पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी पहुँचे
जबलपुर (जय लोक)। आज शनिवार को दोपहर बाद 12:30 के करीब वाहन चेकिंग के दौरान जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और एक उपनिरीक्षक के बीच वाहन चेकिंग की बात को लेकर हुआ विवाद तूल पड़ गया और मामला बेहद गर्म हो गया। जिसके बाद अधिवक्ता और अधिकारी के बीच हाथापाई हो गई। जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारी के साथ पुलिस अधिकारी के विवाद की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में वकील थाने पहुँच गए और हंगामा का दौर शुरू हो गया।
घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला बार एसोसिएशन के सचिव ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी किसी कार्य से माढ़ोताल थाने के सामने से वाहन द्वारा गुजर रहे थे। यहाँ पर माढ़ोताल थाने के स्टाफ द्वारा पॉइंट लगाकर वाहन चेकिंग की जा रही थी। पुलिस ने अधिवक्ता त्रिपाठी के वाहन को भी रोका इस दौरान ड्यूटी पर मौजूद उपनिरीक्षक बिजेंद्र तिवारी और अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी के बीच में किसी बात को लेकर बहस बाजी शुरू हो गई। प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि बहसबाजी जल्द ही तनाव पूर्ण हो गई और दोनों के बीच थप्पड़बाजी और धक्का मुक्की और झूमाझटकी शुरू हो गई। वहाँ मौजूद ड्यूटी पर तैनात हवलदार और सिपाहियों ने तत्काल बीच बचाव किया और मामले को शांत करने का प्रयास किया। लेकिन स्थिति और हंगामेदार हो गई। जिला बार एसोसिएशन सचिव अधिवक्ता त्रिपाठी के साथ हुए गाड़ी के विवाद को लेकर बड़ी संख्या में वकील थाने में एकत्रित हो गए। दोनों पक्षों का कहना यह था कि पहले सामने वाले ने हाथ उठाया। समाचार लिखे जाने तक थाने में बड़ी संख्या में वकील एकत्रित थे। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता मनीष मिश्रा बड़ी संख्या में अपने साथी वकीलों के साथ थाने पहुँच गए थे। हंगामा की सूचना मिलते ही सीएसपी बीबीएस गौठरिया सहित आसपास के थानों का बल भी सुरक्षा की दृष्टि से माढ़ोताल थाने पहुँच गया था।
एफआईआर दर्ज करने की माँग
थाने परिसर में बड़ी संख्या में एकत्रित हुए वकील इस बात की मांग को लेकर अड़े हुए थे कि संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ अधिवक्ता से मारपीट करने, दुव्र्यवहार करने के लिए एफआईआर दर्ज की जाए। वहीं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना था कि ड्यूटी पर तैनात पुलिस उपनिरीक्षक बिजेंद्र तिवारी और अन्य पुलिस कर्मियों का कहना है कि, अधिवक्ता त्रिपाठी एवं उनके साथियों द्वारा चेकिंग की कार्रवाई का विरोध करते हुए विवाद की स्थिति और उत्पन्न की गई और झूमाझटकी और मारपीट की गई। इसीलिए दोषी अधिवक्ता को चिन्हित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। इस दौरान थाने परिसर में उपस्थित अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
इनका कहना है
सुबह वाहन चेकिंग के दौरान अधिवक्ता एवं पुलिस अधिकारी के बीच किसी बात को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई। अधिवक्ता से चर्चा चल रही है। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर हाथापाई धक्का मुक्की के आरोप लगाए हैं।
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