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मार्बल सिटी के फर्जी डॉक्टर ने कितनों को पहुँचा दिया मौत के मुंह में होनी चाहिए जाँच

जबलपुर (जयलोक)। मार्बल सिटी हॉस्पिटल में एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद उनके सरकारी अधिकारी बेटे की सजगता से ओमती थाने में पहुँचे मामले में अब इस बात की भी जाँच होना चाहिए कि आखिर वर्षों से अस्पताल में मरीजों का इलाज कर रहे फर्जी डॉक्टर के हाथों कितनी लोगों की जान गई है। अभी तक की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा महिला की मौत के बाद जो डिस्चार्ज रिपोर्ट तैयार की गई उसे फर्जी तरीके से तैयार किया गया था। पुलिस की जाँच में यह बात शामिल है कि मरीज की मौत के बाद फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार करने में अस्पताल प्रबंधन की किन-किन लोगों की भूमिका थी और इसके लिए अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही  कहाँ-कहाँ पर है।
पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन से फर्जी डॉक्टर बृजराज सिंह उइके के नाम से नौकरी करने वाले सत्येंद्र केवट के द्वारा तैयार किए गए फर्जी दस्तावेजों से संबंधित जानकारी मांगी है। पुलिस जाँच में इस बात को भी शामिल किया जाना चाहिए की मार्बल सिटी अस्पताल में जब से यह फर्जी डॉक्टर मरीज की जान से खिलवाड़ कर रहा था उसके बाद कितनी मौतें हुई हैं और किन-किन मौतों के बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और मरीजों की मौत का सच छुपाया गया।
फर्जी डॉक्टर बृजराज सिंह जबसे अस्पताल में तैनात था उसके बाद से मार्बल सिटी अस्पताल में हुई मरीजों की मौत की जाँच होनी चाहिए। एक मौत के बाद यह राज खुला है तो इस बात की पूरी संभावना है नजर आ रही है कि और भी मार्बल सिटी अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से हुई होगी।
शांति देवी की मृत्यु के बाद उनके बेटे मनोज कुमार ने जब उनकी डिस्चार्ज रिपोर्ट को बारीकी से अध्ययन किया तो पाया कि उसमें कई प्रकार की गलत जानकारी अस्पताल प्रबंधन के द्वारा भरी गई थी। इस पूरे मामले से यह बात स्पष्ट रूप से उजागर होकर सामने आई की मौत की सही वजह और अस्पताल प्रबंधन द्वारा भर्ती गई लापरवाही को छुपाने के लिए यह कृत्य किया गया था। ओमती थाने में मनोज कुमार की ओर से एफआईआर दर्ज की गई है। मनोज कुमार ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। यह अन्य मरीजों के लिए भी चेतावनी वाली बात है। शांति देवी की मौत 1 सितंबर 2024 को हुई थी।  इलाज में बरती गई लापरवाही और अस्पताल प्रबंधन द्वारा बोले गए झूठ के बाद उनके बेटे मनोज कुमार लगातार अपनी मां की मृत्यु का सही कारण तलाश करने के लिए दस्तावेजों की जाँच पड़ताल कर रहे थे इसी दौरान उन्हें पूरा गड़बड़ झाला और फर्जी तरीके से तैयार किए गए दस्तावेजों की जानकारी मिली जिसके बाद में सीधे पुलिस में गए।

 

गीता हमें हर परिस्थिति का सामना मुस्कुराते हुए करना सिखाती है

 

 

Jai Lok
Author: Jai Lok

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