आज भी चर्चाओं का दौरा जारी, घोषणा का इंतजार
जबलपुर (जयलोक)। भाजपा नगर अध्यक्ष पद का चुनाव और इसकी घोषणा दिनों दिन और पेचीदा होती जा रही है। प्रदेश संगठन लगातार इस दिशा में कदम दर कदम आगे बढ़ा रहा है। कल भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में मंडल अध्यक्षों और जिला प्रतिनिधियों को एकत्रित कर उनसे सहमति फॉर्म में दस्तखतकरने का कार्य किया गया और इन सभी फॉर्म को एकत्रित कर भोपाल भेजा गया है। इसका यह आशय है तो स्पष्ट है की घोषणा का नजदीक दौर आ चुका है। लेकिन सबसे मुख्य बात यह है कि आखिर अध्यक्ष पद पर किसका नाम घोषित होगा। आज रविवार का दिन था और सुबह से ही इस बात की चर्चा राजनीतिक व्हाट्सएप गु्रपों से लेकर दूरभाष तक चलती रही।
सभी के अपने-अपने अंदाज और अपने-अपने कयास अभिमत के रूप में सामने आ रहे हैं। ठोस आधार किसी के पास नहीं है लेकिन राजनीतिक गुणा भाग को जोड़ घटाकर लोग अपने अनुभव के अनुसार अलग-अलग भाजपा नेताओं का अध्यक्ष बनने का दावा कर रहे हैं। अध्यक्ष तो किसी एक को ही बना है लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि इतने अधिक प्रभावी नाम दावेदारी की दौड़ में शामिल हो चुके हैं कि किसी एक के बारे में स्पष्ट रूप से ना तो प्रदेश कार्यालय से संकेत प्राप्त हो रहा है और ना ही स्थानीय स्तर पर कोई ताल ठोक कर इस बात का दावा कर सकता है।
आज के दौर में यह बात भी शामिल है कि वर्तमान नगर अध्यक्ष श्री प्रभात साहू जिनका कार्यकाल तकरीबन डेढ़ वर्ष का हुआ है उन्हें ही पार्टी पुन: संगठन को चलाने की जिम्मेदारी सौंपेगी। या फिर दिग्गजों के द्वारा भिड़ाये गए जुगाड़ के कारण फंस रही टसल की स्थिति को टालने के लिए किसी विधायक को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
शरद जैन एक साथ थे विधायक, अध्यक्ष, प्रदेश मंत्री
सूत्रों के अनुसार पूर्व में विधायक रहते हुए शरद जैन नगर अध्यक्ष पद का दायित्व भी निर्वहन कर चुके हैं। इसके साथ प्रदेश मंत्री भी रहें हैं। वरिष्ठ नेता श्री आडवानी की रथ यात्रा के दौरान उन्हें राष्ट्रीय परिषद का सदस्य भी बनाया गया था। इस दौरान उन्हें शहडोल से जबलपुर तक श्री आडवानी के साथ यात्रा कर पूरी जिम्मेदारी देखाना थी। उनके विधायक रहते हुए नगर अध्यक्ष का पथ सम्भालने की बात के कारण ही इस बात की संभावना है कि भाजपा यह निर्णय भी ले सकती है। अंतिम फैसला प्रदेश स्तर से ही होना है। एक कयास यह भी लगाया जा रहा है कि जितने नाम दौड़ में प्रमुखता से शामिल बताए जा रहे हैं उनको छोडक़र कोई नए नाम की घोषणा हो सकती है यह पार्टी का चौंकाने वाला निर्णय हो सकता है।
यह बात तो तय है कि प्रदेश के अन्य जिलों के साथ जबलपुर जिले में भी नाम घोषित होने पर टसल बनी हुई है। सूत्रों का दावा है कि इस बार वैश्य समाज से संतुलित जातिगत संतुलन बनाने के लिए भाजपा से जुड़े नेताओं में से किसी एक को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है।
भाजपा के कार्यकर्ताओं को लंबे इंतजार के कारण अब असहनशीलता होने लगी है। इसकी मुख्य वजह यह भी बताई जा रही है कि रोजाना सुबह से सोशल मीडिया के माध्यम से यह दावे किए जाते हैं कि आज घोषणा हो जाएगी, आज देर शाम तक सूची सार्वजनिक हो जाएगी। लेकिन देर रात तक इंतजार ही कायम रहता है।
