
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर वोट चोरों और लोकतंत्र को बर्बाद करने वाले लोगों को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कर्नाटक विधानसभा क्षेत्र के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि चुनाव से पहले कांग्रेस समर्थकों के वोट व्यवस्थित रूप से हटाए जा रहे हैं। चुनाव आयोग को इसे रोकना चाहिए और कर्नाटक सीआईडी की ओर से मतदाता सूची से नाम हटाने की जांच में मांगी गई जानकारी एक हफ्ते के भीतर उपलब्ध करानी चाहिए।
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आज उनके खुलासे इस देश के युवाओं को यह दिखाने में एक और मील का पत्थर हैं कि चुनावों में कैसे धांधली की जा रही है। उन्होंने शुरू में ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि ये खुलासों का वह हाइड्रोजन बम नहीं है, जिसका उन्होंने वादा किया था और ये जल्द ही सामने आएगा।
अलंद निर्वाचन क्षेत्र से वोट हटाने के कथित प्रयासों का विवरण
राहुल गांधी ने 2023 में कर्नाटक के अलंद निर्वाचन क्षेत्र से वोट हटाने के कथित प्रयासों का विवरण दिया। उन्होंने महाराष्ट्र के राजुरा निर्वाचन क्षेत्र का भी उदाहरण दिया, जहां उन्होंने दावा किया कि स्वचालित सॉफ्टवेयर का उपयोग करके धोखाधड़ी से मतदाताओं को जोड़ा गया था। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया, मैं ज्ञानेश कुमार के बारे में एक गंभीर दावा करने जा रहा हूं। मैं इसे हल्के में नहीं कह रहा। मुख्य चुनाव आयुक्त वोट चोरों और भारतीय लोकतंत्र को नष्ट करने वाले लोगों को बचा रहे हैं। राहुल ने कहा, आइए जानते हैं कि मैं ज्ञानेश कुमार पर इतना सीधा आरोप क्यों लगा रहा हूं। कर्नाटक में इस मामले की जांच चल रही है। कर्नाटक की सीआईडी ने चुनाव आयोग को 18 महीनों में 18 पत्र भेजे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से कुछ बहुत ही सरल तथ्य मांगे हैं। पहला- हमें वह डेस्टिनेशन ढ्ढक्क बताएं, जहां से ये फॉर्म भरे गए थे। दूसरा- हमें वह डिवाइस डेस्टिनेशन पोर्ट बताएं, जहां से ये आवेदन दाखिल किए गए थे। तीसरा- सबसे महत्वपूर्ण बात हमें ह्रञ्जक्क ट्रेल्स बताएं, क्योंकि जब आप आवेदन दाखिल करते हैं, तो आपको ह्रञ्जक्क प्राप्त करना होता है। 18 महीनों में 18 बार कर्नाटक की ष्टढ्ढष्ठ ने इसके लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा। वे इसे नहीं दे रहे हैं। वे इसे क्यों नहीं दे रहे हैं? क्योंकि इससे हमें पता चल जाएगा कि ऑपरेशन कहां किया जा रहा है।
सीआईडी ने 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 पत्र भेजे
कर्नाटक में चल रही जांच का उल्लेख करते हुए राहुल ने कहा कि सीआईडी ने 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 पत्र भेजे हैं और कुछ बहुत ही सरल तथ्य मांगे हैं, जैसे कि वह गंतव्य आईपी पता, जहां से ये आवेदन भरे गए थे और ओटीपी ट्रेल्स। उन्होंने दावा किया कि वे इसे इसलिए नहीं दे रहे हैं, क्योंकि इससे हमें पता चल जाएगा कि यह ऑपरेशन कहां चलाया जा रहा है। उन्होंने ज्ञानेश कुमार पर ऐसा करने वालों को बचाने का आरोप लगाया।
चुनाव आयोग जानता है कि यह कौन कर रहा है
राहुल ने कहा, चुनाव आयोग जानता है कि यह कौन कर रहा है। मैं चाहता हूं कि भारत का हर युवा यह जाने कि वे आपके भविष्य के साथ ऐसा कर रहे हैं। जब वे यह जानकारी नहीं दे रहे हैं, तो वे लोकतंत्र के हत्यारों का बचाव कर रहे हैं।
लाखों मतदाताओं के नाम हटाने के लिए व्यवस्थित रूप से निशाना बना रहा
उन्होंने दावा किया कि कोई व्यक्ति पूरे भारत में लाखों मतदाताओं के नाम हटाने के लिए व्यवस्थित रूप से निशाना बना रहा है। मैं विपक्ष का नेता हूं और मैं ऐसा कुछ नहीं कहूंगा जिसके 100 प्रतिशत प्रमाण न हों। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के अलंद में किसी ने 6,018 वोट हटाने की कोशिश की और संयोगवश पकड़ा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के मतदाताओं के नाम व्यवस्थित रूप से हटाए जा रहे थे।
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Author: Jai Lok







