
पेंटर को बना दिया डॉक्टर, पुलिस जाँच में और भी होंगे खुलासे
जबलपुर (जयलोक)। दमोह के फर्जी डॉक्टर के बाद अब शहर के मार्बल सिटी अस्पताल में फर्जी डॉक्टर पकड़ाया है। यहाँ एक पेंटर ब्रजराज उईके को डॉक्टर बनाकर मरीजों का इलाज करवाया जा रहा था। अस्पताल में बोर्ड में फोटो किसी और की थी और नाम किसी और का था लेकिन दोनों में से डॉक्टर कोई नहीं था। मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई। महिला के बेटे ने जब डॉक्टर द्वारा दी गई डिस्चार्ज फाइल को अच्छे से देखा और जाँच शुरू की तो पता चला की माँ की फाइल में जिस डॉक्टर ब्रजराज सिंह उइके को आईसीयू में रात 11 बजे फिर 1 बजे और फिर तडक़े सुबह 4 बजे आईसीयू में उपस्थित बताया गया उस नाम का कोई डॉक्टर अस्पताल में नहीं है।
ओमती थाना प्रभारी राजपाल सिंह बघेल के अनुसार रेलवे सौरभ कॉलोनी में रहने वाले मनोज कुमार महावर ने थाने में शिकायत दी थी और बताया था कि 1 सितंबर 2024 को अपनी मां शांति देवी को भर्ती कराया था। 2 सितंबर को उनकी मौत हो गई। बाद में जब उन्होंने मेडिकल रिकॉर्ड देखा तो उसमें दर्ज था कि आईसीयू में रात 11 बजे, 1 बजे और सुबह 4.30 बजे डॉक्टर बृजराज सिंह उईके थे। उन्होंने मरीज को वेंटिलेटर पर रखने की अनुमति मांगी, लेकिन मनोज ने इंकार कर दिया। जबकि मनोज का कहना है कि ऐसी कोई बातचीत ही नहीं हुई।
मृतिका के बेटे को डॉक्टर पर संदेह हुआ जिसके बाद उसने अपने स्तर पर जाँच की और आखिरकार पाँच माह बाद प्याज की परतों की तरह यह मामला खुलता चला गया।

डिग्री की हो रही जाँच
सीएसपी ओमती सोनू कुर्मी ने जयलोक को बताया कि पुलिस को जाँच में यह बात सामने आई है कि ब्रजराज उईके ने अस्पताल में जो एमबीबीएस की डिग्री दी थी। अब उस डिग्री की जाँच हो रही है। हालांकि बाद यह बात सामने आ रही है कि यह डिग्री उसके दोस्त की है। जिसकी जाँच अब पुलिस द्वारा की जा रही है।
आरोपी के बारे में एकत्रित की जा रही जानकारी
आरोपी ब्रजराज सिंह उइके अभी पुलिस गिरफ्तर से दूर है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। सीएसपी का कहना है कि आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले का खुलासा हो सकेगा। लेकिन यह भी आश्चर्य की बात है कि मामले का खुलासा होने के बाद जहाँ अस्पताल प्रबंधन द्वारा ऐसे नाम के डॉक्टर का अस्पताल ना होने का बहाना बनाया जा रहा है तो वहीं अचानक ेसे ही बृजराज सिंह उइके गायब हो गया है। पुलिस को आशंका है कि ब्रजराज शहर छोडक़र किसी अन्य जिला या शहर में छुपा हुआ है।

डॉक्टर्स बोर्ड पर लगी थी किसी और की फोटो
पुलिस जाँच में सामने आया है कि अस्पताल के डॉक्टर्स बोर्ड पर जिनका नाम और फोटो लगी थी, वह असल में दो अलग-अलग लोग थे। एफआईआर में दर्ज डॉ. बृजराज सिंह उईके नाम का व्यक्ति अस्पताल की किसी भी ड्यूटी में था ही नहीं, बल्कि वह एक पेंटर था। जबकि फोटो उसके दोस्त सतेंद्र की थी। यह बात मृतिका के बेटे मनोज कुमार ने खुद ब्रजराज उईके के पास पता लगाई है। मनोज जब ब्रज राज के पास पहुँचा और डॉक्टर होने के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह कोई डॉक्टर नहीं हैं पेंटर हैं। मार्बल सिटी अस्पताल के डॉक्टर्स बोर्ड पर जो फोटो लगी है वह दिखाने पर पेंटर ब्रजराज ने बताया कि वह उसके दोस्त सत्येन्द्र की फोटो है जो कि उसके साथ पढ़ाई करता था।
डॉक्टर के बारे में अस्पताल न नहीं दी कोई जानकारी
पीडि़त मनोज कुमार ने जब डॉ. उईके से मिलने की बात की, तो अस्पताल प्रबंधन ने टाल दिया। इसके बाद उन्होंने खुद जानकारी जुटाई और पता चला कि ऐसा कोई डॉक्टर अस्पताल में कार्यरत ही नहीं है। फिर उन्होंने डॉ. बृजराज नाम के व्यक्ति को खोज निकाला, जो पेशे से पेंटर था। अब सवाल यह भी उठता है कि जब इस नाम का कोई डॉक्टर है ही नहीं तो उस दिन आईसीयू में तीन बार महिला मरीज को देखने कौन सा डॉक्टर आया था।
इनका कहना है
मार्बल सिटी अस्पताल एक महिला के मौत के मामले में जिस डॉक्टर का नाम सामने आ रहा है वह ब्रजराज उईके पेंटर है। जिसकी तलाश की जा रही है। इस मामले में उसकी डिग्री, उससे संबंधित लोगों की भी जाँच की जा रही है। अस्पताल प्रबंधन के लोगों से भी पूछताछ की जाएगी। जिसके बाद ही वास्तविक बातों का खुलासा हो सकेगा।
सोनू कुर्मी, सीएसपी
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Author: Jai Lok
