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फडणवीस का महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना तय

कल लेंगे सीएम पद की शपथ, पीएम मोदी समेत कई नेता होंगे शामिल
मुंबई। महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर जारी सस्पेंस पर विराम लग गया है। भारतीय जनता पार्टी विधायक दल की बैठक में देवेंद्र फडणवीस को नेता चुन लिया गया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को हुए थे। तब से सीएम को लेकर खींचतान चल रही थी जिस पर विपक्ष भी महायुति पर लगातार हमला बोल रहा था। बैठक के बाद महाराष्ट्र के सीएम के नाम का एलान कर दिया गया है। देवेंद्र फडणवीस को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना है। महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हमें फडणवीस के नेतृत्व में चुनाव में जीत मिली है। वे राज्य के विकास के लिए काम करते रहे हैं। इसके बाद चंद्रकांत पाटिल और सुधीर मुगंटीवार ने फडणवीस के नाम का प्रस्ताव रखा। पंकजा मुंडे ने उनके नाम का अनुमोदन किया। राज्य के लिए पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी बैठक में मौजूद थे। देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के नए सीएम होंगे। देवेंद्र फडणवीस 5 दिसंबर यानी गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेंगे। बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में उनके नाम को अंतिम रूप दिया गया।
दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में गुरुवार को शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं, जिसमें पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ करीब दो हजार अति महत्वपूर्ण व्यक्ति और 40 हजार कार्यकर्ता शामिल होंगे। इस समारोह में कई केंद्रीय मंत्रियों और अन्य राज्यों के 19 मुख्यमंत्रियों तथा उपमुख्यमंत्रियों के भी शामिल होने की उम्मीद है।
महायुति की बैठक बाकी, शिंदे-पवार के साथ मीटिंग में मंत्रियों के नाम पर मुहर लगेगी
महाराष्ट्र में सीएम कौन होगा कौन नहीं होगा इससे भी बड़ा सवाल महायुति में पावर किसकी ज्यादा होगी इसको लेकर जंग छिड़ती नजर आ रही है। भले ही सीएम और डिप्टी सीएम की खींचतान खत्म हो गई, मगर असल लड़ाई तो अब शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के बीच है। यह लड़ाई है आखिर महायुति में मझला भाई कौन। यानी महायुति में दूसरे नंबर की पार्टी कौन, किसे अधिक कैबिनेट बर्थ मिलेगा? दरअसल, महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा के खाते में 132 सीटें गईं। इस तरह न वह केवल महाराष्ट्र की सिंगल लार्जेस्ट पार्टी है, बल्कि महायुति में बड़ा भाई भी है। भाजपा बड़ा भाई है, यह क्लियर है। मगर मझले भाई यानी सेकेंड नंबर की पार्टी को लेकर अब शिंदे की शिवसेना और अजित गुट की एनसीपी में खींचतान हो रही है। सीएम-डिप्टी सीएम की लड़ाई भले ही खत्म हो गई। पर महायुति में नंबर 2 की लड़ाई जारी है। अजित गुट की एनसीपी ने शिंदे की शिवसेना को नंबर 3 पार्टी बताया है। एनसीपी नेता छगन भुजबल का कहना है कि एनसीपी का स्ट्राइक रेट अच्छा है। इसलिए शिंदे की शिवसेना नंबर तीन और एनसीपी नंबर 2 पार्टी हुई। यह दलील देकर एनसीपी ने शिंदे की जितनी या उससे अधिक पोर्टफोलियो की मांग की है।
दिलचस्प है कि महायुति में सबसे कम सीटें आने के बावजूद अजित पवार की एनसीपी एनकनाथ शिंदे की शिवसेना के बराबर मंत्री पदों पर अड़ी हुई है। हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 132, शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिली थीं। इस तरह 230 सीटों के साथ महायुती ने सरकार बनाई है। 132 सीट लेकर भाजपा बड़ा भाई बनी हुई है। नंबर 2 के लिए एनसीपी और शिवेसना में खींचतान है।सूत्रों का दावा है कि महायुति सरकार में अजित पवार की एनसीपी को एकनाथ शिंदे की शिवसेना से कम ही मंत्रिमंडल मिलेंगे। सूत्रों के मुताबिक भाजपा अपने पास 20 से 22 पोर्टफोलियो रखेगी। एनकाथ शिंदे कैंप वाली शिवसेना को 10 से 12 पोर्टफोलियो मिल सकते है। वहीं, अजित पवार वाली एनसीपी को 8 से 10 पोर्टफोलियो मिल सकते हैं। अजित पवार गुट भी उतने ही पोर्टफोलियो मांग रहा है, जितने शिंदे कैंप को मिले हैं।
मगर बीजेपी और शिंदे कैंप उस पर राजी नहीं है। सूत्रों का दावा है कि एकनाथ शिंदे ने साफ कह दिया है कि महायुति में शिवसेना ही दूसरे नंबर की पार्टी है। जी हां, सीएम पद की रेस में अजित पवार की एनसीपी कहीं नहीं है। वह डिप्टी सीएम पद पाकर ही खुश है। मगर उसकी असल लड़ाई अब शिंदे की शिवसेना से है। यही वजह है कि अजित पवार की एनसीपी भाजपा पर शिंदे की शिवसेना से अधिक पोर्टफोलियो दिए जाने का दबाव बना रही है। एनसीपी के सीनियर नेता अधिक से अधिक कैबिनेट मंत्री पदों के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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