
जबलपुर (जयलोक)। दो गांवों और शहर से ग्रामीणों को जोडऩे वाला जामतरा पुल एक ऐतिहासिक पुल है, जो नर्मदा नदी पर स्थित है। इसका धार्मिक महत्व भी है क्योंकि यहां पर नर्मदा नदी में गौर नदी का संगम होता है। इस पुल को 1903 में अंग्रेजों ने बनाया था। यह पुल अपनी इंजीनियरिंग कला और सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यह पुल एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी बन चुका है, जहाँ लोग सुंदर दृश्य देखने के लिए आतेे हैं। हाल ही में, इस पुल को बचाने के लिए एक अभियान भी शुरू हुआ था, क्योंकि रेलवे ने इसे तोडऩे का फैसला लिया था। कुछ दिनों तक चले हंगामें और प्रदर्शन के बाद तोडऩे का काम रोक दिया गया। लेकिन अचानक फिर इस ऐतिहासिक धरोहर को तोड़ा जा रहा है। रातों रात पुल को गैस कटर से काटकर तोडऩे के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं।
संदिग्ध है कबाड़ी को बेचने की कहानी – ठेकेदार के द्वारा लगाए गए लोग और वहां मौजूद कुछ खाकी वर्दी वालों ने ग्रामीणों को हडक़ाया और कहा कि कबाड़ी को यह पुल रेलवे ने बेच दिया है। लेकिन खास बात यह है कि अब तक इसके कोई पुख्ता सबूत और साक्ष्य दस्तावेज के रूप में सामने नहीं आये हंै। जिससे यह साबित हो सके कि यह पुल कबाड़ी को बेचा गया है। जिस प्रकार से पुल को काटने का कार्य किया जा रहा है वह पूरी पद्धति संदिग्ध है।
शनिवार-रविवार के दिन जानबूझकर किया जा रहा कार्य – सूत्रों का कहना है कि अगर पुल कबाड़ी को बेचा गया था तो इसको तोडऩे के पूर्व आसपास के ग्रामीणों को किसी प्रकार के नोटिस नहीं दिए गए ना ही किसी प्रकार की मुनादी या सूचना करवाई गई। चोरी छुपे तरीके से वहीं कुछ लोग शनिवार-रविवार को छुट्टी के दिन पुल को गैस कटर से काट रहे हैं। जिसको लेकर ग्रामीणों में गुस्सा पनप रहा है।
घरेलू गैस सिलेंडर से काट रहे पुल – सूत्रों के अनुसार जो वीडियो सामने आए हैं उसमें स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि ठेकेदार के द्वारा लगाए गए लोगों और कुछ खाकी वर्दी में खड़े हुए लोग घरेलू गैस सिलेंडर से नियम विरुद्ध तरीके से पुल के नीचे लगी मजबूत लोहे की चादरों को काट रहे हैं। यह व्यावसायिक तरीका बिल्कुल भी नजर नहीं आ रहा है क्योंकि अगर पुल को वास्तविक कबाड़ी को बेचा गया होता तो वह योजनाबद्ध तरीके से पुल को खोलने का कार्य कराता।
हेरिटेज ब्रिज पर्यटकों के बीच में काफी लोकप्रिय, बन सकता है अच्छा स्थान – करीब 17 किलोमीटर की दूरी पर गौर क्षेत्र में स्थित जमतरा ब्रिज पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह है, ढलते सूरज के साथ तस्वीर लेने और प्रकृति का आनंद लेने यहां प्रतिदिन आसपास के लोग पहुँचते हैं। यहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग नर्मदा दर्शन और इस अद्भुत इंजीनियरिंग और सौंदर्य को देखने के लिए आते हैं। यह पुल आज भी मजबूती के साथ खड़ा हुआ है और इस पर पैदल आवागमन वालों के लिए पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं।
सैकड़ों गांव वालों के आने-जाने का रास्ता – जमतरा पुल एक आवागमन का भी एक महत्वपूर्ण जरिया है। बरगी विधानसभा क्षेत्र के खिरैनी से लेकर मुहासा तक के क्षेत्र से लगे अन्य क्षेत्र के लोग जबलपुर आने के लिए इसी पुल का उपयोग करते हैं।
