Download Our App

Home » कानून » संभागीय आयुक्त ने 28 बिंदुओं की स्वयं माँगी थी जानकारी:फिर गैर ट्रांसपोर्टरों को कैसे मिली अनुमति

संभागीय आयुक्त ने 28 बिंदुओं की स्वयं माँगी थी जानकारी:फिर गैर ट्रांसपोर्टरों को कैसे मिली अनुमति

जबलपुर (जयलोक)
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने जबलपुर संभागीय आयुक्त को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि वे पाँच बिंदुओं पर आधारित जाँच को निष्पादित करें और ट्रांसपोर्ट नगर चंडाल भाटा में मौजूद 572 प्लाटों की मौजूदा स्थिति के संबंध में जांच पूरी कर निष्पक्ष कार्यवाही करें।
अपीलार्थियों की ओर से बताया गया है कि उच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि पहले जितने भी 572 भूखंडों पर काबिज लोग हैं उनसे दावा आवेदन मांगे जाएं। दावा आवेदन की छटनी की जाए कि कौन वास्तविक ट्रांसपोर्टर है उसकी पहचान की जाए। पहचान करने के बाद जो सही ट्रांसपोर्टर हैं उनके संबंध में अनुशंसा की जाए कि उनकी लीज नवीनीकरण होना चाहिए या नहीं। जिन भूखंडों पर अवैध निर्माण या कब्जे पाए जाते हैं उनके विरुद्ध समय सीमा में कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद संभागीय आयुक्त ने स्वयं एक 28 बिंदुओं का आवेदन फार्म जारी किया। इस फार्म में सभी ट्रांसपोर्टों से जानकारी प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। जानकारों के अनुसार बहुत बड़ी संख्या में ट्रांसपोटरों ने इस 28 बिंदु के फॉर्म को आधा अधूरा भर के जमा किया है। ऐसे लोगों की संख्या 180 के करीब बताई जा रही है। सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब इन 28 बिंदुओं में जानकारी मांगी गई थी जिसमें भूखंड स्वामियों को यह बताना था कि वह ट्रांसपोर्टर है या नहीं उन्हें इस बात के संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने थे जो कि नहीं किए गए। इसके बाद भी उनके दावे मान्य कर दिए गए और उनकी लीज नवीनीकरण की अनुशंसा कर दी गई। इस आधी अधूरी जांच के बाद अपीलार्थियों ने पुन: उच्च न्यायालय की शरण में जाने का निर्णय कर लिया है। क्योंकि अभी भी गैर ट्रांसपोर्टरों को जो की अन्य व्यापार कर रहे हैं उन्हें सिर्फ  इस बात के लिए अनुमति दी गई कि उनके पास 1992 के बाद की लीज है या फिर जिन लोगों ने प्लॉट दोबारा खरीदे और उस वक्त गलत जानकारी देकर लीज का नवीनीकरण करा ली थी, लेकिन वो वास्तविक ट्रांसपोर्टर नहीं हैं।
बिल्टी बुक, जीएसटी नंबर, इनकम टैक्स रिटर्न नहीं दी फिर भी मान लिए गए ट्रांसपोर्टर
शिकायतकर्ताओं ने इस मुद्दे को उठाया की संभागीय आयुक्त द्वारा खुद से 28 बिंदुओं पर हर एक भूखंड धारक से जानकारी मांगी गई। इस जानकारी में वास्तविक ट्रांसपोर्टरों की पहचान करने के लिए उनके विगत 5 साल के प्रमाण पत्र, बिल्टी बुक ,जीएसटी नंबर, इनकम टैक्स रिटर्न एवं अन्य सामान्य व्यापारिक दस्तावेज मांगे गए थे जिससे ट्रांसपोर्टर खुद को वास्तविक ट्रांसपोर्टर प्रमाणित कर सकते थे। लेकिन जिन लोगों ने यह दस्तावेज नहीं प्रस्तुत किए उन्हें भी मान्य किए जाने की बात को चुनौती दी जा रही है।
422 पेज का ऑर्डर, 572 प्लाटों की जाँच रिपोर्ट फिर भी उद्देश्य अधूरा
इस पूरे मामले को उठाने वाले शिकायतकर्ताओं ने कहा है कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर संभागीय आयुक्त की ओर से 422 पेज का आदेश जारी हुआ है।
इस आदेश में 572 भूखंडों की जांच की गई है लेकिन फिर भी जांच का उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है क्योंकि वर्तमान में भी कई ऐसे गैर ट्रांसपोर्टर हैं जिनकी लीज को बिना जाँच के सही मान लिया गया है।

Jai Lok
Author: Jai Lok

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED LATEST NEWS

Home » कानून » संभागीय आयुक्त ने 28 बिंदुओं की स्वयं माँगी थी जानकारी:फिर गैर ट्रांसपोर्टरों को कैसे मिली अनुमति
best news portal development company in india

Top Headlines

धुरेड़ी के दिन जबलपुर में युवक की हत्या, देखिए वीडियो, 5 आरोपियों के पीछे पुलिस जल्द कर लेगी गिरफ्तार

जबलपुर जय लोक अपडेट। बार-बार घर के सामने रंग गुलाल खेल कर गंदा करने की बात पर उपजा विवाद एक

Live Cricket