बम्हनी में विराजमान की गई थी 51 फिट की प्रतिमा
जबलपुर जय लोक । सनातन परंपराओं के विद्वानों और जानकारों का कहना है कि ऐसी घटनाएं तभी संभव होती हैं जब देवी स्वरूप प्रतिमाओं के साथ अनादर और ढोंग ढकोसले के साथ कृत्य किये जाए। जबलपुर में इस वर्ष दो स्थानों पर ऐसे उदाहरण सामने आए हैं पहले तो कछपुरा महाकाली के खंडित होने के बाद उन्हें सुधार कार्य कर प्रतिमा को अपना दर्शन के लिए पंडाल चालू करना धार्मिक मान्यताओं के विपरीत था जिसका तीव्र विरोध हुआ दूसरा 51 फुट की महाकाली की प्रतिमा स्थापित करने के दौरान भी कई विद्वान धार्मिक जानकारी ने यह कहा था कि इस प्रकार के प्रयोग होना अच्छी बात नहीं है। लेकिन मनमानी करने वालों ने इस बात को नजरअंदाज किया और प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से दोनों ही स्थान पर परिणाम सबके सामने है।
बरेला थाना क्षेत्रातंर्गत बम्हनी ग्राम में विराजमान की गई माता महाकाली के पंडाल में विसर्जन के पूर्व बड़ा अग्नि हादसा घटित हुआ। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि मूर्ति निर्माण के दौारन ही वहां पर मधुमक्कियों का छत्ता लग गया था। शरद पूर्णिमा के दिन शाम को मूर्ति विजर्सन के दौरान किये गये पूजन-अर्चन के बाद पंडाल ने आग पकड़ ली। आग पकड़ने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन इस आग ने बहुत जल्दी भयावाह रूप धारण कर लिया।
लोगों का कहना है कि मधुमक्कियों को भगाने के लिये धुएं व आग जलाई गई थी। यही अग्निकांड का कारण बनीं। जबकि कुछ लोगों का कहना है कि धार्मिक मान्यताओं के विपरीत केवल लोकप्रियता पाने के उद्देश्य से जो भी लोग माता महाकाली की प्रतिमा रखने का कार्य करते हैं उन्हें इस प्रकार के दंड मिलते हैं। जबलपुर संस्कारधानी है और संस्कारधानी धर्मधनी भी है लेकिन जो लोग केवल लोकप्रियता पाने के उद्देश्य से और आर्थिक लाभ के उद्देश्य से इस प्रकार के आयोजन करते हैं उन्हें इस प्रकार के दंड भुगतना पड़ते हैं।
आज हुए हादसे के बाद मौके पर भगदड़ की स्थिति निर्मित हो गई। जिसके बाद फायर बिग्रेड व स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया। जिसके बाद पूरे क्षेत्र को पंडाल से घेरकर माता का विसर्जन किया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस दौरान स्थानीय विधायक सहित अन्य क्षेत्रीय नेतागण भी मौजूद थे। जानकारी अनुसार बरेला के बम्हनी में इस नवरात्रि में 51 फिट की महाकाली विराजमान की गई थी। जिससे शहर से लेकर आसपास के जिलों के लोग माता के दर्शन के लिये पहुंचे रहे थे। नौ दिनों तक बम्हनी में माता रानी के दर्शन के लिये श्रृद्वालूओं की भारी भीड़ उमड़ रहीं थी। बुधवार शरद पूर्णिमा के दिन माता रानी का विसर्जन होना था। जिसकों लेकर शहर व ग्रामीण जनों के साथ आसपास के लोगों की भारी भीड़ एकत्रित थी।
