जबलपुर (जयलोक)। बिजली बिल वसूली के लिए कुर्की सहित अन्य कार्रवाही करने वाला बिजली विभाग अपने काम को लेकर हमेशा से ही लापरवाही बरतता आ रहा है। अपनी करतूतों को लेकर हमेशा से ही सुर्खियों में बने रहने वाले बिजली विभाग की लापरवाही से इस बार दो मासूम भाई बहन की करंट लगने से मौत हो गई तो वहीं तीसरे बालक की हालत गंभीर बनी हुई है। मामला पाटन के सुरैया टोला गांव का है। पिछले तीन दिनों से खेत में हाईटेंशन लाइन का तार जमीन पर पड़ा हुआ था इसकी चपेट में तीनों मासूम बच्चे आ गए। जिसकी सूचना ग्रामीणों ने बिजली विभाग को दी थी। लेकिन बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने काम को लेकर गंभीर नहीं हुए। जिसका खामियाजा तीन मासूमों को भुगतना पड़ा है। बच्चों की मौत के बाद ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए चकाजाम किया। ग्रामीणों का आरोप है कि खेत में पड़े बिजली के तार की जानकारी देने के बाद भी बिजली विभाग के अधिकारी उसे यहां से अलग करने नहीं आए। जिसकी वजह से दो मासूमों की मौत हो गई।
घटना आज सबह 8.30 बजे की बताई जा रही है जब खेत में बच्चों के माता पिता काम कर रहे थे। उसी दौरान खेत में घुसे मवेशियों को भगाने 2 वर्षीय देव, उसकी 10 वर्षीय बहन पूजा और 12 वर्षीय दिलीप पहुँचे। खेत में पहुँचते ही जमीन पर पड़े विद्युत तार की चपेट में तीनों बच्चे आ गए। करंट लगने से तीनों माता पिता के सामने ही तड़पने लगे और माता पिता के सामने ही उनके दोनों बच्चों ने दम तोड़ दिया। इस हादसे में देव और पूजा की करंट लगने से मौत हो गई। वहीं दिलीप गंभीर रूप से झुलस गया। जिसे पाटन स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।
जानवरों को भगाने गए थे बच्चे
बताया जा रहा है कि यह तार पिछले तीन दिनों से टूटकर खेत पर पड़ा हुआ था। जिसको अलग करने के लिए ग्रामीण पिछले तीन दिनों से विद्युत कार्यालय के चक्कर काट रहे थे। आज सुबह खेत में मवेशी घुसने पर बच्चे उन्हें भगाने पहुँचे लेकिन यहां उनका पैर जमीन पर पड़ी हाईटेंशन लाइन से टच हो गया।
ग्रामीणों ने शव रखकर किया चकाजाम
घटना की जानकारी लगते ही ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई। उन्होंने इस घटना का विरोध जताते हुए बच्चों केे शवों को सडक़ पर रखकर चकाजाम किया। ग्रामीणों का आरोप है कि 11 हजार वोलटेज का तार कई दिनों से खेत पर पड़ा हुआ था। जिसकी जानकारी विद्युत अधिकारियों को दी गई थी। शुक्रवार को भी ग्रामीण विद्युत अधिकारियों के पास तार को अलग करने की शिकायत लेकर पहुँचे थे। लेकिन अपने काम को लेकर हमेशा से ही लापरवाही बरतने वाले विद्युत विभाग के अधिकारियों ने सिर्फ आश्वासन देकर ग्रामीणों को चलता कर दिया। ग्रामीणों ने चकाजाम कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाही की माँग की है।
प्रशासन ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
घटना की जानकारी मिलते ही पाटन एसडीएम मानवेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। उन्होंने जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना और बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को घटना से अवगत कराया है। ग्रामीणों की मांग है कि लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
दमोह का रहने वाला है परिवार
इस मामले एसडीओपी लोकेश डाबर ने बताया कि परिवार दमोह का रहने वाला है। जो यहां आकर खेतों में मजदूरी करता था। बच्चोंं के पिता सुखदेव प्रधान और उनकी मां खेतों काम करते थे। माता पिता के साथ उनके बच्चे भी रहते थे। सुखदेव के सिर्फ दो ही बच्चे थे। इन बच्चों की मौत के बाद माता पिता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।
इनका कहना है
पिछले तीन दिनों सेे खेत में हाईटेंशन लाइन का तार पड़ा हुआ था। जिसे अलग नहीं किया गया और इसकी चपेट में आने से दो बच्चों की मौत हो गई वहीं एक गंभीर रूप से झुलस गया। इस मामले में जिसकी भी लापरवाही है उस पर कार्रवाही की जाएगी। फिलहाल तो बच्चों के शवोंं को परिजनों को सौंप दिया गया है।
लोकेश डाबर, एसडीओपी
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