कांग्रेस युवा को अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बना चुकी है
जबलपुर (जय लोक)। सत्ता पक्ष में काबिज भारतीय जनता पार्टी के संगठन चुनाव का क्रम लगातार जारी है। भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्षों के चुनाव या मनोनयन का काम भी पूरा हो चुका है। नवनिर्वाचित मंडल अध्यक्षों के नामों की सूची भी कल जारी हो गयी है। अब भाजपा के नगर और जिला अध्यक्ष के सबसे प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव होने जा रहे हैं। अध्यक्ष के पद के लिए दावेदारों की भरमार है। लेकिन भाजपा में सबसे बड़ी परेशानी एक अनार सौ बीमार वाली परिलक्षित हो रही है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि उम्र दराज तजुर्बेकार लोग तो अध्यक्ष पद की दावेदारी कर ही रहे हैं लेकिन 40 से 50 साल की उम्र के युवाओं ने भी अपनी दावेदारी की ताल नगर अध्यक्ष पद के लिए ठोक दी है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि भाजपा के वर्तमान में सबसे मजबूत विपक्षी राजनीतिक दल कांग्रेस ने युवा नगर अध्यक्ष मैदान में उतारा है। इनका नेता प्रतिपक्ष का पद भी युवा नेता के पास है। युवाओं को प्रोत्साहित कर राजनीतिक क्षेत्र में आगे बढ़ाने की बात लगातार भाजपा भी करती आ रही है। अब स्वाभाविक रूप से यह स्थिति निर्मित हो चुकी है कि युवाओं को आगे लाकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ देना राजनीतिक दलों के निर्णय में शामिल हो चुका है।
भारतीय जनता पार्टी ने अब अपने जिलों के नए अध्यक्ष के चुनाव की कवायद शुरू कर दी है। जबलपुर में जिला और ग्रामीण नगर अध्यक्ष पद की दौड़ में भाजपा के युवा नेता भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। हालांकि इनमें से कुछ नामों को दावेदार की दौड़ में गंभीरता से लिया जा रहा है। सामान्य तौर पर यह कह दिया जाता है कि संगठन के पदों पर होने वाली नियुक्ति के निर्णय कार्यकर्ता की कर्मठता और समर्पण एवं उसके द्वारा पूर्व में किए गए कार्यों का आंकलन कर लिए जाते हैं। लेकिन भाजपा के पुराने लोग और सूत्र इस बात का दावा करते हैं यह बीते समय की सैद्धांतिक बातें और पद्धति अब भाजपा में काम नहीं करती।
नेताओं की लॉबी हावी है और वहीं नियुक्ति पर निर्णय के मुद्दे पर आपसी रजामंदी से करते हैं। जबलपुर में भी भाजपा के राजनीतिक शक्ति केंद्र बढ़ गए हैं। पूर्व सांसद वर्तमान कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह का बहुत बड़ा प्रभाव क्षेत्र है। इनकी अध्यक्ष के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका भी रहेगी। जिले में अब सांसद के पद पर अलग जनप्रतिनिधि एवं भाजपा नेता आशीष दुबे निर्वाचित होकर आए हैं। उनके अपने अनुयायी हैं जो इनके प्रभाव क्षेत्र का उपयोग कर संगठन के पदाधिकारी की नियुक्ति में चल रही रस्साकशी में अपना भाग्य आजमाना चाहते हैं। 30-40 साल का अपना राजनीतिक अनुभव और लगातार संगठन का काम करने वाले युवा नेता भी नगर अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं।
हाल फिलहाल में मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति में इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि नियुक्त किए गए मंडल अध्यक्ष पार्टी के वोट बैंक को बढ़ा सकें। आने वाले समय में अपने-अपने मंडल में पार्टी को और अधिक मजबूत कर सके। मंडल चुनाव के बाद नगर अध्यक्ष पद की और ग्रामीण अध्यक्ष पद की प्रक्रिया प्रारंभ होगी लेकिन,पार्टी सूत्रों का कहना है यह अध्यक्ष पद के लिए उठापटक अभी से शुरू हो गई।
