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भनोत के बनाये कांग्रेस पार्षद कर रहे भाजपा के  मंत्री राकेश सिंह का गुणगान और महापौर का विरोध, किसकी शह पर अवैध कॉलोनी बनाई है, किसकी शिकायत पर हो गए नतमस्तक -लगे गंभीर आरोप

जबलपुर (जय लोक)। नगर निगम सदन में कल एक और इतिहास में दर्ज होने वाली बातें कही गईं। कांग्रेस के एक पार्षद अनुपम जैन जो मूलत: व्यापारी और बिल्डर हैं इनने भाजपा के विधायक और मंत्री राकेश सिंह की तारीफ  में सदन में कई कसीदे पढ़ दिए। अनुपम जैन वह पार्षद हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि इन्हें पूर्व वित्त मंत्री पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक कांग्रेस के बड़े नेता तरुण भनोट और उनके भाई गौरव भनोट ने पार्षद का टिकट भी दिलवाया था और जीत भी दिलवाई थी।
मूलत: अनुपम जैन व्यवसायी हैं और बिल्डरशिप का काम करते हैं। इनके द्वारा बनाई गई कई कॉलोनियों पर अवैध होने का आरोप भी लग चुका है। आरोप यह भी लगे हैं कि कांग्रेस की जब सरकार थी तब उन्होंने सत्ता पक्ष का पूरा लाभ उठाते हुए अपनी अवैध कॉलोनी में सडक़ बनवाने और बिजली के खंबे लगवाने जैसे कार्य दबाव डालकर करवाए। यह काम किस मद से हुआ? यह जाँच का विषय है। यह सब आरोपों का हिस्सा है। जिसकी जाँच होनी चाहिए। फिलहाल राजनीतिक गलियारों में जो चर्चा सरगम है उसके अनुसार भनोत बन्धुओं के बनाए गए काँग्रेस के पार्षद अनुपम जैन ने अपनी अवैध प्लाटिंग की दुकानदारी बचाने के चक्कर में भाजपा विधायक और भाजपा के मंत्री राकेश सिंह की तारीफ  के पुल बांधना सदन में शुरू कर दिया।  कांग्रेस का पार्षद बीजेपी की मंत्री की तारीफ  करता रहा मगर वर्तमान में भाजपा के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू के कार्यों को चुनौती देता भी नजर आया।

भाजपा के पार्षद फँस गए-

सदन में बड़ी दुविधा की स्थिति थी जब भाजपा के दूसरे पार्षद कांग्रेस के पार्षद द्वारा महापौर पर लगाए जा रहे हैं आरोपों का विरोध नहीं कर पा रहे थे क्योंकि आरोपों से घिरे कांग्रेस पार्षद अनुपम जैन जिन्हें भनोट बंधुओं ने पार्षद बनाया वह अपनी दुकानदारी और अपने काले कारनामों को छुपाने के लिए भाजपा के मंत्री और पश्चिम के विधायक के समक्ष भरे सदन में नतमस्तक हो गये। कांग्रेस पार्षद पर लग रहे आरोप के साथ चर्चा यह भी है कि इनकी अवैध कॉलोनियों की जाँच की शिकायत हुई है। यही कारण है कि इन्होंने पहले तो दरबार में जाकर नतमस्तक किया फिर सदन में भाजपा के विधायक और मंत्री के तारीफ  के कसीदे पढऩे शुरू कर दिए। वह यह भी भूल गए कि उनको पार्षद किसने बनाया है। किसकी शह पर वह राजनीति में आए। बहुत ताजुब की बात नहीं हो सकती है कि भविष्य में यह पाला बदलकर दूसरे राजनीतिक दल में शामिल हो जाएं हालांकि इन्हें जमीनी नेता नहीं माना जाता। लेकिन फिर भी अपना व्यापार और अपनी दुकानदारी बचाने के चक्कर में भरे सदन में यह अपनी ही पार्टी से गद्दारी कर बैठे। पार्षद किसी भी दल का हो महापौर सबका होता है। अगर विकास कार्य की बात करना थी तो सिर्फ  महापौर पर केंद्रित होनी चाहिए थी भले ही वह विरोध की बात हो या समर्थन की बात हो। महापौर के कार्यों को चुनौती देने के साथ-साथ इन्होंने भाजपा के पश्चिम क्षेत्र के विधायक और प्रभावशाली मंत्री की तारीफ में कसीदे पढक़र यह साबित कर दिया कि वह कांग्रेसी विचारधारा से कम और व्यापारिक विचारधारा से अधिक जुड़े हुए है।

