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प्रशासन ने समन्वय बनवाकर उतरवा दिए विवादित पोस्टर, नहीं पड़ी बल प्रयोग की स्थिति, 3000 के करीब सुरक्षा बल तैनात आरएएफ -एसटीएफ  की कंपनी भी तैनात

कलेक्टर एसपी लगातार रख रहे हर घटनाक्रम पर निगरानी

जबलपुर (जयलोक)। अच्छी खबर है कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की मुस्तादी के कारण एक बार फिर संस्कारधानी की धार्मिक फिज़ा बिगडऩे के प्रयास असफल हो गए हैं। कुछ विघ्न संतोषी तत्वों द्वारा जानबूझकर ऐसी हरकतें ठीक प्रमुख त्यौहारों के समय की जाती हैं। लेकिन समझदार लोग इससे प्रभावित नहीं होते और प्रशासन के साथ ऐसे मंसूबों पर पानी फेर देते हैं।
एक विवादित बैनर पोस्टर को लेकर हाल ही में उत्तर प्रदेश के दो जिलों में तनावपूर्ण स्थितियां निर्मित हुईं और यहां तक की पुलिस प्रशासन को सख्ती के साथ बल प्रयोग भी करना पड़ा। इन सारी घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए हैं। इन वीडियो से साफ  संदेश प्रसारित हुआ है कि धर्मिक फिजा को खराबी करने वालों के विरुद्ध प्रशासन का क्या रवैया है। साथ ही यह बात भी समझ आ रही है कि कुछ लोगों ने केवल अपनी राजनीतिक भावनाओं और अन्य स्वार्थों के कारण यह विवादित स्थित को निर्मित किया और फिर हंगामा करवाया।

जबलपुर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने जयलोक को बताया कि हमने संवाद के माध्यम से ही इस पूरे मामले का हल निकाला और अपील कर इस मामले का निराकरण करवाया गया। स्थिति पूरी तरह नियंत्रित है और सभी पक्षों को समझाकर किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं होने दी गई।

पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने          जयलोक को बताया कि संवेदनशील क्षेत्रों में पहले से ही अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है हर स्तर पर निगरानी रखी जा रही है। विवादित बैनर पोस्टर के संबंध में जो भी शिकायतें सामने आई थीं उन्हें तत्काल आपसी समन्वय बनाकर संवाद स्थापित कर और सभी पक्षों से अपील कर सुलझा लिया गया।

पुलिस अधीक्षक श्री उपाध्याय ने बताया कि जिले में इस दौरान लगभग 3000 का पुलिस बल लगा हुआ है। इसके साथ ही आरएएफ  और एसटीएफ  की टुकडिय़ाँ भी जबलपुर में तैनात हैं। हर छोटी बड़ी घटना पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को भी धैर्यता के साथ हर छोटी बड़ी सूचना पर शिकायत दर्ज कर कदम उठाने के लिए कहा गया है।

हनुमान ताल थाना क्षेत्र व आसपास का क्षेत्र संवेदनशील क्षेत्रों में शामिल है। विगत कुछ दिनों पूर्व एक समुदाय विशेष के लोगों ने आई लव मोहम्मद के बड़े-बड़े बैनर पोस्टर क्षेत्र की मुख्य सडक़ों पर लगा दिए थे।

जिसको लेकर हिन्दू संगठन के लोगों ने काफी आपत्ति उठाई थी। यह घटना सिर्फ  जबलपुर में नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश वह अन्य कई स्थानों पर भी प्रकाश में आई। कुछ स्थानों पर काफी तनावपूर्ण स्थिति निर्मित हुई और प्रशासन को शक्ति और बल प्रयोग के साथ मामले को संभालना पड़ा था। कल शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद दिन मेें ही उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में पत्थरबाजी और लाठीचार्ज की घटनाएं प्रकाश में आई हैं।

अपनी शांत और सौहार्दपूर्ण प्रवृत्ति के लिए जबलपुर ऐसे इलाकों से कहीं बेहतर स्थिति में है। बूढी खेरमाई जबलपुर का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और आस्था का बड़ा केंद्र वाला स्थान है। यह बेहद प्राचीन और ऐतिहासिक स्थल है यहां पर लाखों लोगों की श्रद्धा जुड़ी हुई है। यह जिस क्षेत्र में स्थित है वह मुस्लिम बाहुल्य इलाका है लेकिन यही जबलपुर के सौहार्दपूर्ण व्यवस्था को बनाये रखने की खूबसूरती है कि यह धार्मिक स्थल नवरात्र और देवी पूजन के कार्यक्रमों में जगमगाता रहता है। इसी मंदिर के मार्ग पर कुछ विघ्नसंतोषी मानसिकता वाले लोगों ने बैनर पोस्टर लगाकर विवाद की स्थिति निर्मित करने का प्रयास किया था। जिसे प्रशासन ने अपनी सूझबूझ से निपटा दिया है।

 

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Jai Lok
Author: Jai Lok

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