भोपाल (जयलोक)। मप्र में कांग्रेस का जोर संगठन की मजबूती पर है। इसके लिए कांग्रेस प्रदेश में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। इस संदर्भ में गत दिनों पीसीसी में हुई बैठक में प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी और पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया है कि जो जमीन पर काम करेगा उसी को पद पर रहने का अधिकार है।
जानकारी के अनुसार एनएसयूआई, सेवादल और महिला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सहित कई जिला अध्यक्षों को बदलने पर भी बात हुई है। जब कि युवाओं को मौका देने पर जोर दिया गया। प्रदेश प्रभारी ने कहा है कि संगठन को मजबूत करना सभी का लक्ष्य होना चाहिए। 2028 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में सभी जुट जाएं। प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष के कड़े रुख के बाद अब कांग्रेस के सहयोगी संगठनों में बदलाव होने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को बदलने के बाद अब महिला कांग्रेस, सेवादल और एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्षों को बदला जा सकता है। वहीं युवा कांग्रेस की दिल्ली में होल्ड पड़ी प्रदेश कार्यकारिणी को भी हरी झंडी मिल सकती है। यह भी संभावना है कि युवा कांग्रेस और एनएसयूआई में चुनाव के जरिए नया प्रदेश अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया में फिर से पार्टी जा सकती है। प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने बैठक में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं। कई जिलों के अध्यक्ष हटाए जा सकते हैं। ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति में भी उम्र का क्राइटेरिया तैयार है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा है कि गाइडलाइन के अनुसार 45 साल से कम उम्र के ब्लॉक अध्यक्ष बनाए जाएंगे। जहां जरूरत होगी वहां के जिला अध्यक्षों में भी बदलाव होगा।
कई जिलों के अध्यक्षों की होगी छुट्टी
प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने बैठक में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं। कई जिलों के अध्यक्ष हटाए जा सकते हैं। ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति में भी उम्र का क्राइटेरिया तैयार है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा हैं कि गाइडलाइंस के अनुसार 45 साल से कम उम्र के ब्लॉक अध्यक्ष बनाए जाएंगे। जहां जरूरत होगी वहां के जिला अध्यक्षों में भी बदलाव होगा।
इनमें होगा बदलाव
सूत्रों की मानी जाए तो एआईसीसी यहां पर कई और बदलाव करने की तैयारी में है। इसके चलते वह पार्टी के कुछ सहयोगी संगठनों के प्रदेश अध्यक्षों को बदल सकता है। इसमें सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष को बदला जा सकता है। अभी योगेश यादव प्रदेश अध्यक्ष हैं, वे सेवादल को कई बार प्रदेश में लीड कर चुके हैं, लेकिन अब उनकी जगह पर किसी अन्य नेता को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसी तरह महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल को भी बदला जा सकता है। विभा पटेल को दो मार्च को तीन साल पूरे होने जा रहे हैं। हालांकि इस दौरान उन्होंने पार्टी में महिलाओं की स्थिति को मजबूत किया और लगातार दौरे कर महिला कांग्रेस को मजबूत करने का प्रयास भी किया। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा अब तक दिल्ली विधानसभा के चुनाव में व्यस्त थी, अब उन्हें भी हर राज्य में अपने हिसाब से टीम बनाना है। उनसे प्रदेश की कई महिला नेता सीधी जुड़ी हुई हैं। इनमें से कुछ ने प्रदेश अध्यक्ष बनने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
