पहलगाम हमले को मोदी-शाह की साजिश बताने पर
हिमंता बोले- ऐसे गद्दारों को छोड़ेंगे नहीं
गुवाहाटी। हमें शक है कि फरवरी 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुआ हमला और 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 लोगों की हत्या सरकार की साजिश थी। अगर केंद्र सरकार इसकी निष्पक्ष जाँच नहीं करती है। बल्कि इसके जरिए देश में हिंदू-मुस्लिमों को बांटने की राजनीति करती है, तो हम समझ जाएंगे कि ये अमित शाह और नरेंद्र मोदी की साजिश के तहत हुआ है।
असम के धिंग से इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट विधायक हाजी अमीनुल इस्लाम ने ये बयान पहलगाम आतंकी हमले के अगले दिन यानी 23 अप्रैल को दिया। वे नगांव में पंचायत चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार का प्रचार कर रहे थे। 24 अप्रैल को अमीनुल पर राजद्रोह का केस हुआ और उन्हें अरेस्ट कर लिया गया।
भाजपा ने उनके बयान को राष्ट्रविरोधी बताया। वहीं उनकी पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने बयान से दूरी बना ली। पहलगाम हमले पर विवादित कमेंट करने वाले अमीनुल अकेले नहीं है। सिर्फ असम में ही पहलगाम पर भडक़ाऊ और देश विरोधी कमेंट करने के आरोप में अब तक हाजी अमीनुल समेत 16 लोग अरेस्ट किए जा चुके हैं।
हाजी अमीनुल इस्लाम आखिर कौन हैं? उन पर क्या कार्रवाई की जाएगी? पहलगाम आतंकी हमले के बाद से असम में क्या माहौल है? पहलगाम पर देशद्रोही कमेंट करने वाले बाकी 15 लोग कौन हैं। ये समझने के लिए हमने असम की सीनियर जर्नलिस्ट और पॉलिटिकल पार्टीज से बात की।
कश्मीर में बार-बार सरकार करा रही ऐसी घटनाएँ
24 अप्रैल को नगांव में हाजी अमीनुल इस्लाम पंचायत चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे थे। यहां उन्होंने असमिया भाषा में पहलगाम हमले पर बयान दिया।
6 साल पहले जब पुलवामा में 300 किलोग्राम आरडीएक्स बरामद हुआ था, उस विस्फोट में भारत के करीब 42 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। तब मैंने कहा था कि इसमें सरकार की साजिश है। देश में सांप्रदायिक ध्रूवीकरण करके 2019 के लोकसभा चुनाव में जीतने के लिए सरकार की साजिश के तहत पुलवामा अटैक हुआ था। तब भी मैंने निष्पक्ष जांच की मांग की थी।
इन 6 सालों में केंद्र सरकार ने पुलवामा मामले की जांच नहीं की। ये 300 किलो आरडीएक्स कैसे सीआरपीएफ के काफिले में पहुंचा और कश्मीर के हाई सिक्योरिटी जोन में इसे कौन और कैसे लाया। केंद्र सरकार ने आज तक इसकी जाँच नहीं की और न ही जनता को इसकी असली वजह पता चल सकी।
‘पहलगाम में जो गोलीबारी की घटना हुई, उसे लेकर भाजपा पूरे भारत में प्रचार कर रही है कि वहां आतंकवादियों ने लोगों से नाम पूछकर गोली मारी। जो हिंदू थे, उन्हें गोली मारी और मुसलमानों को छोड़ दिया। जबकि पीडि़तों ने बयान दिया है कि वहां किसी से नाम नहीं पूछा गया। उन्होंने चुपके से गोलीबारी की।
‘हमें शक है कि पुलवामा में जिस साजिशकर्ता ने 300 किलोग्राम आरडीएक्स लाकर फरवरी 2019 में बम ब्लास्ट किया और 42 जवानों को शहीद किया, उसी साजिशकर्ता ने पहलगाम की घटना को भी अंजाम दिया। हम मांग करते हैं कि पहलगाम में हुई घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। अगर ये जाँच नहीं होती है तो हम ये मानने के लिए मजबूर हो जाएंगे कि पहलगाम का हत्याकांड भी उन्होंने ही करवाया है।
देश पर हमले के वक्त ऐसा बयान गलत, हम सरकार के साथ खड़े
हाजी अमीनुल के इस बयान के बाद उनकी पार्टी इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने ही उनसे किनारा कर लिया है। हमने पार्टी प्रवक्ता अमीनुल इस्लाम से बात की। वे हाजी अमीनुल के बयान को उनके निजी विचार बताते हैं। पंचायत चुनाव में सीनियर लीडरशिप की व्यस्तता का जिक्र करते हुए वे कहते हैं, ‘इस मुद्दे पर बैठक नहीं हो पाई है।
पार्टी चीफ बदरुद्दीन अजमल बीमारी की वजह से असम से बाहर गए हैं। बाकी लीडर पंचायत चुनाव में व्यस्त हैं। हम साथ बैठकर अमीनुल पर फैसला लेंगे। उन पर जो आरोप लगे हैं वो साबित हुए तो कार्रवाई जरूर होगी। पार्टी ने फिलहाल एक आंतरिक कमेटी बनाकर जांच शुरू कर दी है। देश पर हमले के समय ऐसा बयान गलत है, हम पुलिस की जांच में मदद करेंगे।
इससे पहले इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट चीफ बदरुद्दीन अजमल ने भी विधायक के बयान को पार्टी की राय से अलग बताया था। उन्होंने कहा, ‘मैंने उनका बयान सुना है और ये दुर्भाग्यपूर्ण है। अमीनुल के विचार उनके व्यक्तिगत विचार हैं। ये पार्टी की ऑफिशियल सोच नहीं है। हाजी अमीनुल इस्लाम असम के धिंग से लगातार 3 बार से इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के टिकट पर विधायक बनते आए हैं। धिंग विधानसभा क्षेत्र असम के नगांव जिले में आता है। ये इलाका ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट का गढ़ माना जाता है।
