
इस सीजन में पहली बार खुलेंगे बरगी बांध के गेट
जबलपुर (जयलोक)। जल भराव क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश की वजह से जबलपुर के बरगी बांध के बढ़ते जल स्तर को नियंत्रित करने आज दोपहर 12 बजे रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध के 9 गेट 1.33 मीटर तक खोले गए हैं जिनसे लगभग 52 हजार 195 क्यूसेक पानी पानी की निकासी की जा रही है। परियोजना प्रशासन ने अलर्ट जारी कर बांध के निचले क्षेत्र के रहवासियों से नर्मदा नदी के तट और घाटों से सुरक्षित दूरी बनाये रखने की अपील की है।

रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह 8 बजे बरगी बांध का जलस्तर 416.10 मीटर आंका गया था और इस समय प्रति घण्टे 10 सेंटीमीटर अर्थात 1 लाख 99 हजार 883 क्यूसेक वर्षा जल प्रवेश कर रहा था। हालांकि, शनिवार को शाम 6 बजे की स्थिति में बरगी बांध में वर्षा जल की आवक में कुछ कमी आई है।
शनिवार की शाम 6 बजे बांध का जलस्तर 416. 65 मीटर रिकार्ड किया गया था और इस समय बांध में लगभग 1 लाख 14 हजार 067 क्यूसेक (3 हजार 230 क्यूमेक) वर्षा जल प्रवेश कर रहा था। रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना बांया मेसनरी बांध संभाग के कार्यपालन यंत्री राजेश सिंह गौंड ने बताया कि बरगी बांध का पूर्ण जलभराव स्तर 422.76 मीटर है और ऑपरेशनल मैन्युल के अनुसार 31 जुलाई तक बांध का जलस्तर 417.50 मीटर रखा जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि परियोजना प्रशासन द्वारा बांध से पानी छोडऩे का निर्णय इसके जल स्तर में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुये लिया गया है।

बांध से पानी छोड़े जाने से नर्मदा नदी के जलस्तर में 4 से 5 फीट तक वृद्धि होगी। इसे देखते हुये कार्यपालन यंत्री ने निचले क्षेत्र के रहवासियों से सतर्क रहने, माँ नर्मदा के घाटों से सुरक्षित दूरी बनाये रखने तथा डूब क्षेत्र में प्रवेश न करने की अपील की है। कार्यपालन यंत्री के अनुसार पानी की आवक को देखते हुये बरगी बांध से जल निकासी की मात्रा कभी भी बढाई या घटाई भी जा सकती है।
लगातार हो रही बारिश से बढ़ रहा जलस्तर
शहर में आज रविवार को भी झमाझम बारिश देखने को मिल रही है वहीं आसपास के जिलों में भी अच्छी बारिश हो रही है जिससे आसपास के जिलों का पानी भी बरगी डेम में पहुँच रहा है आर बरगी डेम का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। अभी 9 गेटों से पानी की निकासी की जार ही है। अगर बारिश का क्रम जारी रहा तो आने वाले दिनों में गेटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

Author: Jai Lok
