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लापरवाहियों के लिए बदनाम हो रही धन्वंतरि नगर चौकी, जाँच के नाम पर दागी एएसआई हटने के बाद यही जमें है

23 जनवरी को हुआ था भीषण हादसा, एसपी के निर्देश के बावजूद भी 1 फरवरी को दर्ज हो पाई एफआईआर

जबलपुर (जयलोक)। 22-23 जनवरी की दरमियानी रात भेड़ाघाट बाईपास के पास हुए एक भीषण सडक़ हादसे में एक्सयूवी वाहन चालक को गंभीर चोटे आई और उसका वाहन बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया। दुर्घटना कितनी गंभीर थी यह वाहन की हालत देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है। इस हिसाब से धनवंतरी नगर पुलिस चौकी की लापरवाही का अंदाजा लगाया जा सकता है। घटना के आठ दिन बाद तक अस्पताल से सूचना मिलने के बावजूद भी चौकी प्रभारी ने संज्ञान नहीं लिया और ना ही चौकी में किसी अन्य कर्मचारियों को बयान लेने कार्रवाई करने हेतु अस्पताल भेजा। लापरवाही का क्रम यही नहीं रुका बल्कि पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय के संज्ञान में यह मामला आ जाने के बाद उन्होंने अधीनस्थ अधिकारियों को तत्काल एफआईआर करने के निर्देश दिए लेकिन उसके बाद भी चौकी प्रभारी आशुतोष मिश्रा को पुलिस अधीक्षक का निर्देश का पालन करने में 48 घंटे लग गए। इस प्रकार के रवैया को पुलिस विभाग के लिए बिल्कुल भी अच्छा संदेश नहीं माना जा सकता है। रिपोर्ट भी तब लिखी गई जब दुर्घटना में घायल हुए दीपक पटेल खुद ही पुलिस के पास अपनी फरियाद लेकर पहुँचे। धनवंतरी नगर पुलिस चौकी अपने इसी प्रकार की लापरवाही पूर्ण कार्यशैली के लिए बदनाम हो रही है। सामान्य रूप से आदमी को यहां पर केवल भटकाया जा रहा है। कुछ समय पूर्वी एक एएसआई की करतूतों के कारण भी इस चौकी की कार्य प्रणाली चर्चा में थी। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने उक्त एएसआई को लाइन भेज दिया था। लेकिन पुरानी जाँच के नाम पर और एक फरार चर्चित इनामी अपराधी के बारे में जाँच करने के नाम पर इन्हें वापस चौकी बुलाया गया। लेकिन यह स्थाई रूप से यही जम गए और पूरी चौकी का संचालन स्वयं संभालने लगे। विवादित आदमी विवादित कर्मों के कारण अधिक चर्चित होता है इसलिए एक बार फिर से सारी बातें चर्चा में आ गई हंै। पुलिस विभाग के सूत्रों ने बताया कि कुछ दिनों पहले सीएसपी स्तर के अधिकारी ने भी चौकी प्रभारी के व्यवहार और कार्यप्रणाली को लेकर पुलिस कप्तान से शिकायत की थी। उक्त चौकी प्रभारी की कार्यप्रणाली विभाग में भी काफी चर्चा में रहती है और ऐसी लापरवाही करने वालों का रवैया अनुशासन को खराब करने के लिए पर्याप्त है।
अब जो मामला प्रकाश में आया है उसमें भी लापरवाही सामने आई है। सुधा बिहार रामपुर निवासी वेयर हाउस संचालक दीपक पटेल 22 जनवरी को अपने वेयर हाउस गोसलपुर ग्राम सिलुआ गए थे। रात करीब 2 बजे जब वह घर लौट रहे थे तभी धनवंतरी नगर चौकी अंतर्गत निशान कार शोरूम के समीप तेज रफ्तार अज्ञात ट्रक चालक ने उनकी एक्सयूवी क्रमांक एमपी 20 सीजी 2976 को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी उनकी गाड़ी डिवाइडर में चढक़र पलट गई। जिसमें उनके हाथ में कई जगह फ्रैक्चर, मुंह, नाक में गंभीर चोट भी पहुंची थी। घटना के बाद घायल को 108 की सहायता से त्रिवेणी हेल्थ केयर में भर्ती कराया गया जहां 24 जनवरी को ऑपरेशन के पहले अस्पताल से संजीवनी नगर पुलिस को बतौर तहरीर भेजकर सूचना दी गई। 27 जनवरी को अस्पताल से डिस्चार्ज उपरांत वह घर पहुंच गए। लेकिन पुलिस ने एफआईआर तो दूर की बात बयान लेना तक उचित नहीं समझा।
संजीवनी नगर टीआई बीडी द्विवेदी और धनवंतरी नगर चौकी प्रभारी आशुतोष मिश्रा को इस भीषण सडक़ हादसे के बाद रिपोर्ट दर्ज करने में  आठ दिन का समय लग गया। पीडि़त और घटना के प्रति टाला टूली वाला रवैया ऐसा था कि पुलिस अधीक्षक के बोलने के बाद भी 48 घंटे रिपोर्ट लिखने में लगे। जब थाने और चौकी से कोई सुनवाई की उम्मीद नहीं लगी तो पीडि़त घायल खुद ही थाने पहुँच गया। पीडि़त दीपक पटेल ने बताया कि घटना में उसकी कार पूरी तरह से डैमेज हो गई थी। बगैर एफआईआर के कंपनी में इंश्योरेंस को लेकर बार-बार इश्यू बन रहा था। जिसकी जानकारी उनके द्वारा सीएसपी पांडेय को भी दी गई थी। जिस पर उन्होंने अगले दिन एफआईआर की बात कही। लेकिन जब कोई नहीं आया तो मजबूरी में उनको खुद घायल अवस्था में चौकी जाना पड़ा। ऐसी लापरवाही वाली कार्यप्रणाली पुलिस के छवि के लिए नुकसानदायक हो सकती है।

 

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Jai Lok
Author: Jai Lok

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