पश्चिम में खत्म  होने की कगार पर कांग्रेस

राजनीतिक के जानकारों का कहना है कि पश्चिम विधानसभा में विगत चुनाव के बाद से कांग्रेस शून्य होती जा रही है। भनोट बन्धुओं के कार्यालय में रोजाना जो आम जनता का दरबार सजता था वह चुनाव परिणाम आने के दूसरे दिन के बात से ही बंद हो गया और यहां ताला लटका नजर आता है। हार का तीर बड़ा गहरा  चुभा और पश्चिम के कांग्रेसी नेता राजनीति छोड़ सिर्फ  व्यापारिक गतिविधियों में लग गए। जनता की सेवा के लिए और मानव सेवा के बड़े-बड़े दावे हार के साथ ही खत्म हो गए। राष्ट्रीय और प्रदेश कांग्रेस के बड़े-बड़े आयोजन हो गए। लेकिन उनमें पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसियों की भूमिका उल्लेखनीय नहीं कहीं जा सकती। वर्तमान में स्थिति यह है कि राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े सभी लोग यही मान रहे हैं कि पश्चिम विधानसभा में कांग्रेस शून्य काल में चली गई है। पूर्व विधायक तरुण भनोट चुनाव हार गए इस क्षेत्र के दूसरे नेता जगत बहादुर सिंह अन्नू भाजपा में चले गए, राम मूर्ति मिश्रा पहले ही भाजपा में जा चुके हैं। भानोत बंधुओं के एक प्रिय कांग्रेस के पार्षद दिनेश सिंगरौली तो भाजपा में ही शामिल हो गए। जो बचे हुए अच्छे व्यापारिक किस्म के नेता हैं वह कांग्रेस की विचारधारा छोडक़र भाजपा के नेताओं के संरक्षण में केवल अपनी व्यवसायिक गतिविधियों पर ध्यान लगा रहे हैं। वर्तमान में पश्चिम का कोई भी ऐसा कांग्रेस का नेता नहीं है जो पार्टी के विचारधारा के अनुरूप झंडा उठाकर मैदान में नजर आ रहा हो।

कांग्रेस पार्षद की हरकत ने साबित कर दिया-

विगत दिवस नगर निगम सदन में आयोजित बैठक के दौरान जब कांग्रेस के पार्षद अनुपम जैन ने भाजपा के विधायक और मंत्री की तारीफ में कसीदे पढ़े तो उन्होंने यह भी साबित कर दिया कि पश्चिम में अब कोई कांग्रेस का खैरख्वाह नहीं है। सब अपनी-अपनी दूकान बढ़ाने और अपने अपने नफा नुकसान को देखकर चलने में लगे हुए हैं।

मंत्री राकेश सिंह के निशाने पर हैं कांग्रेसी पार्षद के कारनामे

पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के  कांग्रेस के विधायक तरुण भनोत को आश्चर्यजनक रूप से भारी मतों के अंतर से हराकर राकेश सिंह जब पश्चिम क्षेत्र के विधायक चुने गए और लोक निर्माण मंत्री बने उन्होंने पूरे पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के साथ ही साथ इस क्षेत्र में पहले हुए अवैध कार्यों पर भी अपनी नजर दौड़ाई। उन्होंने इस विधानसभा क्षेत्र में अवैध कॉलोनी बनाने वालों की जन्म कुंडली भी तैयार कराई है। कांग्रेस के पार्षद अनुपम जैन ने कल नगर निगम के सदन में मंत्री राकेश सिंह का  यशोगान किया उस कांग्रेसी पार्षद के कारनामे भी मंत्री राकेश सिंह के निशाने पर हैं। इसीलिए चर्चा इस बात की भी हो रही है कि यह कांग्रेसी पार्षद मंत्री राकेश सिंह को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मंत्री राकेश सिंह कांग्रेसी पार्षद के योगदान से प्रभावित होने वाले नहीं हैं। अवैध कॉलोनी बनाने वाले कांग्रेसी पार्षद को मंत्री राकेश सिंह किसी तरह की राहत देंगे इसकी उम्मीद कम ही की जा रही है।

भाजपा मंत्री के कसीदे पढ़े जाने पर बोले नेता प्रतिपक्ष, बड़ा भाई सक्षम है तो मदद करें संपत्तियाँ बेचने की जरूरत क्यों

नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा ने कहा कि सदन में इस प्रकार से भाजपा मंत्री के प्रतिनिधि अभय सिंह ने उनके तारीफों के कसीदे पड़े उससे बेहतर है कि री डेंसिफिकेशन के नाम पर नगर निगम की संपत्तियों को बेचे जाने से रोकने में भाजपा को अपने वरिष्ठ नेताओं की मदद लेनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा ने कहा कि यह सामान्य सी बात है कि अगर पिता या बड़ा भाई परिवार में आर्थिक रूप से सक्षम है तो छोटे भाई को अपनी संपत्ति बेचने की जरूरत नहीं पड़ती। इसी प्रकार अगर भाजपा के विधायक एवं मंत्री राकेश सिंह कहते हैं कि जबलपुर के विकास के लिए पैसे की कमी नहीं है तो फिर उन्हें भी प्रदेश शासन से नगर निगम जबलपुर को पर्याप्त धनराशि विकास के लिए दिलवानी चाहिए ताकि नगर निगम को अपनी संपत्ति ना बेचना पड़े। पार्षद अनुपम जैन ने भाजपा मंत्री की तारीफ  नहीं की बल्कि उन्होंने महापौर के ऊपर नहीं हो रहे विकास कार्यों को लेकर कटाक्ष किया था।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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