जबलपुर (जयलोक)। शहर के ग्रामीण क्षेत्र में एक बार फिर मजदूरों से भरा वाहन हादसे का शिकार हो गया। हादसे में दो दर्जन से ज्यादा मजदूर घायल हुए हैं। कहा जा रहा है कि मजदूरों को मटर तोडऩे के लिए ले जाया जा रहा था। तभी रास्ते में पिकअप वाहन अनियंत्रित हो गया और वाहन सडक़ किनारे पटल गया। घायलों में महिलाएं व बच्चे भी शामिल हैं। हादसा वाहन चालक की लापरवाही से होना बताया जा रहा है। पुलिस ने घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाते हुए आरोपी वाहन चालक की तलाश शुरू कर दी है।
मामला पाटन के अमरपर गांव का है। यहां आज सुबह 9 बजे मजूदरों से भरा पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया। ग्रामीणों ने जब हादसा देखा तो घायलों की मदद के लिए दौड़े। एक-एककर घायलों को पिकअप वाहन से बाहर निकाला गया। इधर मौका पाकर पिकअप वाहन चालक मौके से फरार हो गया। इन घायलों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। घटना की जानकारी मिलते ही पाटन थाना पुलिस मौके पर पहुंची और सभी घायलों को पाटन स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। 8 मजदूरों को प्राथमिक उपचार देने के बाद जबलपुर भेजा गया, जबकि बाकी का इलाज जारी है।
मटर तोडऩे जा रहे थे मजदूर
पुलस को जांच में यह पता चला है कि सभी मजदूर मटर तोडऩे जा रहे थे। घटना उस दौरान हुई जब छेड़ी बरोदा गांव से ये सभी मजदूर मटर तोडऩे के लिए पिकअप वाहन में पीछे बैठकर महुआ खेड़ा गांव जा रहे थे। जैसे ही वाहन अपरपुर पहुँचा तभी वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया। वाहन पलटते ही चारों तरफ चीख पुकार मच गई। स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचकर वाहन में दबे हुए मजदूरों को बाहर निकाला और पाटन थाना पुलिस सहित 108 को सूचना दी। घायलों की संख्या ज्यादा थी, लिहाजा 108 के साथ-साथ निजी वाहनों से सभी को पाटन स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। 8 मजदूरों बुरी तरह से जख्मी थे, घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
वाहन चालक की लापरवाही से हुआ हादसा
घायलों ने बताया कि हादसा वाहन चालक की लापरवाही से हुआ है। मजदूरों का कहना है कि पिकअप वाहन में करीब 35 मजदूर सवार थे। वाहन चालक द्वारा पिकअप वाहन को तेज गति से दौड़ाया जा रहा था।
मजदूरों ने चालक से पिकअप की रफ्तार धीमी करने को भी कहा लेकिन वह नहीं माना। घटना की जानकारी लगते ही पाटन थाना पुलिस पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों के बयान दर्ज करने के बाद वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाशी शुरू कर दी। इस हादसे के बाद मजूदरों में चीखपुकार मच गई, कुछ मजदूर पिकअप वाहन में भी दब गए। जिन्हें लोगों की मदद से बाहर निकाला गया।
पहले भी हो चुके हादसे
इस तरह की हादसे पूर्व में भी हो चुके हैं। जिसके बाद पुलिस ने कुछ सख्ती दिखाई लेकिन समय के साथ मामला ठंड हो गया। उसके बाद फिर से वाहनों में मजदूरों को भेड़ बकरियों की तरह ढोने का सिलसिला शुरू हो गया।
इनको पहुँची गंभीर चोटें
कला बाई गौंड (41 वर्ष), राम बाई (46 वर्ष), अशोक बसोर (55 वर्ष), सिम्मा झारिया (45 वर्ष), रंजीता गौड़ (13 वर्ष), कमररानी (42 वर्ष), शेखर गौड़ (16 वर्ष), कुमारी लीला (17 वर्ष)।