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मजाक बन गया युवक कांग्रेस का चुनाव, एप के भरोसे कार्यकर्ता और भगवान भरोसे एप, जमीनी कार्यकर्ता चुनाव से दूर, बड़े नेताओं की गोद में चयन करने का निर्णय

भोपाल/जबलपुर, जय लोक। मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस के चुनाव अपने चरम पर हैं। वहीं इस चुनाव में चरम पर अनियमितताएं भी हैं। जिस एप के माध्यम से युवक कांग्रेस के चुनाव की वोटिंग कराई जा रही है इसकी सत्यता और पारदर्शिता पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जमीनी कार्यकर्ता इस चुनाव से दूर नजर आ रहे हैं। सवाल युवा कांग्रेस के ऐसे नेता भी उठा रहे हैं जिन्होंने छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक संघर्ष की शुरुआती की और अभी तक पूरा जीवन कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने में समर्पित किया है। ऐसे लोगों की भी पूछ परख नहीं हो रही है।
जो चुनाव का पूरा खाका तैयार किया गया है उसे देखकर साफ समझ में आ रहा है कि पैसे वाले और बड़े नेता ही अपने लोगों को या अपने रिश्तेदारों को इस चुनाव में पदाधिकारी बनाने में लगे हुए हैं।

मतदाता की पहचान बड़ा सवाल, कैसे होगी सही पहचान

मतदाताओं की प्रमाणिकता और उनकी पहचान को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। चुनाव प्रक्रिया कह रही है कि जो लोग चुनाव लड़ रहे हैं वह सदस्यता अभियान चलाएंगे। इस अभियान का आधार वोटर आईडी का नंबर और एक वीडियो अपलोड करने के साथ-साथ मोबाइल नंबर दर्ज करने पर प्राप्त होने वाला ओटीपी है। लेकिन वोटर आईडी केवल एक ही विधानसभा में काम आएगी इसका कोई प्रमाणिकता का पैमाना नहीं है। ऐसी स्थिति में तो किसी भी जिले का वोटर पैसे की लालच में किसी भी जिले में यूथ कांग्रेस का सदस्य बनकर मतदान कर सकता है। जिस एप के माध्यम से पूरा चुनाव हो रहा है। वह पूरा एप भगवान भरोसे है। पारदर्शिता का कोई पैमाना तय नहीं हैं।

मतदाता की प्रमाणिकता बड़ा सवाल

युवा कांग्रेस के चुनाव में सबसे अबूझ पहेली बना हुआ है मतदाताओं का चयन और उनकी पहचान। बार-बार सवाल उठ रहा है कि एक मतदाता अगर अपना वोटर आईडी का इस्तेमाल कर किसी एक जिले में, एक विधानसभा में एक ब्लॉक में किसी भी पद के लिए वोट करता है तो फिर यह कैसे प्रमाणित होगा कि वह किसी और अन्य विधानसभा क्षेत्र में वोटर नहीं बन सकता। वोटर आईडी की जाँच के लिए इस चुनावी एप में क्या प्रावधान है। क्या वोटर आईडी का इतना डाटा युवा कांग्रेस की चुनाव प्रबंधन टीम के पास उपलब्ध है। जिसके माध्यम से जानकारी को क्रॉस चेक किया जा सके। इसका जवाब हर कार्यकर्ता पूछ रहा है। जिसका जवाब आज तक सामने नहीं आया है।
बड़ा सवाल यह भी उठ खड़ा हो रहा है कि वोटर आईडी का पूरा डाटा क्या चुनाव संपन्न कर रही युवा कांग्रेस की समिति के पास मौजूद है। जिससे वह यह जांच कर सके की एक वोटर आईडी, एक वीडियो एक मोबाइल नंबर और एक ही व्यक्ति, एक स्थान पर अपने मताधिकार का प्रयोग करें।
अगर एक मतदाता एक जिले, विधानसभा, एक ब्लॉक में अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहा है तो इसका क्या पैमाना है कि वह दूसरे स्थान पर अपने
वोटर आईडी का दोबारा उपयोग न कर पाए, इस पर अंकुश लगाने के क्या प्रावधान हैं इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
एक सवाल यह भी – जो मतदान कर रहा है वह 18 से 35 के बीच का है
युवा कांग्रेस के चुनाव में एक बड़ा सवाल यह भी उत्पन्न हो रहा है कि आखिर चुनाव चयन समिति और कांग्रेस पार्टी ने क्या नियम बनाए हैं जिससे यह साफ हो सके की युवा कांग्रेस के लिए मतदान करने वाला व्यक्ति 18 से 35 आयु वर्ग के बीच का ही है यह कैसे तय होगा की आयु सीमा का पालन किया जा रहा है। इसका कोई उत्तर अभी तक सामने नहीं आया है।

नामांकन पहले मतदाता बाद में

इस पूरी चुनाव प्रक्रिया में एक सवाल यह भी उठ रहा है कि कांग्रेस ने अपने यूथ कांग्रेस के चुनाव में इस बात को किस पैमाने पर तय किया है कि वह नामांकन तो पहले करवा चुके हैं लेकिन मतदाताओं के सत्यापन के कार्य का कोई पैमाना तय नहीं है ना ही पारदर्शिता है। ऐसे में यह कैसे स्पष्ट होगा कि जो वोट कर रहा है उसकी आयु सीमा 18 से 35 के बीच में है।

वार्ड का उल्लेख नहीं ब्लॉक का करवा रहे चुनाव

इस पूरी चुनाव प्रक्रिया में यूथ कांग्रेस के चुनाव प्रभारी ने क्या इस बात को नजरअंदाज कर दिया है कि जो एप बनाई गई है उसमें वार्ड का स्थान तो दिया ही नहीं गया है। व्यवस्था के अनुसार एक ब्लॉक के अंतर्गत 5 से 6 वार्ड तक आ सकते हैं। अब जब वार्ड को चयनित करने का विकल्प ही एप में नहीं दिया गया है तो फिर फर्जीवाड़ी के लिए तो यह खुला मैदान नजर आ रहा है इस पर भी यूथ कांग्रेस के चुनाव संचालकों द्वारा अभी तक कोई प्रकाश नहीं डाला गया है।

डाटा अगर फीड नहीं है तो कैसे होगा मतदाता का सत्यापन

इस पूरी चुनाव प्रक्रिया में यूथ कांग्रेस के पदाधिकारी ने आज तक इस बात को स्पष्ट नहीं किया है कि वोटर आईडी के आधार पर जो चुनाव प्रक्रिया निष्पादित की जा रही है उसके सत्यापन का क्या आधार है। एक वोटर आईडी अगर किसी पदाधिकारी के चुनाव के लिए इस्तेमाल हो गई है तो वही वोटर आईडी दूसरे पदाधिकारी के चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं होगी इसे कैसे जाँच करके रोका जाएगा। क्योंकि पूरा ही खेल इसी आधार पर निर्भर है और पैसे से सक्षम लोग, प्रभाव से सक्षम लोग परिवारवाद से ग्रसित लोग इसी का फायदा उठाकर अपने लोगों को यूथ कांग्रेस के चुनाव में पदाधिकारी बना देंगे। लेकिन इससे पार्टी का कोई काम नहीं होगा। केवल जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा होगी।

 

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Jai Lok
Author: Jai Lok

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