
जबलपुर (जयलोक)
मध्य प्रदेश के सबसे अमीर विधायकों में शामिल उद्योगपति खनिज व्यापारी कटनी के विजयराघवगढ़ के भाजपा के विधायक संजय पाठक की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका जो की खनिज प्रकरण में उनके परिजनों से संबंधित थी उस मामले में विधायक संजय पाठक ने सीधे मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश विशाल मिश्रा से फोन पर संपर्क साधने का प्रयास किया था। इस बात का उल्लेख करते हुए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने इस मामले की सुनवाई करने से मना करते हुए उक्त मामले को मुख्य न्यायाधीश की बेंच की ओर अग्रेषित कर दिया था।
अब इस मामले में विधायक संजय पाठक की ओर से सुनवाई कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने भी इस प्रकरण का हवाला देते हुए अपना वकालतनामा इस केस से वापस ले लिया है। इसके अलावा संजय पाठक से जुड़ी कंपनियों के कानूनी मामले देख रहे चार अन्य वकीलों ने भी विभिन्न मुकदमों से अपना वकालतनामा वापस ले लिया। तात्कालिक स्थिति में न्याय के जानकार इसे संजय पाठक की कंपनियों के लिए बड़ा झटका बता रहे हैं।
अवैध उत्खनन से जुड़े प्रकरण में कटनी निवासी आशुतोष मनु दीक्षित ने ईओडब्लू को एक लिखित शिकायत दी थी।

शिकायत में उन्होंने निर्मला मिनरल्स आनंद माइनिंग कॉरपोरेशन और पेसिफिक एक्सपोटर्स पर हजारों करोड़ के अवैध खनन का आरोप लगाया है। सरकार ने इस प्रकरण की जांच करने के बाद तीनों कंपनियों पर 443 करोड़ रुपए का जुर्माना अधिरोपित किया है।
जबलपुर प्रशासन को करना है जुर्माने की बड़ी राशि की वसूली
इस मामले में हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने जबलपुर जिला प्रशासन और खनिज विभाग को एक पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि जबलपुर जिले की सीमा में संचालित संजय पाठक व उनके परिवार से जुड़ी खदानों पर लगाए गए 443 करोड़ रुपए के जुर्माने की वसूली जबलपुर प्रशासन को करना है। खनिज विभाग ने इससे संबंधित कार्यवाही प्रारंभ कर दी है जल्द ही रिकवरी के लिए नोटिस कंपनियों को प्रेषित किए जाएंगे।इसके अलावा विभिन्न जाँच एजेंसियों के समक्ष भी विधायक संजय पाठक उनके परिजनों से संबंधित कंपनियों के बारे में लगातार शिकायतें हो रही हैं।

भारतीय जनता पार्टी की ओर से अपने विधायक के संबंध में अभी किसी प्रकार का कोई भी अधिकृत बयान जारी नहीं किया गया है।
इसी बीच विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र से ही कांग्रेस के नेताओं के द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के नाम पिछले दिनों स्थानीय तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें उन्होंने विधायक संजय पाठक की विधानसभा से सदस्यता को समाप्त करने की मांग उठाई है।
हर तरफ से लगातार हो रहे हमले के बीच विधायक संजय पाठक को नुकसान पहुंचने के लिए उनके विरोधी भी सक्रिय हो गए हैं। इसमें भाजपा और कांग्रेस के लोग भी शामिल हैं। कांग्रेस के बड़े नेता भी विधायक संजय पाठक को लेकर लगातार बयान बाजी कर रहे हैं।
Author: Jai Lok







