भोपाल (जयलोक)
महाराष्ट्र चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही न हुआ हो, लेकिन भाजपा ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सक्रिय भूमिका मप्र के नेताओं की होगी। महाराष्ट्र चुनाव के लिए मप्र के नेताओं को सक्रिय कर दिया गया है। वे राज्य के विदर्भ क्षेत्र की कमान संभालेंगे और इसका केंद्र नागपुर होगा। गौरतलब है कि देश के दूसरे राज्यों में जब भी विधानसभा चुनाव होते हैं वहां मप्र के भाजपा नेताओं को मोर्चे पर तैनात कर दिया है। चुनावी मैनेजमेंट में माहिर भाजपा नेताओं की जीत दिलाने का परफॉर्मेंस देखते हुए अब महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव में इन्हें पदस्थ किया जा रहा है। महाराष्ट्र में मप्र भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही समयदानी कार्यकर्ताओं को भी तैनात किया जा रहा है। मंत्रियों में कैलाश विजयवर्गीय को नागपुर शहर और ग्रामीण क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है, प्रहलाद पटेल वर्धा, अमरावती, विश्वास सारंग अकोला और बुलढाणा तथा पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भंडारा और गोंदिया की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी के प्रदेश संगठन महासचिव हितानंद शर्मा को भी महाराष्ट्र चुनाव की जिम्मेदारी दी गई है। राष्ट्रीय सह संगठन महासचिव शिवप्रकाश और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव महाराष्ट्र में चुनाव की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। मप्र में विधानसभा चुनाव के प्रभारी थे, जबकि शिवप्रकाश लगातार राज्य में पार्टी के कामकाज पर नजर रख रहे हैं। इसलिए इन दोनों नेताओं ने मप्र के नेताओं को महाराष्ट्र में तैनात करने का फैसला किया है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन, जो मप्र में संगठन महासचिव थे, को कई विधानसभा सीटों का प्रभारी बनाया गया है। कैलाश, प्रहलाद, नरोत्तम और विश्वास इससे पहले छह राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए काम कर चुके हैं। ये नेता चुनावी रणनीति से परिचित हैं। अब वे महाराष्ट्र और मप्र के नेताओं की टीम बनाएंगे। मप्र के जिन नेताओं को कई सीटों की जिम्मेदारी दी गई है, वे हर विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रभारी नियुक्त करेंगे। इन विधानसभा सीटों के प्रभारी मप्र से होंगे। जल्द ही इनकी नियुक्ति कर दी जाएगी।
प्रदेशभर के जिलों से नाम मांगे गए
संगठन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मप्र के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही अन्य पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को चुनावी मोर्चे पर पदस्थ किया जाएगा। इसके लिए प्रदेशभर के जिलों से नाम मांगे गए हैं। उसके बाद प्रदेश की कमेटी बैठकर इन नामों पर चिंतन करेगी, फिर फाइनल सूची दिल्ली भेजेंगे। इसके लिए स्थानीय स्तर पर नेताओं से बातचीत शुरू हो गई है। जिसमें पूर्व निगम मंडल के अध्यक्ष, पूर्व जिलाध्यक्ष, पूर्व प्रदेश पदाधिकारी, पूर्व विधायक आदि शामिल हैं। लोकसभा चुनाव में 29 सीट जीतने के बाद मप्र संगठन के काम की तारीफ राष्ट्रीय कार्यसमिति में हुई थी। देश में भाजपा के मप्र संगठन को सबसे सशक्त माना जाता है। यहां के कार्यकर्ताओं को चुनाव लडऩे और लड़वाने में महारत हासिल है।
पार्टी प्रत्याशी को जिताने की जिम्मेदारी
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में इसी साल अक्टूबर के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी काफी गंभीरता से विचार कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा के बाहुल्य वाले क्षेत्र मप्र से समयदानी कार्यकर्ताओं (ऐसे नेता जो कि अगले तीन महीने का समय चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए दे सकें) की सूची मांगी गई है। इसको लेकर हाल ही में भोपाल में संगठन के पदाधिकारियों की बैठक हो चुकी है। वहीं प्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों और नेताओं को जिलावार जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें जीतीं थी। इस बार भाजपा की कोशिश है कि बहुमत के आंकड़े को न केवल पार किया जाए, बल्कि उससे अधिक सीटें जीती जाए। इसके लिए देशभर के संघ और भाजपा नेताओं को महाराष्ट्र में सक्रिय किया जा रहा है। मप्र विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली रिकार्ड सफलता से उत्साहित भाजपा हाईकमान ने चुनाव प्रबंधन में माहिर मप्र के दिग्गज नेताओं को महाराष्ट्र में सीमावर्ती सीटों की जवाबदारी सौंपी जा रही है।