जबलपुर (जयलोक)।
कुछ समय पहले जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिले में सक्रिय माफिया किस्म के बाहुबलियों और राजनीतिक चादर ओढक़र सफेदपोश बने होने का ढोंग करने वाले लोगों को चिन्हित किया और फिर उनके अवैध कब्जे और निर्माण पर प्रशासन की जेसीबी ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की।
अब एक बार फिर भू-माफिया लिस्ट को दोबारा अपडेट करने का कार्य किया जा रहा है। प्रशासनिक सूत्र के अनुसार राजधानी भोपाल से जानकारी एकत्रित करने के निर्देश अधिकारियों को प्राप्त हुए हैं। सभी अनुविभागीय दंडाधिकारी अपने अपने क्षेत्रों में ऐसे लोगों को चिन्हित करने का कार्य करेंगे जिन्होंने शासकीय भूमि पर कब्जा कर रखा है। वह भूमि चाहे नगर निगम की हो या फिर नजूल की हो हर प्रकार की भूमि को कब्जा मुक्त करने के उद्देश्य से यह तैयारी की जा रही है। विशेष कर बाहुबली रसूखदार और राजनीति की आड़ में जिन्होंने सरकारी जमीनों पर कब्जा किया है उनके नाम इस भू माफिया लिस्ट में जोड़े जाएंगे।
जिन लोगों के नाम पहले से ही शासकीय भूमि पर, रास्तों पर, कंजरवेंसी पर, नालों पर, सरकारी भूखंडों पर कब्जा करने वालों की सूची में शामिल उनका सत्यापन करने के लिए पुराना रिकॉर्ड और नक्शे भी देखें जाएंगे।
सत्ता पक्ष के कम विपक्ष के नेता रहेंगे ज्यादा निशाने पर
स्वाभाविक सी बात है कि जिस राजनीतिक दल के पास सत्ता है उससे संबंधित व्यापारी उससे संबंधित नेता इस कार्यवाही की जद में दूसरे नंबर पर आएंगे। पहले नंबर पर विपक्ष के तथा कथित नेता और राजनीति की आड़ में कब्जा करने वाले लोग उनके साथ कांग्रेस से जुड़े ऐसे व्यापारी जिन्होंने लंबे समय से शासकीय भूमि पर कब्जा कर रखा है उन्हें शासन की कार्यवाही का सबसे पहले सामना करना होगा।
सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और नगर निगम तीनों प्रमुख विभाग ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनसे संबंधित सभी वैध अवैध गतिविधियों की जानकारी को एकत्रित कर पूरा रिकॉर्ड अपडेट करेंगे।
कई बड़े नाम भी हैं शामिल
इसके पूर्व में जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई भू-माफिया अभियान की सूची में बहुत सारे छोटे मोटे नेताओं के साथ बड़े बड़े रसूखदारों के नाम भी शामिल बताये जा रहे है। ऐसे बहुत से लोगों की शिकायत सी एम हेल्प लाइन के माध्यम से भी शासन तक पहुँच रही है। सत्ता पक्ष के लोग भी विपक्ष के ऐसे लोगों पर नजरें गड़ाए हुए हैं जिनसे उनको पूवज़् के चुनावों का हिसाब करना है और जो शासकीय जमीन में कब्जा करके बैठे है।