
जबलपुर (जयलोक)। शाहिद कपूर की फर्जी फिल्म की तरह जल्दी अमीर बनने के लालच में शहर के एक युवा ने शार्ट अपनाया और फर्जी फिल्म की तरह घर में ही नकली नोट बनाने का काम शुरू कर दिया। नकली नोट बाजार में चलाने के लिए उसने एक जरूरतमंद काम की तलाश में भटक रहे युवक को अपनी बातों के जाल में फंसाया और उससे 25 हजार रूपये लेकर तीन लाख रूपये के नकली नोट पकड़ा दिया। लेकिन यह नोट बाजारों तक पहुँचते उसके पहले ही पुलिस ने दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से कुल 8 लाख रूपये के नकली नोट बरामद किए गए हंै। आरोपियों से पूछताछ में कई खुलासे हुए जो किसी फिल्मी कहानी की तरह है।
दो दिनों पूर्व हनुमानताल पुलिस ने तीन लाख रूपये के नकली नोट के साथ रवि दाहिया को पकड़ा था। उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने अधारताल निवासी ऋतुराज विश्वकर्मा के घर में दबिश दी। घर में जब पुलिस घुसी तो वह भी दंग रह गई। घर के अंदर नकली नोट छापने के लिए बाकायदा कारखाना खोल रखा था। पुलिस को मौके से कमरे में रखे पाँच लाख रूपये के नकली नोट, प्रिंटिंग मशीन, कटिंग और फिनिशिंग मशीन मिली है।

8 माह सर्च करने के बाद बनाए नोट
ऋतुराज ने पुलिस को बताया कि नकली नोट बनाने के लिए उसने 8 माह तक कई वेबसाईट पर इस बात की जानकारी ली। उसने भारतीय रिजर्व बैंक की नोट को लेकर गाइडलाइन क्या होती है उसके बारे में जानकारी हासिल की। आठ माह तक यूट्यूब, गूगल पर रिसर्च करने के बाद उसने नकली नोट बनाने का काम शुरू किया। पुलिस अब यह पता करने का प्रयास कर रही है कि आरोपियों ने अब तक बाजार में कितने नकली नोट चलाए हैं।
छत्तीसगढ़-मप्र तक फैला जाल
पुलिस को शक है कि ऋतुराज के अन्य साथी मध्य प्रदेश के साथ छत्तीसगढ़ में भी हो सकते हैं। पुलिस आरोपियों से उनके साथियों के बारे में जानकारी हासिल कर रही है। पुलिस को शक है कि इस मामले में एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश होगा।

प्रेम विवाह के बाद नरसिंहपुर से आया शहर
ऋतुराज के बारे में कहा जा रहा है कि वह नरसिंहपुर का रहने वाला है। जबलपुर में रहने वाली एक युवती से प्रेम विवाह करने के बाद वह अधारताल में रहने लगा। उसने घर में ही एक कमरे में नकली नोट बनाने का कारखाना खोला। हालांकि उसकी पत्नी अपने पति के इस काम से अनजान थी।
6-7 माह से छाप रहे थे नकली नोट
पुलिस दोनों आरोपी को रिमांड में लेकर इस बात का पता लगाने में जुटी हुई है कि ये लोग कब से नकली नोट छापने का काम किया करते थे और अब तक किन-किन लोगों को इन्होंने नकली नोट सप्लाई किए है। पुलिस का कहना है कि ये लोग नकली नोट छापने में एक स्टैंडर्ड कागज का इस्तेमाल करते थे जिससे कि किसी को नोट के नकली होने का शक न हो सके। पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि नोट छापने का काम पिछले 6-7 महीने से चल रहा था।
कम पैसे में दूसरे को बेचता था नकली नोट
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपी ऋतुराज नकली नोट छाप कर उसे कम पैसों में दूसरे को खपाने का काम करता था। ऋतुराज ऐसे लोगों की तलाश करता था जो कम पढ़े लिखे हैं या मजबूरीवश इस तरह के काम करने के लिए तैयार हो जाए।
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Author: Jai Lok
