@सच्चिदानंद शेकटकर,समूह संपादक
यह कहा जाता है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। एक छात्र की तरह हमेशा नई-नई जानकारी हासिल करने और सीखने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी तत्पर रहते हैं। इसीलिए नरेंद्र मोदी बहुत दूरगामी सोच रखते हैं। यह भी कहा जाता है कि लोगों की सोच जहां खत्म होती है वहां से नरेंद्र मोदी की सोच शुरू होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक अमेरिकी सीईओ द्वारा अविश्वसनीय छात्र करार दिया गया है। अमेरिका की अपनी तीन दिन की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की 15 प्रमुख ऐसी कंपनियों के सीईओ से चर्चा की जो कंपनियां एआइ, क्वांटम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर जैसी अत्याधुनिक तकनीक पर काम करती हैं। अमेरिका की एक ऐसी ही कंपनी एनवीडीया के सीईओ जेन्सेन हुआंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई अपनी मुलाकात को साझा किया और यह बताया कि उन्होंने मोदी के साथ मुलाकात का आनंद लिया। हुआंग ने मोदी को एक अविश्वसनीय छात्र करार दिया जो भारत के लिए अवसरों का पता लगाने की खातिर प्रौद्योगिकी और एआइ के बारे में सीखना चाहते हैं। हुआंग का यह मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से यह भारत का समय है। भारत को इस अवसर का लाभ उठाना होगा भारत दुनिया के महानतम कंप्यूटर वैज्ञानिकों का घर है और एनवीडीया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की नई तकनीक पर भारत के साथ काम करने के लिए उत्सुक भी है। एनवीडीया जैसी अमेरिका की एक बड़ी तकनीकी कंपनी के सीईओ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में व्यक्तिगत रूप से और भारत के बारे में बड़ी बात कही है। एनवीडीया जैसी अमेरिका कंपनी को भारत के साथ काम करने की उत्सुकता जगाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बड़ी कामयाबी भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के प्रमुख तकनीकी कंपनियों के सीईओ से भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनने का आग्रह भी किया है। प्रधानमंत्री ने अमेरिकी कंपनियों को भारत में दुनिया के लिए सह विकास, सह डिजाइन और सह उत्पादन करके देश की विकास गाथा का लाभ उठाने के लिए भी प्रेरित किया है। अमेरिकी कंपनियों को भारत की आर्थिक और तकनीकी वृद्धि के अवसरों का उपयोग करने की सलाह भी प्रधानमंत्री ने अमेरिकी कंपनियों को दी है। प्रधानमंत्री ने भारत की बौद्धिक संपदा की सुरक्षा और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत की गहरी प्रतिबद्धता के बारे में अमरीकी कंपनियों के सीईओ जिन्हें व्यापारिक नेता भी माना जाता है उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वस्त करते हुए भारत में हो रहे आर्थिक परिवर्तनों से भी रूबरू कराया। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी विनिर्माण और सेमीकंडक्टर क्षेत्र का जिक्र भी किया और यह भी कहा कि उनकी सरकार भारत को सेमीकंडक्टर विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां भी जाते हैं वहां जाकर एक छात्र की तरह कुछ ना कुछ नया जानने और सीखने की कोशिश करते हैं। मुझे याद है जब कुछ वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री ऑस्ट्रेलिया गए थे तो वहां के आदिवासियों को एक बड़ी ही जटिल तरह की होने वाली बीमारी के उपचार के बारे में बहुत समय तक जानकारियां प्रधानमंत्री ने हासिल की थी। उनका यह गुण भारत के लिए नए-नए अवसरों को तलाशने में भी मददगार साबित होता है। प्रधानमंत्री इस बात का संकोच नहीं करते हैं कि वह एक छात्र की तरह किससे अपनी जिज्ञासा को शांत कर रहे हैं। कभी-कभी तो प्रधानमंत्री छात्र-छात्राओं से भी उनके अनुभवों को एक छात्र की तरह साझा करते नजर आते हैं। प्रधानमंत्री जिस क्षेत्र के लोगों से भी बात करते हैं तो वह उसे क्षेत्र के लोगों को इस बात का आभास नहीं होने देते की वह उनके क्षेत्र के बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं रखते। प्रधानमंत्री यदि ओलंपियाड से लौटे भारतीय दल से बात करते हैं तो किस खिलाड़ी ने कैसा खेला इसकी जानकारी खुद प्रधानमंत्री इन खिलाडिय़ों को देते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि उनकी एक छात्र की तरह हमेशा हर क्षेत्र में नई-नई जानकारी से लैस रहना उनका एक स्वभाव बन चुका है और उनकी कार्य पद्धति का एक हिस्सा भी बन चुका है। हमेशा सीखते रहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा कोई दावा नहीं करते हैं कि वह सर्वज्ञ हैं।