नागरिक सुरक्षा के लिए 7 मई को शाम 4 बजे मॉक ड्रिल की होगी तैयारी,शाम 7.30 बजे से 7.42 तक रहेगा ब्लैक आउट
यह मॉक ड्रिल सिर्फ लोगों को जागरूक करने के लिए है, इसे पैनिक न बनायें – कलेक्टर श्री सक्सेना
जबलपुर (जय लोक )। पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान के बीच में युद्ध जैसे तनाव की स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने देश की सभी राज्य सरकारों को यह निर्देश दिए हैं कि वह आम नागरिकों को मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट जैसे घटनाक्रम के माध्यम से इस बात के लिए जागरूक करेगी कि अगर सही में किसी भी देश के द्वारा हवाई हमले या फिर अन्य प्रकार से हमला होता है तो ऐसे में आम नागरिकों को क्या करना चाहिए।
कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में आज सिविल डिफेंस की तैयारियों के संबंध में कलेक्टर सभागार में बैठक आयोजित की गई। जिसमें आपात स्थिति में नागरिक सुरक्षा के लिए 7 मई को आयोजित होने वाले मॉक ड्रिल के संबंध में चर्चा कर उसकी तैयारियों के बारे में जानकारी ली। इस दौरान एयरपोर्ट, आर्मी, रक्षा संस्थान, सिविल डिफेंस, हेल्थ, इलेक्ट्रिसिटी आदि अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे, जिसमें सभी ने आपदा के समय अपनी तैयारियों के बारे में जानकारी दी।
कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना ने बताया कि नागरिक सुरक्षा के लिए 7 मई को शाम 4 बजे मॉक ड्रिल की तैयारी होगी तथा शाम 7.30 बजे से 7.42 तक ब्लैक आउट रहेगा। इसका मुख्य उद्देश्य जनता को जागरूक करना है। इसके लिए सायरन बजेगा। लोग स्वयं अपने-अपने घरों के बाहर की लाईट बंद करेंगे, साथ ही शासकीय व अशासकीय सभी संस्थान बाहर की लाईट बंद करेंगे। उन्होंने कहा कि सड़क पर चलने वाले वाहनों की लाईट भी उक्त अवधि के दौरान बंद रखा जाये । इस ब्लैकआउट का मुख्य उद्देश्य यह अभास कराना है कि उक्त क्षेत्र अवासीय नहीं है। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि बाहर जाने वाली रौशनी को बंद करने के लिए लोग जागरूक रहे यह होटल, माल व दुकानों में तथा अन्य संस्थानों में भी करें और विपरीत परिस्थितियों से बचने के लिए जागरूक रहें। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लाइट से एयर अटैक की संभावना रहती है, अत: इन परिस्थितियों को समझें और नागरिक सुरक्षा की दृष्टि से जागरूक रहें। कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि आपदा के दौरान आग बुझाने, मरीजों को व्यवस्थित जगह रखने, पशुधन की सुरक्षा, पेयजल व खाद्य सामग्री की उपलब्धता आदि अनेक बातों पर भी ध्यान रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की भागीदारी से यह मॉक ड्रिल का अभ्यास किया जायेगा और आपदा की स्थिति में पुलिस कंट्रोल रूम के साथ-साथ कलेक्ट्रेट में भी कंट्रोल रूम बनाया जायेगा। गंभीर आपदा की स्थिति में ब्लॉक स्तर पर भी कंट्रोल रूम बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए डिजास्टर प्लान को अपडेट कर सिविल डिफेंस में एप्लाई करेंगे। हॉस्पिटल के छत पर रेड क्रॉस के निशान लगाये जायेंगे। कलेक्टर ने कहा कि यह मॉक ड्रिल आम जनता को जागरूक करने के लिए है इसे पैनिक न बनाया जाये। उन्होंने विशेष रूप से जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए निर्धारित समय में 12 मिनट ब्लैक आउट लोग स्वयं करें।
क्या होता है खतरे का सायरन और सामान्य होने का कारण
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि सायरन व रेड सिग्नल होते ही लोग अपने घरों की बाहर की लाइटें बंद कर दें तथा ग्रीन सिग्नल होने पर चालू कर सकते हैं। साथ ही कहा कि किसी भी क्षेत्र में सायरन बजता है तो वहां आपदा से निपटने के लिए तत्पर रहें। खतरे के सायरन के रूप में जब आवाज होती है तो उसमें अंतर होता है और वह आवाज तेज धीमी होकर आती है।लेकिन जब खतरे की स्थिति टल जाती है और सामान्य स्थिति का संकेत देना होता है तो फिर एक सी ध्वनि में ही सायरन बजाता है यह सामान्य होने का ग्रीन सिग्नल है।
