
एक सप्ताह में 5 रिश्वतखोर अधिकारियों पर हुई कार्रवाही लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू की टीमों ने मारे थे छापे
जबलपुर (जयलोक)
सरकार भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाही कर रही है। ऐसे अधिकारियों कर्मचारियों को सस्पेंड कर घर भी भेजा जा रहा है। लेकिन इसके बाद भी रिश्वतखोरी के मामलों में इजाफा ही होता जा रहा है। आज ऐसा कोई विभाग नहीं बचा जहां बिना न्यौछावर के काम पूरा हो सके। लोगों की मजबूरियों का फायदा उठाकर पहले तो उन्हें कार्यालयों के चक्कर कटवाए जा रहे हैं फिर काम करवाने के लिए पैसे की डिमांड की जा रही है। ऐसे में मजबूरन लोगों को रिश्वत देकर अपना काम करवाने पड़ रहे हैं। रिश्वतखोरी के ताजे मामलों पर नजर डाली जाए तो महज एक सप्ताह में ही लोकायुक्त की टीम ने पाँच कार्रवाहियां की हैं। जिसे देखकर यह साबित होता है कि सख्ती चाहे जितनी भी कर लो ये रिश्वतखोर अधिकारी अपनी करतूतों से बाज नहीं आएंगे।
8 मई को एक ही दिन दो कार्रवाही
पहला मामला सगड़ा चौराहा शास्त्री नगर का है। यहां पर मदन सिंह पंद्रे जो कि प्राथमिक शिक्षक शाला चूल्हाघाटी बरगी शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं। उनकी 12 साल की सर्विस पूरी हो चुकी है। अब उन्हें क्रमोन्नति मिलनी थी। जिसकी फाइल जिनेश कुमार जैन के पास है। जो कि संकुल प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल मोहास बरगी में पदस्थ है। उनके द्वारा फाइल आगे बढ़ाने की एवज में 5 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की जा रही थी। इसकी शिकायत आवेदक ने लोकायुक्त में की। लोकायुक्त की टीम ने संकुल प्राचार्य को 4000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया।
विधवा पेंशन और राशन पर्ची के लिए माँगी रिश्वत
8 मई का ही दूसरा मामला मझौली का है। यहां लोकायुक्त अधिकारियों ने मंझौली में कार्रवाही की थी। ग्राम डूडी निवासी धनिया बाई के पति कैलाश पटेल का दो साल पहले निधन हो गया था। संबल योजना के तहत धनिया बाई के एकाउंट में दो लाख रुपए आए थे। सरपंच गोपीचंद पिता सोनेलाल कोल ने विधवा पेंशन और राशन पर्ची बनाने के एवज में 35 हजार रुपए की मांग कर रहा था। पीडि़त महिला धनियाबाई पटेल ने उक्त मामले की शिकायत लोकायुक्त कार्यालय में की। शिकायत मिलने पर लोकायुक्त ने सरपंच के लिए ट्रैप बिछाया। इसके बाद निर्धारित योजना के तहत गुरुवार को रिश्वत की पहली किश्त लेकर धनिया बाई पटेल पहुँची। केनरा बैंक के सामने सरपंच गोपीचंद कोल को 10000 रुपए दिए तभी लोकायुक्त टीम ने उसे धर दबोचा।
24 घंटे बाद छिंदवाड़ा में पकड़ा गया ब्लॉक प्रबंधक
तीसरे मामले में समीपवर्ती जिला छिंदवाड़ा के जनपद पंचायत में ब्लॉक प्रबंधक के रूप में कार्यरत राजीव कुमार चौधरी को शुक्रवार की दोपहर पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के पीछे 10000 रु. की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। आवेदिका सोनिया बोहत द्वारा 6 मई को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त को शिकायत की गई कि ब्लॉक मोहखेड़ जिला छिंदवाड़ा के आजीविका मिशन के ब्लॉक प्रबंधक राजीव चौधरी द्वारा जागृति संकुल की लेखापाल ललिता नागरे से उसके खाता में आए मानदेय के रुपए में से 10000 रुपए रिश्वत की मांग कर रहे हैं। 9 मई को ब्लॉक प्रबंधक राजीव चौधरी को 10000 रुपए रिश्वत लेते आवेदिका के घर में पकड़ा गया।
सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ महिला कर्मचारी पर कार्रवाही
6 मई को लोकायुक्त टीम ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में छापा मारते हुए, सूचना के अधिकार की जानकारी देने वाली सहायक ग्रेड-3 पदस्थ महिला कर्मचारी को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। महिला का नाम विनीता विलियम्स है, जो ग्रीन सिटी निवासी राकेश विश्वकर्मा से रिश्वत की मांग कर रही थी। शिकायतकर्ता राकेश विश्वकर्मा ने 1 मई को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जबलपुर की आरटीआई शाखा में आवेदन दिया था, जिसमें विभाग में पदस्थ कुछ लोगों की जानकारी मांगी गई थी। विनीता ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने से मना कर दिया। पहले विनीता ने 5 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की, लेकिन बाद में सौदा 4 हजार रुपए में तय हुआ।
पूर्व विधुत कंपनी का कार्यपालन यंत्री निकला करोड़पति
पाँचवी कार्रवाही ईओडब्लयू के द्वारा समीपी जिले नरसिंहपुर में की गई थी। जिसमें कल एमपी पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में पदस्थ कार्यपालन यंत्री यूएस पाराशर करोड़पति निकला। इस बात का खुलासा जबलपुर आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ द्वारा नरसिंहपुर आवास में दी गई दबिश में हुआ। नरसिंहपुर में पांच आलीशान मकान, कॉमन बायो केमिकल वेस्ट फैक्टरी सहित करीब पांच करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ है।


Author: Jai Lok
