जबलपुर (जयलोक)। मार्च महीने में धार्मिक आयोजनों का एक अनोखा संगम होगा। इबादत, उमंग, उत्साह, शांति और संयम के प्रतीक पर्व एक के बाद एक आएँगे। आज से जहाँ रमजान का महीना शुरु होगा, वहीं कुछ ही दिनों में होली पर्व की तैयारियाँ शुरु हो जाएगी। महीने के अंत में जब इबादत का पर्व समाप्त हो रहा होगा, तभी चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो जाएगी।
इस महीने में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सवों के माध्यम से समाज में आपसी एकता और भाईचारे की भावना को भी बढ़ावा मिलेगा।
गौरतलब है कि आज 2 मार्च से रमजान का पवित्र माह शुरू होगा, जबकि 3 मार्च को विनायक चतुर्दशी व्रत और 10 मार्च को आमल की एकादशी का आयोजन होगा। 13 मार्च को होलिका दहन के साथ धुरैड़ी का पर्व मनाया जाएगा, इसके बाद 16 मार्च को भाई दूज, 19 मार्च को रंग पंचमी और 22 मार्च को शीतलाष्टमी और बसोरा जैसे त्योहार होंगे। 30 मार्च को गुड़ी पड़वा, चेट्री चंड और बैठकी के साथ माह समाप्त होगा, और 31 मार्च को ईदुल फितर का पर्व मनाया जाएगा, जो रमजान के महीने का समापन करेगा।
पहला रोजा 13 घंटे का
शुक्रवार को चांद नजर नहीं आया, जिससे आज से रमजान का महीना शुरु हो रहा है। आज रविवार को रखा जाने वाला पहला रोजा करीब 12.57 घंटे का होगा, और सुबह 5:26 बजे से शहरी रोजा की शुरुआत रहा। रमजान के दौरान मस्जिदों और मुस्लिम बहुल इलाकों में विशेष सजावट की जा रही है।
सामाजिक सद्भाव की बनेगी मिसाल
मार्च महीने में धार्मिक पर्वों के अलावा सामाजिक सद्भावना और आपसी एकता के दृश्य भी देखने को मिलेंगे। जहाँ एक ओर होली जैसे रंगीन त्यौहार पर सभी लोग आपस में मिलकर खुशियाँ मनाते हैं, वहीं रमजान के महीने में सामूहिक रोजा अफ्तार की भावना भी पनपती है। संस्कारधानी शहर में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग अपने-अपने त्यौहारों को एक साथ मिलकर मनाते हैं, जो समाज में भाईचारे और प्यार का प्रतीक है। यहाँ सामूहिक होली मिलन समारोह और सामूहिक ईद मिलन समारोह जैसे आयोजन होते हैं, जो सांप्रदायिक एकता को बढ़ावा देते हैं।
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