भोपाल (जयलोक)। प्रदेश की जिन दो सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है, उन पर अब मुकाबले की तस्वीर साफ हो चुकी है। इसकी वजह है कांग्रेस व भाजपा प्रत्याशियों कीे नामों की घोषणा होना। दोनों सीटों पर कांग्रेस व भाजपा के बीच ही सीधा मुकाबला होना है। भाजपा प्रत्याशियों को जहां अपने नेताओं पर तो वहीं कांग्रेस को जातिगत समीकरणों पर अधिक भरोसा है।
कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर ही तय किया गया है। विजयपुर में पहले से चुनावी तैयारियों में लगे वन मंत्री रामनिवास रावत को सीएम डॉ. मोहन यादव और बुधनी में रमाकांत भार्गव को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सहारे जीत का हासिल करने की आशा है। दोनों के नाम घोषित होते ही राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि रावत पर सीएम और भार्गव पर शिवराज का भरोसा है। ऐसे में जरा भी असहज करने वाले परिणाम आते हैं तो मामला वरिष्ठ नेताओं से जुडऩा तय है। उधर, रावत व भार्गव अंदर की राजनीति की वजह से पूरी तरह से सहज नहीं हैं।
विजयपुर में साख दांव पर
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 में से 28 सीटें जीती थीं। छिंदवाड़ा में कमलनाथ का कब्जा था। नकुल उपचुनाव में सांसद चुने गए थे। 2024 का चुनाव सत्ता की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में लड़ा गया। इस नाते उन पर जिम्मेदारी थी कि सभी 29 सीटों पर जीत मिले। मुरैना, छिंदवाड़ा, राजगढ़, रतलाम जैसी सीटों पर कांटे की टक्कर थी।
सीएम के साथ पार्टी नेतृत्व में मुरैना विपक्ष को कमजोर करने के लिए कांग्रेस के खाटी नेता विजयपुर से विधायक रामनिवास रावत को तोड़ लिया। कहते हैं कि इसी रणनीति के चलते भाजपा को मुरैना सीट मिली है। अब विजयपुर विधानसभा सीट पर पार्टी की साख तो दांव पर लगी ही है, सीएम भी चुनाव की घोषणा से पहले यहां सक्रिय हैं। उधर उनके मुकाबले में कांग्रेस ने आदिवासी चेहरे मुकेश मल्होत्रा पर दांव लगाया है। मुकेश पहले निर्दलीय चुनाव लड़ा और लगभग 44,000 वोट प्राप्त किए। मुकेश मल्होत्रा आदिवासी समुदाय से आते हैं, और विजयपुर क्षेत्र में आदिवासी वोटों की अहमियत को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया।
