सच्चिदानंद शेकटकर
(जय लोक)। जबलपुर शहर में क्रिसमस उत्सव पहले से ही शुरू हो गया है। शहर के सभी चर्च सज चुके हैं। बड़े दिन के मौके पर शहर के सभी चर्चों में इस दिन विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन भी होगा। जबलपुर शहर के लिए यह गौरव करने की बात है कि मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा चर्च इसी शहर में हैं। ये सभी बड़े भव्य और आकर्षक चर्च अंग्रेजों के शासन काल में ही बने हैं जिनकी संख्या 22 है। जबलपुर में सबसे ज्यादा चर्च बनने की वजह यह है कि प्रदेश के प्रमुख शहर इंदौर भोपाल ग्वालियर में तो अंग्रेजों के शासन के समय रियासतें रहीं हैं। इन रियासतों की वजह से अंग्रेज चर्चों का निर्माण नहीं कर पाए।
लेकिन जबलपुर ऐसा शहर रहा जहाँ रियासत नहीं थीं। इसलिए अंग्रेजों ने अपने क्रिश्चियन धर्म के प्रसार के लिए जबलपुर को प्रमुख केन्द्र बना दिया। अंग्रेजों ने चर्चों को बनाने के लिए बड़े बड़े परिसरों पर कब्जा करना शुरू कर दिया।
1844 में सबसे पहला चर्च नेपियर टाउन में क्राइस्ट चर्च केथेडृल के नाम से बना। क्रास आकर में बने इस चर्च को अंग्रेजों ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बंदियों से बनवाया।
फिर 1870 में सेंट पीटर्स एंड पाल केथेड्रल चर्च पेंटीनाका में बोट के आकर का बना। 1875 में नागरथ चौक पर इंग्लिश मैथोडिस्ट चर्च निर्मित हुआ। 1906 में नागरथ चौक के पास ही एक और डिसाइपल्स चर्च आफ क्राइस्ट बना। 1938 में नेपियर टाउन में होली टिर्नीट चर्च निर्मित हुआ। फिर तो सिविल लाइन नेपियर टाउन से लेकर भर्तीपुर और लार्डगंज तक शहर में बड़े बड़े चर्च बनते ही चले गए।
शहर में जितने भी चर्च अंग्रेजों ने बनवाये वो वास्तुकला के बे जोड़ नमूने हैं। विदेशी स्थापत्यकला का भी भरपूर उपयोग इन चर्च को बनाने में किया गया। बेहतरीन सजावट के लिए विदेश से आकर्षक कांच भी मंगवाये गए।
अंग्रेज सिर्फ जबलपुर में चर्च बनाने तक ही सीमित नहीं रहे। जबलपुर को क्रिश्चियन मिशनरियों का गढ़ भी चर्च के माध्यम से बना दिया। आज भी शहर के सबसे बड़ी शिक्षण संस्थायें क्रिश्चियन मिशनरियों की हीं है। अंग्रेजों के शासन में ही क्राइस्ट चर्च स्कूल सेंट नार्बट और सेंट एलायंस स्कूल जैसे शिक्षण संस्थानों को कई एकड़ के परिसरों में बनवाया गया। आज भी इन शिक्षण संस्थानों में बच्चों को पढ़ाना अभिभावक अपनी प्रतिष्ठा से जोडते है। अब तो इनके कालेज भी बन चुके हैं।
जेक्सन होटल के सामने से जो विशाल परिसर शुरू होता है वह लेनर्ड थियालाजिकल कालेज अंग्रेजों के शासन में ही बन गया था जो आठ एकड़ में है। इस कालेज में नन और पादरियों के प्रशिक्षण का राष्ट्रीय स्तर का कालेज है।
स्टेशन रोड़ पर जो कैरब्ज है वह क्रिश्चियन ब्राडकास्टिंग का राष्ट्रीय केन्द्र है। जहाँ देश भर के लिए मसीही संगीत तैयार होता है और रेडियो सीलोन से ब्राडकास्टिंग होती है और चर्चों गाया जाता है। क्रिसमस के पावन पर्व पर प्रदेश की चर्चधानी जबलपुर के सभी क्रिश्चियन धरर्माव्लंबियों को बड़े दिन की बहुत बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं।