
जबलपुर(जय लोक)।शहर के यातायात को व्यवस्थित रखने के लिए अब यह बहुत आवश्यक हो चुका है कि अन्य शहरों की दुर्दशा और वहां के प्रशासनिक निर्णय के आधार पर सीख लेते हुए तत्काल समय रहते ई रिक्शा के रजिस्ट्रेशन पर रोक लग जानी चाहिए। शहर की सडक़ों की ना तो इतनी क्षमता है और नाही ट्रैफिक नियंत्रण की इतनी व्यवस्था है कि ई रिक्शा की बढ़ती हुई संख्या को काबू में किया जा सके या फिर व्यवस्थित तरीके से इसका संचालन किया जा सके।
देश के कई ऐसे शहर हैं जहां पर जिला प्रशासन ने यातायात पर कोढ़ की तरह साबित हो रहे इन ई रिक्शों पर सख्ती के साथ क्रय विक्रय और रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है। मध्य प्रदेश के उज्जैन इंदौर सहित कई शहरों में यह निर्णय समय रहते प्रशासन ने ले लिया है।
जबलपुर की सडक़ों के भी इन ई रिक्शों ने इतने बुरे हाल कर रखे हैं। इनके चालकों को ना तो किसी प्रकार के यातायात के नियमों का पालन करना है और ना ही अन्य वाहन चालकों की सुरक्षा का ध्यान रखना है। इनकी जहां मर्जी होती है यह वहां पर सवारी भरने के लिए खड़े हो जाते हैं। फिर चाहे वह किसी चौराहे का मोड़ हो, लेफ्ट टर्न हो, या फिर किसी दुकान की सडक़ हो। यहां तक कि इनके आजू बाजू चलने वाले दो पहिया वाहन चालक कभी भी उनकी लापरवाही के कारण हादसे का शिकार हो जाते हैं अपने हाथ पांव तक तुड़वा लेते हैं।
हाल ही में महिला की गई थी जान
अभी हाल ही में शहर में हुए एक सडक़ हादसे में ई रिक्शा अनियंत्रित होकर पलट जाने से एक 50 वर्षीय महिला की दर्दनाक मौत हो गई थी। यह हादसा गोरखपुर थाना अंतर्गत मांडवा बस्ती की रहने वाली आरती पांडे के साथ हुआ था। आरती अपने घर से किसी काम से निकली और एक ई रिक्शा में सवार हो गई। ई रिक्शा चालक ने तेज गति और लापरवाही पूर्वक चलाते हुए हादसे को अंजाम दे दिया। इस घटना में ई रिक्शा के नीचे दब जाने से महिला की मौत हो गई।

चौराहे पर कई बार पलटे हैं ई रिक्शा
बलदेव बाग , दमोह नाका और रानीताल चौराहे पर कई बार ई रिक्शा अनियंत्रित होकर पलट चुके हैं और इसमें कई सवार घायल हो चुके हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि ई रिक्शा का निर्माण केवल किसी बड़े कैंपस के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के उद्देश्य किया गया है। लेकिन इसे सवारी वाहन के रूप में उपयोग किया जा रहा है। इसकी बनावट वैसी नहीं है इसकी मजबूती वैसी नहीं है। यहां तक की अब तो इस पर की क्विंटल सामान लादकर लोडिंग वाहन तक बना दिया गया है जो आए दिन हादसे का कारण बन रहा है।
240 ऑटो पर 99 हजार का जुर्माना
ऑटो वालों और ई रिक्शा चालकों की मनमानी के कारण शहर की यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है। इनकी मनमानी को रोकने के लिए पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने एएसपी यातायात सोनाली दुबे को कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया। विगत दिवस एएसपी सोनाली दुबे के निर्देशन में टीम गठित कर डीसीपी ट्रैफिक बैजनाथ प्रजापति ,शिवदयाल सनोडिया, हरदयाल सिंह, इंदिरा ठाकुर और नगर निगम के अमले ने शहर के विभिन्न हिस्सों में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सवारी ऑटो ई रिक्शा चालकों की मनमानी के खिलाफ बाधित हो रही यातायात व्यवस्था को देखते हुए 240 वाहन चालकों के खिलाफ चालान की कार्यवाही कर 99 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। हालांकि जानकारों को कहना है कि ई रिक्शा वालों की हरकतें कुत्ते की पूंछ की तरह है जो कभी भी सीधी नहीं हो सकती वैसे ही इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही और नए ई रिक्शा पर रोक के अलावा कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है।

मनमर्जी से भर रहे सवारी, बना दिया लोडिंग वाहन
वर्तमान में शहर की सडक़ों में ई रिक्शा का संचालन किस मनमर्जी से किया जा रहा है उसके कई उदाहरण देखने को मिल जाते हैं। ई रिक्शा में क्षमता से अधिक लोगों को बैठाया जा रहा है। जो अपने आप में उनकी जान से खिलवाड़ के बराबर है। यहां तक की सैकड़ों की संख्या में ई रिक्शा को लोडिंग वाहन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी जितनी क्षमता नहीं है उससे अधिक कई क्विंटल का भार इसके ऊपर लादा जा रहा है। जिसके कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। कई लोग इन हादसों में गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। वर्तमान में हर चौराहे पर यातायात पुलिस इन दिनों वाहन चेकिंग कर रही है और उनकी आंखों के सामने से ही रोजाना ऐसे सैंकड़ों ई रिक्शा नियम कानून को ताक पर रखकर गुजर जाते हैं।
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Author: Jai Lok
