
जबलपुर (जय लोक)। एक ऐसी विवादित समिति जिसके ऊपर कुछ समय पूर्व ही एक करोड़ 29 लाख रुपए की गड़बड़ी के आरोप लगे थे, इन आरोपों के बाद समिति प्रबंधक सुनील साहू पर पहले से ही पुलिस ने अपराध दर्ज किया है। इस वेयरहाउस के मालिक अमृत प्यासी पर भी गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। गुरुजी वेयरहाउस परिसर में रखी धन का मिलान ना होने के कारण प्रशासन ने उसे उठाने से मना कर दिया था। इसके बाद इस समिति के बोरों में धान को भरकर रख दिया गया था। 2 दिन पहले ही कलेक्टर दीपक सक्सेना ने समीक्षा बैठक में जाँच में हो रही ढिलाई को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिकारियों की खिंचाई भी की थी। सूत्रों के अनुसार आग लगने की घटना के पूर्व ही जांच करने के उद्देश्य से यहां पर जाँच दल पहुंचा था। इसके बाद ही देर रात यहां पर आग लगने की घटना हुई। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस पूरे मामले को संदिग्ध मानते हुए आग लगने की घटना की प्रारंभिक जांच करवाई जिसमें यह बात निकलकर सामने आई है कि गुरुजी वेयरहाउस में जहां पर धान रखी गई थी उक्त स्थान पर चारों ओर से आग लगना प्रतीत हो रहा है। कलेक्टर श्री सक्सेना ने स्पष्ट कहा है कि यह आग लगी नहीं है लगाई गई है। इसके बाद इस प्रकरण को लेकर भी एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
पुलिस में शिकायत अमृत प्यासी निवासी घड़ी चौक विजय नगर के द्वारा की गई है जिसमें उसने यह लिखा है कि किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा जानबूझकर 5 जून की रात करीब 11:00 गुरुजी वेयरहाउस के सामने परिसर में बोरियों में रखी धान के चारों तरफ से आग लगाई है। जिसमें कुल 5128 धान की बोरियों में से करीब 1000 बोरियों में रखी धान जलकर नष्ट हो गई है जिसकी कीमत लगभग 9 लाख रुपए है। शिकायतकर्ता के रूप में अमृत प्यासी ने ही यह जानकारी दी है कि कटंगी 13 मिल में उसके दो वेयरहाउस और एक राइस मिल है और कुसली लोहरी में उसकी बहन अजीत जैन की गुरुजी वेयरहाउस के नाम से दो वेयरहाउस है जिसकी देखरेख भी वही करता है। वेयरहाउस में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा हुआ है। चूँकि इस मामले में पूर्व से पुलिस में प्रकरण दर्ज है धान को वेयरहाउस के अंदर ना रख कर बाहर रखा गया था।

कलेक्टर ने दिए थे धान के नीलामी के आदेश
एक माह पूर्व ही कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस संबंध निर्देश जारी किए थे कि वेयरहाउस के बाहर जितनी भी धान रखी उसकी नीलामी की जाए। इसी क्रम में 5 जून को तहसीलदार पाटन, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी आभा शर्मा, कृष्ण कुमार गर्ग समिति प्रबंधक के द्वारा धान की बोरियों की गिनती की गई थी और पंचनामा तैयार किया गया था। बाद में धान की बोरियों को अलग स्थान से उठाकर एक जगह एकत्रित कर रखा गया था और प्लास्टिक की पन्नी की त्रिपाल से ढक दिया गया था। पूरी प्रक्रिया 5 जून की शाम को 5 बजे समाप्त हो गई थी और सभी लोग वहां से चले गए थे। रात 12 बजे अमित पासी के पास फोन आया और उन्हें बताया कि वेयरहाउस के बाहर रखी हुई धान में आग लग गई है। यह आग फायर ब्रिगेड के द्वारा सुबह 5 बजे बुझाई जा सकी। यही से यह पूरा मामला संदिग्ध नजर आ रहा है। प्रशासन को पूरी आशंका है कि यह आग जानबूझकर लगाई गई है।
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Author: Jai Lok
