
जबलपुर (जयलोक)। 2 दिन पहले यानी कि शनिवार रविवार की दरमियानी रात को दीनदयाल चौक पर स्थित डिकासा पब के नीचे माढ़ोताल थाने में पदस्थ एक हवलदार ने रात्रि 1 के करीब मौके पर मौजूद कुछ युवकों को वहां से हट जाने के लिए और घर जाने के लिए कहा। जिसे जाने के लिए कहा गया वह भाजपा के कार्यकर्ता थे और पूर्व पदाधिकारी भी बताए जा रहे हैं। उन्हें शासकीय कर्मचारी का यह आदेश ज्यादती जैसा लगा और दोनों के बीच में वाद विवाद की स्थिति बढ़ती चली गई, जिसके बाद हवलदार ने आओ देखा ना ताव और एक खींचकर चांटा तथाकथित भाजपा के कार्यकर्ता के गाल पर जड़ दिया। इसके बाद विवाद और बढ़ गया। हाल ही में माढ़ोताल थाने में पदस्थ एक उप निरीक्षक विजेंद्र तिवारी और कुछ वकीलों के बीच में वाहन चेकिंग को लेकर हुए विवाद ने काफी तूल पकड़ लिया था। स्थिति यह बन गई थी कि पुलिस को अपने ही उपनिरीक्षक विजेंद्र तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी पड़ गई थी। सूत्रों ने बताया कि जिस भाजपा कार्यकर्ता की पिटाई हुई उसने भी तत्काल खुद को वकालत के पेशे से संबंधित बताते हुए रात में ही वकीलों को एकत्रित कर थाने का घेराव करने की धमकी दे डाली। जिस हवलदार ने चांटा मारा था वह तत्काल मौके से गायब हो गया। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर सुरूर में होने के आरोप भी लगाए।
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे मजेदार बात यह भी निकलकर सामने आई है कि पूरा विवाद माढ़ोताल थाने के हवलदार और भाजपा के कार्यकर्ता के बीच हुआ। लेकिन इसको सुलझाने के लिए कोतवाली थाना प्रभारी को भागते हुए माढ़ोताल थाना जाना पड़ा। ऐसा भी नहीं है कि यहां कोई लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बन गई हो। स्थिति सेटिंग बनाने की थी और आक्रोश को सूझबूझ के साथ प्यार के लैब से ठंडा करने की थी। हुआ भी वही। सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में कोतवाली थाना प्रभारी पूर्व में माढ़ोताल थान में पदस्थापना के दौरान काफी सक्रिय थेे। उनकी पब्लिक वर्किंग अच्छी मानी जाती है। सत्ता पक्ष विपक्ष से भी तालमेल के संबंध बनाकर चलते हैं। जिस भाजपा कार्यकर्ता को हवलदार ने चांटा मारा था वह पूर्व थाना प्रभारी का चेला निकला और वह मौजूदा थाना प्रभारी का भी खास बताया जाता है। जिसके कारण वह अमूमन और बड़े चकों पर ढुलने वाले माल के परिवहन पर विशेष रुचि रखता है। बड़े चक्कों पर ढुलने वाले माल रेत, मुरम और गिट्टी पर विशेष रूचि रखता है। इसका यह कहना भी है कि उसको पाटन जैसे थाने में कार्य करने का अभी अनुभव हाल ही मिला और और पाटन से निकलने वाले बड़े चक्कों के वाहनों को माढ़ोताल थाने कि सीमा से भी गुजरना ही पड़ता है।
जब विवाद बढ़ा और हवलदार पर मामला दर्ज करने की माँग जोर पकडऩे लगी तो वर्तमान थाना प्रभारी ने ना तो थाने आना उचित समझा और ना ही वे विवाद के स्थान पर गए। उस वक्त थाने का बहुत सा स्टाफ अपने साथी के बच्चे की बर्थडे पार्टी में एक होटल में मौजूद था। फिर मामले को सुलझाने के लिए दिमागी माथापच्ची की गई। समझा जाता है कि पुराने थाना प्रभारी लल्लो चप्पो से अपने चेले को समझा लेंगे, तो फिर तत्काल कोतवाली थाना प्रभारी को आनन -फानन में माढ़ोताल थाना बुलाया गया।

चेला भी निकला जिद्दी माफी मंगवा ही ली
पूरे घटनाक्रम में एक और मजेदार बात यह सामने आई की जिस कोतवाली थाना प्रभारी मामलेे को सुलझाने के लिए बुलाया गया था उनका चेला उनके समक्ष अपनी जिद्दी पकड़ कर बैठ गया, हवलदार जब तक माफी नहीं मांगेगा तब तक मामला खत्म नहीं होगा अन्यथा उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जाए। अब चेले की जिद के आगे किसी की एक न चली और रात्रि करीब 2 के लगभग उक्त हवलदार को थाने बुलवाकर भाजपा कार्यकर्ता और थाना प्रभारी के चेले से माफी मांगना पड़ी। अब शैलू और एमपी सिंह का मामला जिसमें दूसरे थाना प्रभारी को अपनी पब्लिक पुलिसिंग का उपयोग करना पड़ा है पूरे महकमें में चर्चा का विषय बना हुआ है।

Author: Jai Lok
