की मां ने रची थी और उसी ने अपने बच्चों से इस हत्या को अंजाम दिलवाया है। पीडि़त परिवार ने मांग की है कि अर्जुन की मां को मुख्य आरोपी बनाया जाए और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।