पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों के लिए तो सिर्फ इंदौर और भोपाल ही सब कुछ रहे
सच्चिदानंद शेकटकर , समूह संपादक
जबलपुर जय लोक।
आज मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के सक्रिय प्रयासों के फल स्वरुप रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव का आयोजन हुआ है। वैसे तो 2007 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी जबलपुर में इन्वेस्टर मीट कराई थी। लेकिन तरंग भवन में हुआ, यह आयोजन तरंग की तरह उड़ गया और कुछ भी हाथ नहीं आया था। जबलपुर के इतिहास में यह पहला अवसर है जब आज यहां पर 6 देश के और 10 प्रदेशों के 3500 इन्वेस्टर्स इस आयोजन में शामिल हुये हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिनने महाकौशल को सबसे पहले प्राथमिकता दी है और महाकौशल के मुख्यालय जबलपुर में आज जबलपुर और पूरे महाकौशल के साथ ही पूरे प्रदेश के विकास के लिए आज जो आयोजन हुआ है वह मील का पत्थर साबित होगा। उससे हमारे शहर, महाकौशल और प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलेगी। वहीं विकास की दशा और दिशा को भी नई राहें मिलेंगी ऐसी पूरी उम्मीद की जाना चाहिए।
यदि प्रदेश के विकास की बात की जाए तो विकास को लेकर होने वाले आयोजनों और बड़ी-बड़ी योजनाओं को लागू करने के लिए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों ने सिर्फ इंदौर और भोपाल को ही हमेशा अपनी प्राथमिकताओं में रखा और वह अपने आप को मध्य भारत का हितैषी मुख्यमंत्री साबित करने में लग रहे। लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुद मध्य भारत क्षेत्र का होने के बावजूद उन्होंने मध्य भारत को प्राथमिकता देने की जगह मध्य प्रदेश के प्रमुख महाकौशल क्षेत्र को प्राथमिकता दी है। औद्योगिक विकास की संभावनाओं से भरे आज के इस रीजनल इंडस्ट्री एनक्लेव के आयोजन को जबलपुर में आयोजित करने को सबसे पहले प्राथमिकता मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दी है। निश्चित ही मुख्यमंत्री की यह पहल स्वागत योग्य है। विकास को लेकर मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव का यह मानना है कि प्रदेश के हर रीजन की अपनी खूबियां हैं। जिनके अनुरूप विकास की योजनाएं बनना चाहिए। इसी का यह नतीजा है कि आज जो रीजनल इंडस्ट्रियल इंडस्ट्री कान्क्लेव आयोजित हुई है उसमें जबलपुर और महाकौशल क्षेत्र की कई खूबियों को सामने लाया जा रहा है। डेयरी और फूड सेक्टर को भी प्राथमिकता में लाया गया है। अमूल इंडिया, ओपेरा, ब्रिटानिया, डाबर धानुक ग्रुप, इमामी एग्रोटेक, हषें इंडिया, हिंदुस्तान कोका-कोला, मजेस्टिक बासमती राइस जैसे बड़े ब्रांडस आज के इस आयोजन में शामिल हुये हैं। जबलपुर रेडीमेड गारमेंट का एक बहुत बड़ा उत्पादक शहर बन गया है। आज के आयोजन से जबलपुर के टेक्सटाइल तथा गारमेंट के उद्योग को पंख लगेंगे। प्रतिभा सिंटेक्स, बेस्ट कॉरपोरेशन, गोकुलदास एक्सपोर्ट, वजीर एंड वाइजर जबलपुर गारमेंट्स एंड फैशन क्लस्टर शामिल हो रहे हैं। जबलपुर देश के सुरक्षा संस्थानों का एक प्रमुख केंद्र है यहां पर सुरक्षा संस्थानों से संबंधित उद्योगों और सहायक उद्योगों के लगने की बड़ी संभावना है। इसलिए जबलपुर के डिफेंस सेक्टर में भी इन्वेस्टमेंट आने की पूरी संभावनाएं नजर आ रही है। डिफेंस सेक्टर में इंडियन आर्मी एबीएनएल, डायनामिक डिजाइन कंपनी, आईडेक्स और ट्रिपल आईटीएम भी आज के इंडस्ट्री कान्क्लैव में हिस्सेदारी की हैं।
जबलपुर और उसके आसपास के क्षेत्र में खनिज संपदाओं के प्रचुर भंडार हैं इसलिए मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के प्रयासों से माईनिंग तथा मिनरल्स सेक्टर में इन्वेस्टमेंट की संभावनाएं बढऩे की उम्मीद की जा रही है। इस सेक्टर में फॉचूज़्न स्टोन, एनएमडीसी लिमिटेड, अल्ट्राटेक सीमेंट, नॉर्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड, एक्सेल माइनिंग इंडस्टरीज आदि इस फील्ड में संभावनाओं की तलाश करेंगे।
जबलपुर पर्यटन की दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण शहर है। भेड़ाघाट जैसा विश्व प्रसिद्ध जलप्रपात इस जबलपुर की एक विशेष धरोहर है। वही जबलपुर के दो सो किलोमीटर की परिधि में कान्हा और पेंच नेशनल पार्क, बांधवगढ़ नेशनल पार्क, पचमढ़ी, खजुराहो जैसे पर्यटन के स्थल भी मौजूद हैं। पर्यटन सेक्टर में डिपार्मेंट आफ टूरिज्म और अन्य बड़े संस्थान मिलकर भविष्य की योजनाएं बनाएंगे। आज जबलपुर में जो रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव आयोजित हुई है उसकी कामयाबी में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की सक्रिय भागीदारी है। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को कामयाब बनाने में बड़ी ताकत भी लगाई है। मुंबई में जाकर मुख्यमंत्री ने बड़े औद्योगिक संस्थानों से चर्चा की है और उन्हें जबलपुर आने का निमंत्रण खुद ही दिया। वहीं मुख्यमंत्री के प्रयासों से 6 देश के प्रतिनिधि जिनमें यूके, जापान मलेशिया इंडोनेशिया, फिजी, ताइवान जैसे देश शामिल हैं उनके प्रतिनिधि भी जबलपुर आये हैं। 10 प्रदेशों में गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, बिहार से भी प्रतिनिधि आये हैं। इस आयोजन में बड़ी कंपनियों और व्यावसायिक घरानों ने भी रुचि दिखाई है। जिनके एमडी भी शामिल हुये है और कई कंपनियों के सीईओ भी आए हैं। 3500 इन्वेस्टर्स इस आयोजन में शिरकत की हैं। निश्चित ही मील का पत्थर बनने जा रहे जबलपुर में इतने बड़े आयोजन को कराने के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।