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संघर्ष, पुरुषार्थ और परमार्थ की त्रिवेणी थे आरपी अग्रवाल जी

संच्चिदानंद शेकटकर
प्रधान संपादक

संदर्भ : आज प्रार्थना सभा।

विधि जगत में वरिष्ठ अधिवक्ता आरपी अग्रवाल जी का नाम बहुत ही आदर और श्रद्धा के साथ लिया जाता रहा है। वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। वरिष्ठ पत्रकार दैनिक जयलोक के संस्थापक श्री अजित वर्मा जी जब दैनिक नवीन दुनिया में काम करते थे तब पंडित मुंदर शर्मा पत्रकार संघ के अध्यक्ष थे। शर्मा जी के साथ अजित वर्मा जी भी अग्रवाल जी के यहां जाया करते रहे। तब अजित भैया के साथ अग्रवाल जी के यहां मेरे भी आने-जाने की शुरुआत हुई। तब वे घमापुर चौक में सेठ चंपालाल के बाड़े में रहा करते थे। बाद में वे नेपियर टाउन में रहने आ गये। हमारी उनसे 50 वर्ष से अधिक की निकटता रही है। उन्होंने एक अग्रज की तरह हमें अपना सहयोग और संरक्षण भी दिया। अजित वर्मा जी ने अग्रवाल साहब से ऐसी निकटता बनाई कि उन्हें जबलपुर पत्रकार संघ से भी जोड़ा और वे आजीवन पत्रकार संघ से जुड़े रहे। जब पत्रकार संघ ने पत्रकार कॉलोनी बनाने की योजना बनाई तब इस योजना में अग्रवाल जी की भी सहभागिता रही है और वे तो इस पत्रकार कॉलोनी में ही स्थाई रूप से अपना निवास बना कर रहने लगे। फिर तो यहां हमारे आने जाने की रफ्तार और भी तेज हो गई। अग्रवाल जी को जिन्होंने बहुत निकट से जाना है उनके लिए वह संघर्ष, पुरुषार्थ और परमार्थ की त्रिवेणी थे।
89 वर्ष की आयु का भरपूर जीवन जीने वाले अग्रवाल जी का प्रारंभिक जीवन बहुत ही संघर्ष भरा रहा है। वे जब अपने गृह जिले चित्रकूट कर्वी से जबलपुर आए तब उन्होंने यहां आकर वकालत का काम शुरू किया। उनके संघर्ष भरे जीवन के बारे में वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर नीखरा ने शोक सभा में बतलाया था कि वह जब जबलपुर आए तब कुछ समय उन्होंने राजा गोकुलदास की धर्मशाला में अपने रहने के लिए एक कमरा लिया हुआ था। यह धर्मशाला हाई कोर्ट के पास थी इसलिए अग्रवाल जी पैदल चलकर ही न्यायालय आया जाया करते थे। जब वकालत में कुछ कामयाब होने की शुरुआत की तब उन्होंने सबसे पहले अपने लिए 17 रुपए में एक साइकिल खरीदी और फिर वे साइकिल से कोर्ट आने जाने लगे।                                       आर पी अग्रवाल जी ने अपनी वकालत के लिए जीतोड़ मेहनत की और उनकी निरंतर मेहनत का यह नतीजा रहा है कि अग्रवाल जी कुछ ही समय के पश्चात अपनी वकालत की धाक जमाने लगे। अग्रवाल जी ने अपने वकालत के ज्ञान और अनुभव के आधार पर सफलता के लगातार बड़े-बड़े मुकाम कायम किये। उनकी वकालत की कामयाबी का वह दौर भी आया जब अग्रवाल जी भारतीय जीवन बीमा निगम से लेकर कई प्रतिष्ठित बड़े-बड़े बैंकों के अधिवक्ता भी बन गए। कई बड़े व्यवसाईयों और उद्योगपतियों के भी वे वकील रहे ।
आर पी अग्रवाल जी ने चुनावी याचिकाओं के मामले लडऩे में भी महारत हासिल कर ली और वे प्रदेश के कई बड़े-बड़े नेताओं की चुनावी याचिकाओं को दायर करते रहे। अग्रवाल जी  पराजित नेताओं की चुनावी याचिकाओं को दायर करते थे और विजयी हुए नेताओं के खिलाफ भी जो याचिकाएं दायर होती थीं तब ऐसे विजयी नेताओं का भी बचाव भी न्यायालय में करते रहे। अग्रवाल जी ने वकालत के साथ-साथ समाज सेवा के भी कई कार्य किये। आप अग्रवाल समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण सहयोगी की भूमिका निभाते रहे हैं। समाज की संपत्तियां को लेकर भी वे कानूनी मदद करते रहे। वहीं उनकी वकालत के क्षेत्र में ऐसी प्रतिष्ठा बढ़ी कि उनको मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में अतिरिक्त महाधिवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा भी दिया गया।
अग्रवाल जी वकीलों के संगठन में भी सक्रिय रहे उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ताओं का एक नया संगठन सीनियर एडवोकेट कौंसिल बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वे इस संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भी बने और कुछ ही समय में अग्रवाल जी ने संगठन को ऐसा सक्रिय किया कि उसकी एक अलग पहचान बन गई। इस संगठन के माध्यम से उन्होने विधि जगत से संबंधित कई बड़े-बड़े आयोजन भी किये।
यह संयोग है कि आर. पी. अग्रवाल जी जिस सीनियर एडवोकेट कोंसिल के संस्थापक अध्यक्ष रहे आज अग्रवाल जी के सुयोग्य पुत्र संजय अग्रवाल भी अभी कुछ ही समय पूर्व अध्यक्ष चुने गए हैं। संजय अग्रवाल जी ने अपने पिताजी के पद चिन्हों पर चलते हुए वकालत में कामयाबी का खुद भी एक बड़ा मुकाम बनाया है और उनकी भी गणना वरिष्ठ अधिवक्ताओं में होने लगी है। आरपी अग्रवाल जी के प्रपौत्र का अभी पिछले महीने ही विवाह हुआ जिसमें उनसे मुझे और जयलोक के संपादक परितोष वर्मा को भेंट करने और उनका आशीर्वाद लेने का अवसर भी मिला। अचानक वे अस्वस्थ हो गए और 13 मार्च को उनका निधन भी हो गया। उनके व्यापक संबंधों का प्रभाव इस बात से ही नजर आया की होली के दूसरे दिन धुरेड़ी जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार के दिन श्री अग्रवाल की अत्येंष्ठी में सैकड़ों लोग शामिल हुए।
जिसमें उच्च न्यायालय के कई न्यायाधीश एवं वरिष्ठ अधिवक्ताओं सहित शहर के सभी वर्गों के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।  श्री अग्रवाल जी के निधन के पश्चात आज उनकी स्मृति में प्रार्थना सभा का आयोजन हो रहा है।          आर पी अग्रवाल जी की स्मृतियां हमेशा हमारे बीच में बनी रहेंगी और उनका त्यागपूर्ण एवं प्रेरणास्पद  व्यक्तित्व सदैव हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा। अग्रवाल जी के चरणों में सादर नमन।

 

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Jai Lok
Author: Jai Lok

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