वर्तमान नगर अध्यक्ष प्रभात साहू, सदानंद गोडबोले, नंदकुमार यादव, कमलेश अग्रवाल, पंकज दुबे, संदीप जैन, पवन तिवारी, ये ऐसे नाम हैं जिन पर गंभीरता के साथ चर्चा हो रही है। वहीं अपने राजनीतिक अनुभव के आधार पर पूर्व पार्षद श्रीराम शुक्ला, अमित जैन, कैलाश साहू , सोनू बचवानी को भी दावेदारों की सूची में शामिल बताया जा रहा है। इसके अलावा और भी कई ऐसे प्रमुख नाम हैं जो सार्वजनिक रूप से चर्चाओं में नहीं रहते है लेकिन संगठन की नजर में उनके कार्य उल्लेखनीय हैं और इस आधार पर कोई नया चौंकाने वाला नाम निकल कर सामने आने की भी संभावनाएं हैं। ये ऐसे लोग है जो 25 से 40 साल का तजुर्बा लेकर भाजपा की सेवा कर जनहित कार्य करते आए हैं और कहीं ना कहीं इस बात का आंकलन भी किया जा रहा है कि अब युवाओं का दौर है इसलिए युवा नगर अध्यक्ष एक नई ऊर्जा और नई चेतना के साथ युवाओं के बीच में भारतीय जनता पार्टी के मकसद और विचारधारा को लेकर आगे बढ़ेगा।
कमलेश अग्रवाल एक ऐसा युवा नाम निकलकर सामने आता है जिसने भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में भी राजनीति की है और भाजपा की विचारधारा को प्रमुख रूप से आगे बढ़ाने का काम किया है। वर्तमान में नगर की चारों विधानसभा के अंतर्गत कमलेश अग्रवाल सर्वाधिक सक्रिय हैं यहां तक कि विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट मिलने वाले प्रत्याशी के पक्ष में कमलेश अग्रवाल और उनकी पूरी टीम पार्टी को जिताने के लिए अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जानी जाती है। कमलेश अग्रवाल पूर्व में कई चुनाव में प्रभारी बनाए गए हैं पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों का दायित्व निर्वहन भी संयोजक के रूप में कर चुके हैं। युवाओं के बीच में इनकी अलग ही लोकप्रियता है।
पवन तिवारी संगठन से जुड़ा हुआ पुराना नाम है यह पहले भी मंडल महामंत्री, नगर महामंत्री, नगर उपाध्यक्ष के पदों पर रह चुके हैं प्रदेश कार्य समिति में सदस्य भी रह चुके हैं, इन्होंने पार्टी के द्वारा पूर्व में दिए गए कई प्रकार के प्रभार-अभियान जैसे दायित्व का निर्वहन भी किया है। अमित जैन भाजपा के युवा नेता हैं और राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से संबंधित है। इनके पिता स्वर्गीय अशोक जैन भी वर्ष 99 में भाजपा से पार्षद रह चुके हैं। महिला वार्ड आरक्षित होने पर पत्नी नेहा जैन भी पार्षद रह चुकी हैं। युवा मोर्चा में नगर मंत्री, मंडल के अध्यक्ष, लोक सभा चुनाव में संकल्प पत्र अभियान समिति के संयोजक के पदों पर अमित जैन ने दायित्व निर्वहन किया है। अब यह आगे जाकर पता चल सकेगा कि अध्यक्ष पद के लिए किसके नाम की लाटरी निकलती है।
एक मंडल को होल्ड कर बाकी पर किए नाम घोषित
उत्तर मध्य विधानसभा के अंतर्गत आने वाले स्वामी विवेकानंद मंडल के अध्यक्ष पद पर एक राय नहीं हो पाने के वजह से इसे संगठन ने होल्ड पर कर दिया है। सूत्रों के अनुसार संगठन और विधायक की किसी एक नाम पर आम राय नहीं बन पाई है और जो नाम चर्चा में है उन पर फिर से विमर्श किया जाएगा।
