जिला निर्वाचन अधिकारी और परिवेक्षक करेंगे नाम की घोषणा
जबलपुर (जयलोक)। भारतीय जनता पार्टी के पूरे प्रदेश में जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के अध्यक्षों के नामों की घोषणा को लेकर अब यह तय हो रहा है कि प्रदेश भाजपा कार्यालय से नवनियुक्त अध्यक्षों की सूची जारी नहीं होगी। अब भाजपा के जो जिला निर्वाचन अधिकारी और पर्यवेक्षक प्रदेश संगठन की ओर से नियुक्त किए गए थे वे ही अब अध्यक्षों के नामों की घोषणा करेंगे। दिल्ली में बीजेपी के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर महत्वपूर्ण मंथन किया गया। बीजेपी प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें जिलाध्यक्षों के नामों को लेकर चर्चा की गई।
बैठक में नियुक्ति नियम को लेकर भी कई बदलाव भी किए गए, यह तय किया गया है कि 4 साल से ज्यादा समय का कार्यकाल पूरा कर चुके जिलाध्यक्षों को रिपीट नहीं किया जाएगा। इस बैठक के बाद पार्टी ने जिलाध्यक्षों के चयन में एक नए फार्मूले को लागू करने का निर्णय लिया है।
नए चेहरों को प्राथमिकता
भाजपा अब जिलाध्यक्षों के चयन में पुराने चेहरों को हटाकर नए और युवा नेताओं को मौका देने जा रही है। खासकर जबलपुर, ग्वालियर, सागर और इंदौर जैसे प्रमुख जिलों में नए जिलाध्यक्ष नियुक्त किए जा सकते हैं। वहीं नए फॉर्मूले को लागू करने के इस निर्णय के साथ ही प्रदेश के 18 जिलों में मौजूदा जिलाध्यक्षों के रिपीट होने की संभावना पर खतरा मंडरा गया है।
महिला, आदिवासी और दलित वर्ग के लिए विशेष स्थान
भारतीय जनता पार्टी का उद्देश्य महिला, आदिवासी और दलित वर्ग को भी पार्टी में नेतृत्व का मौका देना है। भाजपा के इस फैसले के तहत कुल आठ महिला जिलाध्यक्ष बनाई जा सकती हैं, जबकि आदिवासी और दलित वर्ग से पांच-पांच जिलाध्यक्ष बनाए जा सकते हैं।
