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राजनैतिक शक्ति के विभाजन का परिणाम बनी फ्लाई ओवर निरीक्षण में सामने आई गुटबाजी :इन नेताजी ने तो मंत्री को धन्यवाद तक नहीं दिया

अधिकारी आ गए निशाने पर, लोक निर्माण मंत्री के शहर में होने के बावजूद भी गैर मौजूदगी में सांसद और अन्य नेताओं ने किया निरीक्षण

भडक़े भाजपा के दिग्गज पहुँचे संभाग आयुक्त के पास शिकायत करने

जबलपुर (जय लोक)।  संस्कारधानी में निर्मित हो रहे सबसे बड़े फ्लाई ओवर का कल सांसद आशीष दुबे, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, भाजपा नगर अध्यक्ष प्रभात साहू, भाजपा के कोषाध्यक्ष अखिलेश जैन, पूर्व मंत्री अंचल सोनकर, शरद जैन सहित कई जनप्रतिनिधियों ने निरीक्षण किया। सामान्य खबर में तो यह निरीक्षण दिखाई दिया लेकिन इस निरीक्षण के बाद भाजपा के नेताओं के बीच राजनैतिक शक्ति का विभाजन और इस वजह से जोर पकड़ती जा रही गुटबाजी उभर कर सामने नजर आई। फ्लाई ओवर को स्वीकृत कराने और इसके निर्माण में पूर्व सांसद और वर्तमान लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कल वह नगर प्रवास पर ही थे और इस निरीक्षण में उनकी गैर मौजूदगी राजनीतिक गलियारों से लेकर प्रशासनिक हल्कों तक चर्चा का केंद्र बनी हुई है। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग के अधीन निर्मित हो रहे इस फ्लाई ओवर का जब सांसद आशीष दुबे एवं अन्य जनप्रतिनिधि निरीक्षण कर रहे थे उस दौरान लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ से लेकर कनिष्ठ तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं था। यह बात असामान्य नहीं थी इसके बाद सांसद आशीष दुबे इस बात को लेकर काफी नाराज हुए और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ इस पूरे मामले में अधिकारियों द्वारा की गई अवहेलना और निरादर की शिकायत करने संभागीय आयुक्त अभय वर्मा के पास पहुँचे। सूत्रों के अनुसार सांसद आशीष दुबे ने अधिकारियों के इस रवैया पर सख्त आपत्ति दर्ज की है और यह भी कहा है कि अगर दो तीन दिनों के अंदर प्रशासनिक स्तर पर कोई उचित कदम नहीं उठाया जाता तो ऐसे अधिकारियों को समझने के लिए वे खुद ही सक्षम है और बदतमीज अधिकारियों को उन की ही भाषा में समझा दिया जाएगा।
मंत्री सांसद के समय का समन्वय नहीं बन पाया- सांसद पक्ष के लोगों का कहना है कि सांसद द्वारा लोक निर्माण मंत्री से इस निरीक्षण के संबंध में पूर्व में चर्चा की गई थी समय और तारीख पर समन्वय ना बन पाने के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है। वहीं पार्टी के कुछ लोगों का यह भी कहना था कि लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के बिना यह निरीक्षण करके जो सन्देश प्रसारित हुआ है वो पार्टी की छवि के लिए भी अनुचित है। हालाँकि दशकों से भाजपा की राजनीति से जुड़े और इसको देखते आ रहे जानकारों का स्पष्ट कहना है कि यह सारा घटना क्रम राजनैतिक शक्ति के विभाजन और अपने जोर दिखाने का है।
