
जबलपुर जय लोक। दो दिन से चल रहे विजय नगर डिवीज़न में भाजपा नेताओं और विधुत अधिकारियों कर्मचारियों के बीच के टकराव में नया मोड़ आ गया है। आज विधुत मंडला के अधिकारियों ने सार्वजनिक थॉर पर इस पुरे मामले की जड़ का खुलासा करते हुए बताया है कि पुष्पेंद्र सिंह जो कि पार्षद पति हैं, द्वारा विजयनगर क्षेत्र में अवैध कालोनी विकसित करने का कार्य किया जाता है । इनके द्वारा अपनी अवैध विकसित कॉलोनी मातृ छाया में प्लाटिंग कर लोगों को डायरेक्ट बिजली दी जा रही है। तथा क्षेत्र के निवासियों से अवैध वसूली की जाती है। इनके ऊपर नामजद बिजली चोरी के केस तीन से चार बार पिछले 4 वर्षों में दर्ज किए गए हैं। अभी भी इनके द्वारा कनेक्शन नहीं लिए गए हैं, आज भी डायरेक्ट बिजली चोरी से कॉलोनी की बिजली चल रही है। बिजली चोरी में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को 20-25 लाख की राशि वसूलनी है, परंतु राजनैतिक दबाव बनाकर बिजली चोरी का कोई भी पैसा नहीं जमा करते हैं। गत दिवस 19 जून 2024 को हुए विवाद की मुख्य जड़ यह व्यक्ति है। इस व्यक्ति द्वारा बिजली चोरी के प्रकरण में रंजिशपूर्वक माहौल बिगड़कर विवाद उत्पन्न किया गया।
पार्षद अतुल दानी विजयनगर क्षेत्र में अपनी दादागिरी एवं धाक जमाने के लिए पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अभियंताओं व कार्मिकों से बदतमीजी से पेश आते हैं। 6 माह पूर्व एक उपभोक्ता लालवानी के बिजली बिल की राशि ना जमा होने के कारण बिजली लाइन काटी गई तो पार्षद अतुल दानी द्वारा 100 -150 लोगों के साथ दबाव बनाकर ऑफिस में झूमाझटकी कर नेतागिरी की गई एवं अभियंताओं एवं कार्मिकों के साथ बहुत ही अभद्रता से पेश आए।
गत दिवस 19 जून 2024 को हुई घटना में एक उपभोक्ता चतुर्वेदी द्वारा बिजली बिल की शिकायत लेकर बिजली दफ्तर पहुंचे एवं बहुत ही अभद्रता से अधिकारी से पेश आए। मौके पर डीई इमरान खान के द्वारा समझाइए देकर तमीज से पेश आने की बात कही तो इसके द्वारा फोन पर अतुल दानी एवं अन्य को बुला लिया गया तथा कार्यपालन अभियंता एवं अन्य अधिकारियों को बंधक बना लिया गया। इसके बाद मौके पर एसई संजय अरोड़ा वहां पहुंचे। जब पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अभियंता उपभोक्ता चतुर्वेदी के बिल के संबंध चर्चा कर रहे थे, उसी समय अतुल दानी, पुष्पेंद्र सिंह 15-20 लोगों के साथ डीई के कमरे में प्रविष्ट हो गए तथा इनके द्वारा तोड़फोड़ की गई एवं डीई के टेबल को पलट दिया एवं गाली गलौज कर अभद्रता की गई। पूरे ऑफिस की फाइलों को अस्त व्यस्त कर दिया गया था तथा इसका जीता जागता प्रमाण वीडियो है। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है की पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के के वरिष्ठ अभियंता द्वारा उपद्रवियों से शांति व्यवस्था बना बनाए रखने हेतु अपील की जा रही थी। परंतु इसका असर उपद्रवियों के ऊपर नहीं पड़ा तथा वे कार्यालय को तहस-नहस करने पर उतारू थे।
जानभूझकर जातिगत रंग दिया जा रहा मामले को
जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार कार्रवाई करने पर बौखलाए छुट भैया नेताओं के द्वारा जमकर हंगामा किया गया। चक्का जाम कर मामले को तूल देते हुए जाति सूचक दिशा में मोड़ा गया। इसके तहत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अभियंताओं के ऊपर एससी एसटी एक्ट के अंतर्गत झूठी एफआईआर दर्ज करवाई गई, जबकि 19 जून 2024 तारीख की घटनाक्रम वाले कमरे में दो अधिकारी जो कि खुद एससी- एसटी है उनके भी साथ अभद्रता की गई। परंतु इस बात पर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा तूल नहीं दिया गया। यह और हास्यास्पद है कि एफआईआर के लिए जिन अधिकारियों के नाम भाजपा के नेताओं के द्वारा लिए जा रहे हैं उसमें एससी एसटी के अधिकारी भी शामिल हैं। यह सब पूरा घटनाक्रम से यह समझ में आ रहा है कि पुष्पेंद्र सिंह एवं अन्य नेताओं के द्वारा चोरी की करतूत एवं राशि जमा ना करने के कारण बहुत दिनों से चल रही इस भूमिका का यह जो अंत हुआ वह बेहद ही दुखद है।

Author: Jai Lok







