
जबलपुर (जयलोक)। मरीजों की व्यवस्था के लिए शुरू की गई मेडिकल में टोकन व्यवस्था अब सुविधा के बजाय दुविधा बन गई है। मौसमी बीमारियों के कारण मेडिकल में इन दिनों दो हजार से लेकर ढाई हजार मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं। लेकिन ऑनलाइन टोकन सिस्टम से मरीजों की परेशानी बढ़ गई। क्योंकि कई मरीजों के पास ना तो स्मार्ट फोन रहता है ना ही उन्हें ऑनलाइन टोकन की प्रक्रिया पता होती है। यहीं कारण है कि घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद भी समय पर उनकी पर्ची नहीं बन पा रही है। यह कहना है कि कांगे्रस नेता अभिषेक पाठक का। जिन्होंने कहा कि ऑनलाइन टोकन व्यवस्था पूरी तरह से नाकाम है।
उन्होंने कहा कि मेडिकल में ऑनलाइन टोकन व्यवस्था मरीजों के लिए परेशानी बन गई है। मोबाईल ना होने और प्रक्रिया की जानकारी ना होने से मरीजों की पर्ची नहीं बन पा रही है। सुबह से ही बुजुर्ग, महिलाएँ और गंभीर मरीज घंटों लाइन में खड़े रहते हैं। कई बार तो मरीज की तबीयत बिगडऩे की नौबत आ जाती है। उन्होंने प्रशासन से माँग की है कि इस टोकन सिस्टम को तत्काल बंद किया जाए और पर्ची कटवाने की सरल व सुविधाजनक व्यवस्था लागू की जाए। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने शीघ्र ही कदम नहीं उठाए तो ैं मरीजों और परिजनों की आवाज़ बनकर आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाऊँगा।

बैठने के लिए व्यवस्था नहीं
उन्होंने बताया कि यहां गर्भवती महिलाएं भी लाइन में लग रहीं हैं। जिनके बैठने की तक व्यवस्था नहीं हैं। गर्भवती, उम्रदराज और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को धूप में खड़ा होना पड़ रहा है।
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Author: Jai Lok







