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शिव की निराशा को मोहन ने बदला आशा में

डीए से लेकर तमाम भत्तों की भरपाई की कवायद जारी

भोपाल (जय लोक)। प्रदेश में करीब डेढ़ दशक तक सत्ता में रही शिव सरकार का पूरा फोकस चुनाव जीतने पर रहा, जिसकी वजह से वे ऐसे निर्णय लेते रहे, जिससे सरकारी खजाना तो खाली हुआ ही साथ ही कर्मचारियों और मध्यमवर्गीय लोगों में नाराजगी पैदा होती रही। अब प्रदेश में सरकार बदली है तो लोगों की नई उम्मीदें जागी, जिस पर अब मोहन सरकार खरा उतरने का लगातार प्रयास कर रही है। खाली खजाने के बाद भी मोहन सरकार ने पहले डीए के लगातार बढ़ रहे अंतर को पाटने का प्रयास किया और अब कर्मचारियों को मिलने वाले तमाम भत्तों में 14 साल बाद बढ़ोत्तरी कर राहत देने का प्रयास किया है। इसे मोहन सरकार के बड़े फैसलों में से एक माना जा रहा है। इसकी वजह है यह निर्णय ऐसे समय लिया गया है जब पूर्व सरकार की नीतियों की वजह से उन्हें सरकारी खजाना खाली मिला है। इसके तहत अब मोहन सरकार ने अपने कर्मचारियों को राहत देने के लिए यात्रा, आवास, दोहरा कार्य, अनुग्रह समेत अन्य भत्तों में वृद्धि कर दी है। सरकार ने करीब 14 साल बाद शासकीय सेवकों के भत्तों में वृद्धि की है। इसको लेकर वित्त विभाग द्वारा भी आदेश जारी कर कर्मचारियों को नवरात्रि पर्व का तोहफा दिया गया है। जारी आदेश के मुताबिक शासकीय  सेवकों के संवर्गों के स्थाई यात्रा भत्ता की दरों को पुनरीक्षित किया है। जिसके तहत राजस्व निरीक्षक 630, पशु क्षेत्राधिकारी 630, विक्रय अमीन 630, पंचायत -समन्वय अधिकारी 630, जिलों – में भ्रत्य जमादार 525, चेनमेन – वन 525, प्रोसेस सर्वर 525, – पटवारी 525, प्रधान आरक्षक – 420, आरक्षक को 260 रुपए भत्ता मिलेगा। इसी तरह से शासकीय सेवक  की मृत्यु पर वेतन के 6 गुना के बराबर अधिकतम 1 लाख 25 हजार रुपए अनुग्रह राशि दी जाएगी।  उच्च पद का काम करने पर भत्ता शासकीय सेवक को जिस उच्च पद का अतिरिक्त कार्य दिया जाता है, उनके मूल पद से आगामी पद के वेतनमान में प्रारंभिक मूल वेतन, जो भी कम हो, पर देय एक वेतनवृद्धि के तुल्य के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।

गृह भत्ता में वृद्धि
7 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के अनुसार मूल वेतन का 10 फीसदी। 7 लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए मूल वेतन का 7 फीसदी और 3 लाख से कम आबादी वाले नगरों के लिए 5 फीसदी गृह भाड़ा भत्ता दिया जाएगा। सेवा संवर्ग, संविदा, जिन्हें सरकार आवास आवंटित हैं, उन्हें गृह भाड़ा भत्ता नहीं मिलेगा।
चिकित्सकों को 20 फीसदी तक अव्यवसायिक भत्ता
जिन चिकित्सकों को वर्तमान में अव्यवसायिक भत्ता की पात्रता है, उन्हें पुनरीक्षित वेतनमान में मेट्रिक्स लेवल में निर्धारित मूल वेतन पर 20 प्रतिशत की दर से अव्यवसायिक भत्ता स्वीकृत किया जाए। अव्यवसायिक भत्ता स्वीकृत करने की शर्तें पहले जैसी ही रहेंगी।

ठहराव भत्ता
सरकार ने शासकीय सेवकों के ग्रेड पे के आधार पर यात्रा, ठहराव भत्ता स्वीकृत किए हैं। इसके लिए अधिकारी कर्मचारियों को पांच श्रेणियों में बांटा है। आदेश के अनुसार सभी कर्मचारी एसी होटल में ठहर सकेंगे। लेकिन कमरे की पात्रता अलग अलग रहेगी। दिल्ली मुंबई में अधिकारी 7400 रुपए का कमरा ले सकेंगे। जबकि ई श्रेणी के कर्मचारी को 1000 के कक्ष की पात्रता है। इसी तरह प्रदेश के 4 बड़े शहरों में अधिकारी 5500 रुपए का कक्ष ले सकेंगे। जबकि ई श्रेणी के कर्मचारी 700 रुपए के पात्र हैं। इसके अलावा तबादलों पर सामान ढोने से लेकर चढ़ाने, उतारने के भी दाम तय किए हैं। ए एवं बी श्रेणी के अधिकारी को तबादले पर 40 रुपए प्रति किमी की दर से भाड़ा मिलेगा। जबकि सी एवं डी श्रेणी को 25 रुपए और ई श्रेणी को 15 रुपए प्रति किमी की दर से भाड़ा मिलेगा।  हवाई यात्रा में सिर्फ ए श्रेणी के अधिकारियों को इकॉनॉमी क्लास में यात्रा की पात्राता रहेगी। मंत्रियों को एक्जीक्यूटिव या बिजनेस क्लास में सफर की पात्रता रहेगी। इसके अलावा स्वयं, सरकारी वाहन से यात्रा की अलग-अलग दरें निर्धारित की गई हैं।

कुएँ में मिले खमरिया फैक्ट्री के कारतूस और हैंड ग्रेनेड

Jai Lok
Author: Jai Lok

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