जबलपुर (जयलोक)
समाज में पुलिस के कई चेहरे सामने आये हैं, कहीं पुलिस कर्मी ही लोगों के लिए मुसीबत बन गए तो वहीं कुछ पुलिसकर्मियों ने मदद करने के लिए अपनी जान भी जोखिम में डाल दी। लेकिन बरगी में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें एक महिला पुलिसकर्मी ने नाव चलाने वाले एक बालक का अभिभावक बन उसका स्कूल में दाखिला कराया।
बरगी चौकी प्रभारी सरिता पटेल ने बताया कि गणेश विसर्जन के दौरान ड्यूटी थी। जब वे गणेश विसर्जन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहीं थी तभी उनकी नजर नाव चलाते एक बालक पर पड़ी। उम्र कम होने की वजह से सरिता पटेल ने उससे नाव चलाने का कारण पूछा। जिसके बाद 12 वर्षीय बालक अभिषेक ने पुलिसकर्मी सरिता पटेल को बताया कि आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़ दी थी और नाव चलाने का काम शुरू कर दिया था। उसने बताया कि उसके पिता दिल्ली में काम के लिए चले गए थे और उसकी मां भी बाहर थीं, जिससे वह अपनी नानी के पास रह रहा था। फीस और किताबों के अभाव में उसे स्कूल छोडऩा पड़ा। इस दौरान उसने चौकी प्रभारी से अपनी पढ़ाई जारी रखने की भी इच्छा जाहिर की। लेकिन उसके पास स्कूल की फीस, यूनिफॉर्म और किताबों का प्रबंध नहीं हो पा रहा था जिसके कारण वह फीस और कॉपी किताबों का खर्चा वहन ना कर पाने के कारण स्कूल नहीं जा पा रहा था। एसआई सरिता पटेल ने उसकी मदद करने का फैसला किया और शासकीय स्कूल बरगी नगर के प्राचार्य से संपर्क किया। अभिषेक का 9वीं कक्षा में दाखिला हो गया। अभिषेक के माता-पिता की अनुपस्थिति में एसआई सरिता पटेल ने अभिभावक के रूप में फॉर्म पर हस्ताक्षर किए, उसकी फीस भरी, और उसे यूनिफॉर्म व किताबें भी उपलब्ध कराईं। उनके इस प्रयास की प्रशंसा हो रही है।