
जबलपुर (जयलोक)। महाराष्ट्र के अमरावती में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता शंकर बाबा पापलकर का शहर आगमन हुआ। इस दौरान उन्होंने पत्रकारवार्ता आयोजित कर बेसहारा दिव्यांगों के प्रति चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि बेसहारा दिव्यांगों के जीवन के लिए मोदी सरकार को जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके पुर्नवास के लिए जल्द जरूरी कदम उठाए जाएं। श्री पापलकर ने कहा कि आश्रम में बेसहारा बच्चों को माता पिता की परवरिश दी जाती है। लेकिन उनके बालिग होने पर उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है। उनका बचपन तो आश्रम में ठीक ही गुजरता है लेकिन बालिग होने पर ना तो उनका रहने का सही ठिकाना होता है ना ही उन्हें सही शिक्षा मिल पाती है। श्री पापलकर ने कहा कि ऐसे में बालिग होने वाले बच्चों को सरकार की ओर से शिक्षा और योग्य बनाने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई है कि सरकार इस दिशा में जल्द ही कोई उचित कदम उठाएगी।

अच्छी शिक्षा से भविष्य को मिलती है नई दिशा
श्री पापलकर ने कहा कि अच्छी शिक्षा और उचित मार्गदर्शन से आश्रम में रहने वाले बच्चों को नई दिशा मिलती है। उन्होंने अपने आश्रम में पढ़ी दो युवतियों का उदाहरण देते हुए कहा कि आश्रम में पली बढ़ी एक बिटिया प्रशासनिक अधिकारी है वहीं गीत संगीत का शौक रखने वाली एक और बिटिया को ऐसी शिक्षा दिक्षा दी गई है कि उसने लता मंगेशकर अवॉर्ड हासिल किया है।

Author: Jai Lok