स्कूली बच्चों के सामने बड़ा संकट – इस पुल का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्चे जबलपुर से लगे हुए स्कूलों में आने के लिए भी करते हैं। इस पर पर चौपाइयां वाहनों को पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया था। केवल दो पहिया वाहन और पैदल आने-जाने वाले लोग ही इसका उपयोग करते थे। बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे भी इसी
पुल के जरिए आसानी से जबलपुर की ओर स्कूलों तक आते जाते थे। अब उनके सामने स्कूल जाने का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। यह डेढ़ किलोमीटर का पुल बंद हो जाने से अब उन्हें लगभग 15 किलोमीटर का सफर घूम कर तय करना होगा।
इस पुल का निर्माण सन 1903 में अंग्रेजी शासन काल के दौरान करवाया गया था, जो जबलपुर को बालाघाट नैनपुर से रेलवे मार्ग से जोड़ता था। ब्रॉडगेज के नए पुल का निर्माण होने के बाद और छोटी लाइन ट्रेन के बंद हो जाने के बाद पुल की हालत जर्जर बता कर कुछ वर्ष पहले इसे रेलवे प्रशासन द्वारा बंद करवा दिया गया था। जिसके बाद यह पुल पर्यटकों और ग्रामीणों के लिए आने जाने का एक सुलभ मार्ग बन गया। लेकिन पुल को तोड़े जाने से ग्रामीणों का यह मार्ग अब उनसे छीना जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ लोग गैस कटर लेकर इस एतिहासिक पुल को काट रहे हैं। पुल का काफी हिस्सा गैस कटर से काट दिया गया है। जिससे अब यहां से गुजरना खतरा बन गया है।
मनोरम स्थल – पुल पर खड़े होकर आपको पूरे शहर का काफी खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है, यह लोहे का पुल माँ नर्मदा पर बना हुआ है। इस ब्रिज पर खड़े होकर चारों तरफ का नजारा देखने से संस्कारधानी की अद्भुत सुंदरता और हरियाली सभी को आश्चर्यचकित कर देती है। शहरवासियों द्वारा जबलपुर आए लोगों को जमतरा घूमने का सुझाव सबसे पहले दिया जाता है। नर्मदा नदी पर बने इस पुल के नीचे एक अति सुंदर घाट भी है जिसके किनारे पर लोग विभिन्न व्रत, अनुष्ठान, मुंडन आदि भी किया करते हैं। इस घाट पर लोग स्नान भी करते हैं और माँ नर्मदा का पूजन अर्चन करते हैं। इस जगह से आपको ढलते हुए सूरज का दृश्य काफी खूबसूरत दिखाई देता है साथ ही इस पुल के बीचों-बीच खड़े होकर अगर चारों तरफ देखेंगे तो माँ नर्मदा का यहाँ विहंगम दृश्य काफी खूबसूरत दिखाई देता है।

करेंगे आंदोलन-सौरभ शर्मा
इस मामले में कांगे्रस नगर अध्यक्ष सौरभ शमा ने कहा जमतरा शहर की एतिहासिक धरोहर है। उसे टूटने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए कल कांगे्रस कार्यकर्ता कल पुल पर जाएंगे और पुल को तोडऩे के खिलाफ विरोध जताएंगे।
दिल्ली में हूँ आते ही रेलवे के अधिकारियों और ग्रामीणों से चर्चा करेंगे- सांसद आशीष दुबे
जबलपुर सांसद आशीष दुबे के संज्ञान में जय लोक ने इस पूरे मामले को लाया है। सांसद आशीष दुबे ने कहा कि वे वर्तमान में दिल्ली प्रवास पर हैं और जबलपुर आते ही रेलवे के अधिकारियों से एवं ग्रामीणों से मिलकर इस पूरे विषय पर चर्चा करेंगे और प्रयास किया जाएगा कि इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाया जा सके।

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Author: Jai Lok
