अब भाँजे और दामाद बनाकर संजय पाठक को जबलपुर का नया नेता बनने की तैयारी, अन्य नेताओं को किया दरकिनार
जबलपुर (जयलोक)। कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए कटनी जिले के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले संजय पाठक का आज 31 अक्टूबर को जन्मदिन है। संजय पाठक के जन्मदिन को बहाना बनाते हुए एक सप्ताह पहले से जबलपुर के हर प्रमुख चौराहों से लेकर हर प्रमुख मार्ग तक उनके व्यावसायिक अनुयायियों ने बड़ी संख्या में फ्लेक्स लगाकर इस बात का संदेश देने का प्रयास किया था कि कटनी के यह नेता अब जबलपुर की राजनीति में अपने पैर जमाने जा रहे हैं। इस राजनीतिक घुसपैठ को लेकर भाजपा के स्थानीय नेताओं में आक्रोश उपजा और बात सामान्य रूप से चर्चा में आ गई फिर यहां से बात भोपाल और दिल्ली तक भी गई। इस बात के कयासों को लेकर अनुमानों और अंदाजों के फटाखें फूट रहे और मन ही मन विचारों की फुलझड़ी छूट रही हैं। जबलपुर भाजपा की राजनीति में भी संजय पाठक ने बड़ी हलचल मचा दी है। बहुत से ऐसे लोग थे जिन्हें संजय पाठक की जबलपुर की राजनीति में अपने पैर जमाने की यह हरकत भविष्य में अपने लिए चुनौती के रूप में नजर आ रही है। इसी क्रम में संजय पाठक के समर्थन में लगाए गए फ्लेक्स भी बुरी तरीके से फाड़ दिए गए। सोशल मीडिया में बहुत से लोगों ने इसकी आलोचना की और इसे भाजपा की नीति के खिलाफ बताया। पूरे घटनाक्रम पर जय लोक ने पूर्व में भी एक खबर प्रकाशित की थी। लेकिन अब विधायक संजय पाठक ने तो इन सभी बातों की पुष्टि करते हुए खुद जबलपुर में अपनी राजनीतिक घुसपैठ का दीपावली बम फोड़ दिया है।
कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा के विधायक संजय पाठक ने जबलपुर में अपने व्यवसायिक अनुयायियों के माध्यम से यहां यह प्रचार प्रसार करवाया है कि वे जबलपुर के एक क्षेत्र के भांजे और एक क्षेत्र के दामाद बनकर जबलपुर की राजनीति में घुसपैठ करेंगे। जबकि अभी तक इतने सालों में इस बात की चर्चा की आवश्यकता किसी को महसूस नहीं हुई है।
जबलपुर के किसी बड़े नेता को नहीं दी जगह, स्पष्ट संदेश हमसे बड़ा कोई नहीं
विधायक संजय पाठक को जबलपुर में प्रचारित प्रसारित करने वालों ने जबलपुर के बड़े नेताओं को जो केंद्र में और वर्तमान में प्रदेश सरकार में अपनी अहम भूमिका अदा कर रहे हैं उनको किसी भी स्तर पर स्थान उपलब्ध नहीं कराया। जिसे यही मानकर देखा जा रहा है कि संजय पाठक को जबलपुर में भाजपा की राजनीति में सबसे प्रभावी और सबसे प्रबल नेता के रूप में पेश किया जा रहा है। इसके साथी इस बात का भी संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है कि विधायक संजय पाठक ही सबसे प्रभावित स्थान रखते हैं। यह बात कई दिलों में रॉकेट की तरह घर कर गई है और रह रह का अनार और चकरी की तरह चिंगारियाँ छोड़ती रहेगी।
कांग्रेसियों के ज्यादा पसंदीदा हैं संजय पाठक
कई सालों पुराना अपना कांग्रेस परिवार छोडक़र भाजपा में शामिल हुए संजय पाठक आज भी कांग्रेसियों के बीच में ज्यादा पसंदीदा हैं। इनके भाजपा में समर्थक कांग्रेस नेताओं की अपेक्षा बहुत कम हैं। उनके प्रचार प्रसार से लेकर व्यापारिक साझेदारों तक कांग्रेस से जुड़े लोगों की अधिक संख्या स्पष्ट नजर आती है। वैसे भी कहा जाता है कि भाजपा में आने वाले कांग्रेसियों को केवल ऊपरी सतह तक ही सक्रिय होने की छूट रहती है इन लोगों को दिलों में नहीं उतर जाता। शायद यही एक बड़ी वजह है कि कांग्रेस पार्टी में बड़ी शख्सियत माने जाने वाले जितने भी लोग पिछले कुछ दौर में भाजपा में गए हैं उन्हें दीपावली के अधजले फटाकों की तरह ही रखा गया है।