यह शक्ति प्रदर्शन की शुरुआत- जानकारों का कहना है कि जबलपुर की राजनीति में अब राजनीतिक शक्ति का विभाजन हो गया है। 20 साल से सांसद रहे राकेश सिंह अब लोक निर्माण मंत्री हैं। निश्चित तौर पर उन्होंने अपनी इस अवधि में जबलपुर भोपाल से लेकर दिल्ली तक एक मजबूत लॉबी और प्रगाढ संबंध स्थापित कर लिए हैं। उनके केंद्रीय राजनीतिक कार्यकाल में जबलपुर को 3500 करोड़ से अधिक की योजनाएं विभिन्न स्वरूपों में मिली है। पिछले वर्ष हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जबलपुर के राजनीतिक समीकरण बदले हैं। वर्तमान में राकेश सिंह राज्य सरकार के महत्वपूर्ण विभाग लोक निर्माण विभाग के मंत्री हैं।  अधिक सत्ता के गलियारे के अनुभवशील नेता हैं एवं बड़ी राजनीतिक पहुंच और तजुर्बा लेकर राजनीतिक क्षेत्र में डटे हुए हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी ने आशीष दुबे को मैदान में उतारा और वो वर्तमान में जबलपुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। दैनिक जय लोक इस घटनाक्रम के पूर्व आभास को पहले ही भाँप चुका था और 19 जुलाई 2024 को ही इस आशय की खबर प्रकाशित की थी कि जबलपुर में भाजपा की राजनीति में नया शक्ति केंद्र उभर रहा है। सांसद आशीष दुबे अब सीधे केंद्र की राजनीति से संबंधित हो चुके हैं। केंद्र से आने वाली राशि और उसे होने वाले विकास कार्य और निर्माण कार्यों का निरीक्षण उनकी प्राथमिकता में है।
उसकी निगरानी करना भी उनका दायित्व है। सांसद के रूप में निश्चित तौर पर आशीष दुबे भी अन्य नेताओं की तरह अपनी एक अलग समर्थक लॉबी तैयार कर रहे हैं यह एक सामान्य प्रक्रिया है। अब इसी लॉबी निर्माण में ये वैचारिक टकराव और गुटबाजी के परिणाम परिलक्षित हो रहे है। यह पूरा घटनाक्रम प्रदेश स्तर और राष्ट्रीय स्तर तक भी पहुंचाया गया है। लेकिन यह तय है कि अब जबलपुर में भाजपा शहर और ग्रामीण की राजनीति में यह वैचारिक टकराव आये दिन विभिन्न मुद्दों पर उभर कर नजर आता रहेगा।
शासकीय कार्यक्रमों के छप रहे दो तरह के कार्ड
संभागीय आयुक्त के समक्ष भाजपा नेताओं द्वारा इस बात को भी उठाया गया कि अधिकारियों द्वारा किसी नेता विशेष को खुश करने के लिए शासकीय कार्यक्रम के अंतर्गत होने वाले लोकार्पण या भूमि पूजन अन्य प्रकार के आयोजनों में दिखावे के लिए दो प्रकार के कार्ड छपे जा रहे हैं। एक कार्ड जो दिखाने के लिए छापा जा रहा है उसमें सभी जनप्रतिनिधि का नाम रहता है। लेकिन दूसरे कार्ड में सिर्फ  कुछ जनप्रतिनिधियों के नाम से प्रकाशित कर उसे वितरित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कुछ मामलों के उदाहरण भी संभाग आयुक्त के समक्ष रखे गए है।
इन नेताजी ने तो मंत्री को धन्यवाद तक नहीं दिया
कल का निरीक्षण मानो भाजपा नेताओं के लिए अपने सोशल मीडिया को सजाने का माध्यम बन गया। सभी नेताओं ने अपने अपने तरीके से इसका प्रचार प्रसार किया। वहीं भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष सीए अखिलेश जैन ने सोशल मीडिया फेसबुक पेज में पोस्ट डाली, जिसमें उन्होंने अन्य नेताओं के साथ अपनी उपस्थिति वाली फोटो को शेयर करते हुए सांसद, महापौर, प्रशासनिक अधिकारियों जनप्रतिनिधि, प्रधानमंत्री, केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री को नाम लिखकर बधाई दी लेकिन शायद कोषाध्यक्ष इस फ्लाईओवर के निर्माण में अहम भूमिका निभानेे वाले अपने पूर्व सांसद एवं वर्तमान लोक निर्माण मंत्री जिनके विभाग ने इस फ्लाईओवर का निर्माण किया है उनको बधाई देना शायद भूल गए। अब राजनीतिक क्षेत्र में बैठे तीरंदाजों से यह सब बातें कहाँ छिपती है लोगों ने इसको भी कटाक्ष में लेना शुरू कर दिया।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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